Book Title: Agam 19 Upang 08 Niryavalika Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir केरिसएहिं ( समारंभेहिं केरिसएहिं) आरंभसमारंभेहिं केरिसएहिं भोगेहिं केरिसएहिं संभोगेहिं के रिसएहिं भोगसंभोगेहिं के रिसेण वा|| असुभकडकम्मपब्भारेणं कालमासे कालं किच्चा च्उत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए जाव नेरइयत्ताए उववन्ने ?, एवं खलु गो०! तेणं| काले० रायगिहे नाभं नयरे होत्था रिद्धस्थिभियसमिद्धे०, तत्थ णं रायगिहे नयरे सेणिए नाम राया होत्था महया०, तस्सणं सेणियस्स रनो नंदा नामं देवी होत्था सोमाला जाव विहरति, तस्सणं सेणियस्स रनो नंदाए देवीए अत्तए अभए नामं कुमारे होत्था सोमाले जाव सुरूवे साम० जहा चित्तो जाव रज्जथुराचिंतए यावि होत्था, तस्सणं सेणियस्सरनो चेल्लणा नाम देवी होत्था सोमाला जाव विहरइ, तते णं सा चिल्लणा देवी अन्नया कयाई तसिं तारियसयंसि वासधरंसि जाव सीहं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा जहा पभावती जाव सुमिणपाढा पडिविसजिता जाव चिल्लमा से क्यणं पडिच्छित्ता जेणेव सए भवणे तेणेव अणुपविठ्ठा ।। तते णं तीसे चेलणाए देवीए अन्या कयाई तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अयशेयारूवे दोहले पाउब्भूएधनाओ णं ताओ अभयाओ जाव जम्मजीवियफले जाओणं सेणियस्सरत्रो उदरवलोमंसेहिं सोल्लेहि य तलिएहि य भजितेहि य सुरं च जाव पसन्नं च आसाएमाणीओ जाव परिभाएमाणीओ दोहलं पविणेति, तते णं सा चेल्ला देवी तंसि दोहलंसि अविणिजमाणंसि सुक्का भुक्खा निम्मंसा ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा नित्तेया दीणविमणवयणा पंडुल्लइयमुही ओमंथियनयणवयणकमला जहोचियं पुष्पवत्थगंधमलालंकारं अपरि जमाणीओ करतलमलियव्व कमलमाला ओहत्मणसंकप्पा जाव झियायति, ततेणं तीसे चेल्लगाए देवीए अंगपडियारियातो चेल्लणं देविं सुकं भुक्खं जाव झियायमाणिं ॥ श्रीनिश्यावलिका सूत्र॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only

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