Book Title: Agnat Pratima Ki Khoj
Author(s): Rekha Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 9
________________ पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमा के दर्शन कर रहा है। Chau weari 723551 чий अज्ञात प्रतिमा की खोज हे पार्श्व प्रभु आपकी जय हो, हमारी मनोकामना) पूरी करो। 101 जैन जाति नही धर्म है। छोटे-छोटे पशु, पक्षियों में, यहाँ तक कि पेड़-पौधों में भी प्राण होते है इसलिए इन सब की रक्षा करना हमारा धर्म है। संसार में अहिंसा से बड़ा कोई धर्म नहीं है और हिंसा से बड़ा कोई पाप नही है। घना जंगल है। "विशाल पर्वत श्रेणियाँ। हिंसक पशु, आगे का रास्ता भी दिखाई नही देता) Вили 7 Clever Yer лице www e hesi Lev 00 Son CLET www यात्रा अभी चलने दो, किसी सुरक्षित स्थान ★ पर विचार करेगे। 1 गुरुदेव आप ही मार्ग दर्शन दीजिए, अब क्या करें ? Mu شا العه 37 Cla 44 mum Now the 005 Weer

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