Book Title: Agnat Pratima Ki Khoj
Author(s): Rekha Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 5
________________ अज्ञात प्रतिमा की खोज (स्वामी! आपका स्वागत है। 'होस्वामी। सन्देशवाहक प्रिया युट्टतोजीवन आपकी वीरता की कथाएँका अंग बन गया है उसकी सुनाया करताथा। सुनकर बात छोड़ो। माँ स्वस्थ और सब का मन प्रसन्नतासे प्रसन्न तो है? भर जाता था। प्रिय अजिता! कुशल तोहै। O56 Los0 01/11 COO. SOOM o००० O स्वामी। माँ पूर्ण स्वस्थ है, किन्तु आज आचार्य श्री का प्रवचन सुनकर आई है तब से बहुत उदास लगती है। देव! आचार्य श्री के प्रवचन तो उदासी और चिन्ता को दूर करते है। प्रवधन और उदासी में क्या सम्बंध? मुझे क्या पता? BIOIOIOIOIOSA Sex OOO COM

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