Book Title: Agnat Pratima Ki Khoj Author(s): Rekha Jain Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 3
________________ दिगम्बर श्रमण नेमिचन्दजी सिद्धांत चक्रवर्ती प्रवचन दे रहे हैं- ● प्राचीन काल में मनुष्यों की इच्छाओं की पूर्ति कल्प वृक्ष किया करते थे। जब कल्प वृक्षों ने आवश्यक वस्तुएँ देना कम कर दिया तो उस युग के स्त्री, पुरुष सम्राट ऋषभदेव के पास गए और बोले स्वामी! वृक्षों से आवश्यकताओं की पूर्ति नही करते। सम्राट ऋषभदेव ने प्रजाजनों" को कृषि करना सिखाया। व्यापार, कला सिखाई। आत्म रक्षा के लिए शस्त्र चलाना सिखाया सम्राट ऋषभदेव के पुत्रों में भरत एवं बाहुबलि बहुत प्रसिद्ध थे। सम्राट भरत के नाम पर ही यह देश भारत वर्ष कहलाता है। शब्द : मिश्री लाल जैन अज्ञात प्रतिमा की खोज भगवान गोम्मटेश्वर बाहुबलि की दुर्लभ प्रतिमा के निर्माण की कहानी HIHCH चित्र: बनेसिंह, जी. एस. राजावत, गीताश्री एवं विजय अक्षरः शरद कुमार MAMPage Navigation
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