Book Title: Anekant 1982 Book 35 Ank 01 to 04 Author(s): Padmachandra Shastri Publisher: Veer Seva Mandir Trust View full book textPage 2
________________ इस अक में क्रम विषय १. मन को सीख २. धर्मस्थल में भ० बाहुबली-डॉ. ज्योतिप्रसाद जैन ३. ब्रह्म जिनदास सबधी विशेष ज्ञातव्य-श्री अगरचद नाहटा ४. राम का वन गमन म्बयभ और तुलसी-डॉ. देवेन्द्रकुमार जैन, इन्दौर ५. जैन भूगोल कुछ विशेषताएं-डॉ० रमेशचन्द्र जैन ६. जैन परम्परा मे निक्षेप-पद्धति-श्री अशोक कुमार जैन ७. विश्वधर्म बनाम जैनधर्म-डॉ० महेन्द्रमागर 'प्रचडिया' ८, आ० नेमिचन्द्र सि० चक्रवर्ती–डा. हरीन्द्रभूषण जैन ६. जरा सोचिए : सम्पादकीय १०. साहित्य-समीक्षा 900 we 00 'अनेकान्त' के स्वामित्व सम्बन्धी विवरण प्रकाशन स्थान-वीर स्वा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२ प्रकाशक-वीर सेवा मन्दिर के निमित्त श्री रत्नत्रयधारी जैन, ८ जनपथ लेन, नई दिल्ली राष्ट्रीयता-भारतीय प्रकाशन अवधि-त्रमासिक सम्पादक-श्री पद्मचन्द्र शास्त्री, वीर सेवा मन्दिर २१ दरियागज, नई दिल्ली-२ राष्ट्रीयता-भारतीय स्वामित्व-वीर सेवा मन्दिर २१. दरियागज, नई दिल्ली-२ मै रत्नत्रयधारी जैन, एतद् द्वारा घोषित करता हूँ कि मेरी पूर्ण जानकारी एवं विश्वास के अनुसार उपर्युक्त विवरण सत्य है। रत्नत्रयघारी जैन प्रकाशक आजीवन सदस्यता शुल्क : १०१.०० ९० वार्षिक मूल्य : ६) रु०, इस अंक का मूरय : १ रुपया ५० पैसे विद्वान् लेखक अपने विचारों के लिए स्वतन्त्र होते है । यह आवश्यक नहीं कि सम्पादन मण्डल लेखक के विचारों से सहमत हो।Page Navigation
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