Book Title: Agnat Pratima Ki Khoj
Author(s): Rekha Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 7
________________ अज्ञात प्रतिमा कीखोज माँ।पोदनपुर मे बनी उस मूर्ति को बने। हजारों वर्ष बीत गये। मूर्ति कहाँ है? किसी कोपतानहीं। जिस स्थान पर मर्तिहोने की सम्भावनाहै वहाँ घना हिंसक पशुओंसेभरा जंगल है। आप आज्ञादेंतो चन्द्रगुप्त बस्ती में भगवान पाश्ववनाथ के दर्शन करालाँऊ DOO0000 Pucc0004 200/0OADS 69DOI पुत्रातूतो महान वीर है। 'वीर मार्तण्ड,रणरंग केसरी, भुज विक्रम जैसी अनेक उपाधि मिली है। यदि तू भी हिंसक पशुओं और घने जंगलो से भय खाता हे तो रहने दे। MORUM H माँ। मैं अपने कष्टों की बात नहीं कर रहा,और न कष्टों से घबराता हूँ। आपको वृद्ध अवस्था में कष्ट होगा और यदि मूर्ति नहीं मिली तो निराशा बढेगी।

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