Book Title: Antriksha Parshwanath Mahapujan Vidhi
Author(s): Sarvodaysagar, Udayratnasagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust

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Page 17
________________ MARA Kews 11 आहावन मुद्दा श्रीमतरिक्ष पाश्वनाथ महापूनावाव/14 पंत्रनेत २१: ॐ ह्रीं अहं श्रीअंतरिक्षपार्श्वनाथभगवन् महापूजनयन्त्राय नमः। ॥अथ पूजनम्॥ परमेश्वर परमेष्ठिन् परमगुरो परमनाथ परमार्हन्। परमानन्तचतुष्टय, परमात्मस्तुभ्यमस्तु नमः॥ (आर्या) (INो भोली निनसन्मुपसुमiran स्तनमुत्यु मा.) मुद्राविषि (१) आवाहनम् :- (माननी मुद्राये ४२.) ॐ हीं श्रीं अहं श्रीपार्श्वयक्ष - श्रीपद्मावतीदेवी- मुख्यदेवादिसहित श्रीपार्श्वनाथभगवन् । श्रीअंतरिक्षपार्श्वनाथपूजन-विधिमहोत्सवे अत्र अवतर अवतरसवौषट् नम: श्रीअंतरिक्षपार्श्वनाथाय स्वाहा । ( ) (२) स्थापनम् :- (स्थापननी मुद्रामे ४२.) ॐ ह्रीं श्रीं अर्ह श्री- स्थापन मुद्रा पार्श्वयक्ष- श्रीपद्मावतीदेवी-मुख्यदेवादिसहित श्रीपार्श्वनाथभगवन् । श्रीअंतरिक्षपार्श्वनाथपूजन विधि- महोत्सवे अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः नमः श्रीअंतरिक्षपार्श्वनाथाय स्वाहा। ( ओ) (३) सन्निधापनम् :- (सन्निधापननी मुद्राओ२.) ॐ ह्रीं श्रीं अहं श्रीपार्श्वयक्ष - श्रीपद्मावतीदेवी-मुख्यदेवादिसहित श्रीपार्श्वनाथभगवन् ! श्रीअंतरिक्षपार्श्वनाथपूजन-विधिमहोत्सवे मम सन्निहितोभव RAI समिधापन सुद्धा PRIMAN seral

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