Book Title: Agnat Pratima Ki Khoj
Author(s): Rekha Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ अज्ञात प्रतिमा कीखोज आचार्य श्री को सुनाई पड़ रहा है। यात्री दल का आगे बढ़ना, मृत्यु को निमंत्रण देना है। भगवान गोम्मटेश्वर बाहुबलि यात्री दल की भक्ति से प्रसन्न है। चामुण्डराय चन्द्रगिरि पर्वत से इन्द्रगिरी पर्वत पर बाण मारे। जहाँ भी बाण लगेगा वहीं प्रतिमा प्रकट होगी। वीर चामुण्डराय। रात्री मे सामायिक के तत्काल बाद मुझे अज्ञात आवाज में सुनाई पड़ा। यदि तू चन्द्रगिरि पर्वत से इन्द्रगिरि पर्वत पर बाण मारे जिस शिलाखण्ड से बाण टकरायेगा वहीं मूर्ति प्रकट होगी। पर क्या यह सम्भव है। ESH आचार्य श्री आप महान साधक है। ऋद्धि सिद्रियाँ आपके आसपास मण्डरांती है किन्तु आप उनका उपयोग नहीं करतोआप की वाणी मिथ्या नहींहोसकती वत्सतो फिर विलम्ब मत कर।

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24