Book Title: Agnat Pratima Ki Khoj
Author(s): Rekha Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 13
________________ अज्ञात प्रतिमा की खोज गुरूदेवाआपके मूर्ति प्रकट हो आशीवाद से भगवान / गई यह सौभाग्य की बात बाहुबलि की प्रतिमा हैकिन्तु प्रतिमा अस्पष्ट तौ प्रकट होगई। आकृति है, श्रेष्ठ शिल्पियों को बुलाओ और कहो प्रतिमा काआकार और सौन्दर्य निखारे। Coco शिल्पी अरिष्टनेमिराबाहबलि की प्रतिमा का आकार तो दिरखने लगा है। प्रतिमा का निर्माण कार्य तुम्हे करना है। स्वामी। प्रतिमा बहुत विशाल है। अनेक शिल्पी मिल कर कार्य करेगें। बहुत खर्चा आयेगा। व्यय और पारिश्रमिक की तुम चिन्ता न करो मूर्ति का आकार स्पष्ट (उभरने के बाद जितना पत्थर निकलेगा उतनासोनापारि श्रमिक मे देनाहोगा। शिल्पी। मुझे तुम्हारी शर्त स्वीकार है। प्रतिमा अति सुन्दर बननी चाहिये।

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