Book Title: Arhat Vachan 2003 10 Author(s): Anupam Jain Publisher: Kundkund Gyanpith Indore View full book textPage 4
________________ अर्हत् वचन परामर्श मंडल/ Arhat Vacana Advisory Board (2003-04) श्री नरेन्द्रप्रकाश जैन, प्राचार्य Shri Narendra Prakash Jain, Principal 104, नई बस्ती , 104, Nai Basti. फिरोजाबाद-283 203 Firozabad-283203 प्रो. लक्ष्मी चन्द्र जैन Prof. Laxmi Chandra Jain सेवानिवृत्त प्राध्यापक - गणित एवं प्राचार्य Retd. Professor-Mathematics & Principal जबलपुर-482002 Jabalpur-482002 प्रो. राधाचरण गुप्त Prof. Radha Charan Gupta सम्पादक-गणित भारती, Editor-Ganita Bharati, झांसी- 284003 Jhansi-284003 प्रो. पारसमल अग्रवाल Prof. Parasmal Agrawal रसायन भौतिकी समूह, रसायन शास्त्र विभाग Chemical Physics Group, Dept. of Chemistry ओक्लेहोमा विश्वविद्यालय, Oklehoma State University, स्टिलवाटर OK 74078 USA Stillwater OK 74078 USA डॉ. तकाओ हायाशी Dr. Takao Hayashi विज्ञान एवं अभियांत्रिकी शोध संस्थान, Science & Tech. Research Institute, दोशीशा विश्वविद्यालय, Doshisha University, क्योटो-610-03 जापान Kyoto-610-03 Japan प्रो. जे. सी. उपाध्याय Prof. J.C. Upadhyaya प्राध्यापक - इतिहास Professor - History इन्दौर-452001 Indore-452001 श्री सूरजमल बोबरा Shri Surajmal Bobra निदेशक - ज्ञानोदय फाउन्डेशन Director - Jñānodaya Foundation इन्दौर-452003 Indore-452003 - सम्पादकीय पत्राचार का पता डॉ. अनुपम जैन Dr. Anupam Jain 'ज्ञान छाया', 'Gyan Chhaya', डी-14, सुदामा नगर, D-14, Sudama Nagar, इन्दौर-452009 Indore-452009 फोन/फैक्स : 0731-2787790 Ph./Fax : 0731-2787790 GRIGT Ich / SUBSCRIPTION RATES (w.e.f 15.08.03) व्यक्तिगत संस्थागत विदेश INDIVIDUAL INSTITUTIONAL FOREIGN वार्षिक / Annual रु./Rs. 125=00 रु./Rs. 250=00 U.S. $ 25 = 00 10 वर्ष हेतु / 10 Years रु./Rs. 1000=00 रु./Rs. 1000=00 U.S. $ 100 = 00 सहयोगी सदस्य रु./Rs. 2100=00 रु./Rs. 2100%D00 U.S. $ 250%D00 पुराने अंक सजिल्द/अजिल्द फाईलों में रु. 250.00/U.S.$25.00 प्रति वर्ष की दर से सीमित | मात्रा में उपलब्ध हैं। सदस्यता एवं विज्ञापन शुल्क के म.आ./चेक / ड्राफ्ट कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के नाम देय ही प्रेषित करें। इन्दौर के बाहर के चेक के साथ कलेक्शन चार्ज रु. 25/- अतिरिक्त जोड़ कर भेजें। लेखकों द्वारा व्यक्त विचारों के लिये वे स्वयं उत्तरदायी हैं। सम्पादक अथवा सम्पादक मण्डल का उनसे सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। इस पत्रिका से कोई भी आलेख पुनर्मुद्रित करते समय पत्रिका के सम्बद्ध अंक का उल्लेख अवश्य करें। साथ ही सम्बद्ध अंक की एक प्रति भी हमें प्रेषित करें। समस्त विवादों का निपटारा इन्दौर न्यायालयीन क्षेत्र में ही होगा। अर्हत् वचन, 15 (4), 2003 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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