Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रज्ञापनासूत्रे
नच्छेदनगतिः ३, अथ का सा उपपातगतिः ? उपपातगतिस्त्रिविधा प्रज्ञप्ता - तद्यथा - क्षेत्रोपपातगतिः, भवोपपातगतिः, नो भवोपपातगतिः, अथ का सा क्षेत्रोपपातगतिः ? क्षेत्रोपपातगतिः पञ्चविधा प्रज्ञप्ताः, तद्यथा - नैरयिक क्षेत्रोपपातगतिः १, तिर्यग्योनिक क्षेत्रोपपातगतिः २, मनुष्यक्षेत्रोपपातगतिः ३, देवक्षेत्रोपपातगतिः ४, सिद्धक्षेत्रोपपातगतिः, अथ का सा नैरयि. कक्षेत्रोपपातगतिः ? नैरयिकक्षेत्रोपपातगतिः सप्तविधा प्रज्ञप्ता, तद्यथा-रत्नभापृथिवी नैरयिजीव शरीर से ( सरीरं वा जीवाओ) अथवा शरीर जीव से (से तं बंधणछेदणगती) यह बंधनछेदन गति हुई ।
(से किं तं उचचायगती ?) उपपातगति कितने प्रकार की कही है ? (उचयायगती तिचिहा पण्णत्ता) उपपातगति तीन प्रकार की भगवानने कही है (त जहा ) वह इस प्रकार (खेत्तोववायगती, भवोववायगती, नोभवोववायगती) क्षेत्रोपपातगति, भवोचपातगति, नोभवोपपातगति ।
(से किं तं खेत्तोववायगती ?) क्षेत्रोपपातगति कितने प्रकार की है ? (खेत्तोयवायगती पंचचिहा पण्णत्ता) क्षेत्रोपपातगति पांच प्रकार की कही है ( तं जहा ) यह इस प्रकार (नेरइयखेत्तोयवायगती) नारक क्षेत्रोपणतगति (तिरिक्खवजोणियरवेत्तोववायगती) तिर्यग्योनिक क्षेत्रोपपातगति (मणूसखे त्तोववायगती) मनुष्य क्षेत्रोपपातगति देवखेत्तोववायगती) देवक्षेत्रोपपातगति (सिद्ध खेत्तोववायगती) सिद्धक्षेत्रोपपातगति ।
(से किं न नेरइयखेत्तोववायगती ?) नैरयिकक्षेत्रोपपातगति कितने प्रकार की है (नेरइयखेत्तोववायगती सत्तविहा पण्णत्ता) नैरयिकक्षेत्रोपपातगति सात
(से किं तं बंधणछेद्गगती) अन्धन छेहनगति शुं छे ? (जीवो वा सरीराओ) 29 शरीरथी ( सरीरं वा जीवाओ ) अथवा शरीर अवधी (सेतं बंधणच्छेदणगती) मा મધન છંદન ગતિ થઈ
(से किं तं उबवायगति ?) उपयात गति डेटा प्रहारनी छे ? ( उबवायगती तिविहा पण्णत्ता) उपपात गति ऋणु प्रहारनी उही छे (तं जहा) ते या प्रारे (खेत्तोववायगती भववायगती, नो भवोववाय गती) क्षेत्रोपयातगति लवोपयातगति, ना लयोपयातगति
(से किं तं खेत्तोववायगती ?) क्षेत्रोपयातगति डेंटला अहारनी छे ? (खेत्तोववायगती पंचविहा पण्णत्ता ) क्षेत्रोपयातगति पांय प्राश्नी उही छे (तं जहा) ते या अअरे (नेर खेत्तोववायगती) ना२४ क्षेत्रोपयातगति (तिरिक्खजोणिय खेत्तोववायगती) तिर्यग्योनि क्षेत्रोपयातगति ( मणूस खेत्तोत्रवायगती ) मनुष्य क्षेत्रोपयातगति (देव खेत्तोववायगती) हेव क्षेत्रोपयातगति (सिद्ध खेत्तोववायगती) सिद्धक्षेत्रोपयातगति
(से किं तं रइय खेत्तोववायगती १) नैरयि इप खेत्तोत्रवायगती सतनिहा पण्णत्ता) नैरयि
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૩
क्षेत्रोपयातगति डेटा प्रहारनी छे ? (नेरक्षेत्रोपयातशति सात अधारनी उही छे

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