Book Title: Agam 19 Upang 08 Niryavalika Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 13
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उवंगाणं पढमस्स वग्गस्स निरयावलियाणं दस अन्झयणा पं० २० काले सुकाले महाकाले कण्हे सुकण्हे नहा महाकण्हे वीरकण्हे य|| बोद्धव्वे रामकण्हे तहेव य पिउसेणकण्हे नवमे दसमे महासेणकण्हे ३ ।।।जइ णं भंते! समणेणं जाव संपत्तेण ज्वंगाणं पढमस्स वग्गस निरयावलियाणं दस अज्झयणा पं० पढमस्सणं भंते! अज्झयणस्स निरयावलियाणं समणेणंजाव संपत्तेणं के अटे पं०? एवं खलु जंबू! तेणं कालेणं० इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे चंपा नाम नयरी होत्या रिद्ध०, पुनम चेइए, तत्व णं चंपाए नयरीए सेणियस्सस्नो पुत्ते चेल्लाणाए देवीए अत्तए कूणिए नाम राया होत्था महता०, तस्स कूणियस्सरनो परमावई नामं देवी होत्था सोमाला जाव विहरइ, तत्थणं चंपाए नयरीए सेणियस्सरन्नो भजा कूणियस्सस्नो चुल्लमाउया काली नामं देवी होत्या सोमाला जाव सुरुवा, तीसे णं कालीए देवीए पुत्ते काले नाम कुमारे होत्था सोमाला जाव सुरुवे सीतते णं से काले कुमारे अत्रया कयाई तीहिं दतिसहस्सेहिं तीहि रहसहस्सेहिं तीहिं आससहस्सेहिं तीहिं मणुयकोडिहिं गरुलवूहे एकारसमेणं खंडेणं कूणिएणंस्त्रा सद्धिं रहमुसलं संगामं ओयाए होततेणं तीसे कालीए देवीए अन्नदा कदाई कुडुंबजागरियं जागरमाणीए अयमेयारूवे अन्झथिए जाव समुष्पजित्थाएवं खलु ममं पुत्ते कालकुमारे तीहिं दंतिसहस्सहिं जाव ओयाए, से मने किं जइस्सति ? नो जइस्सति ? नो जीविस्मृति? पराजिणिस्सइणो णो पराजिणिस्सइ? कालं णं कुमारं अहं जीवमाणं पासिज्जा ? ओहयमण जाव झियाइ, तेणं कालेणं० समणे भगवं महावीरे समोसरित, पारिसा निग्गया, ततेणं तीसे कालीए इमीसें कहाए लढाए समाणीए अयमेतारूवे अन्झथिए नाव समुप्पजित्था एवं ॥श्रीनिरयावलिका सूत्र सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only

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