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जिनकी स्नेहमयी सतत प्रेरणासे यह सम्पादन कार्य सम्पन्न हुआ, उन न्याय और जैनदर्शनके लब्धप्रतिष्ठ अधिकारी विद्वान्
डॉ. पं. दरबारीलाल कोठिया __एम. ए., पी-एच. डी., आचार्य रीडर, हिन्दू विश्वविद्यालय, काशीके करकमलों में यह प्रयास सादर समर्पित
-नेमिचन्द्र शास्त्री
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