Book Title: Agam 15 Pragnapana Sutra Hindi Anuwad Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar View full book textPage 2
________________ पद/उद्देश /सूत्र आगम सूत्र १५, उपांगसूत्र-४, 'प्रज्ञापना' आगमसूत्र-१५- "प्रज्ञापना' उपांगसूत्र-४ -हिन्दी अनुवाद क्रम विषय पृष्ठ क्रम पृष्ठ ०१ प्रज्ञापना १२४ ०२ स्थान १२५ १२९ क्रिया १३६ १४२ २४ १५१ ०३ | बहुवक्तव्यता | ०४ स्थिति | ०५ विशेष ०६ व्युत्क्रान्ति ०७ उश्वास संज्ञा | ०९ योनि १० चरम १५३ ०८ २६ १५४ कहां क्या देखे? विषय ००५ | १९ सम्यक्त्व ०२३ | २० अन्तक्रिया ०३७ २१ अवगाहना-संस्थान ०४९ २२ ०५५ | २३ कर्मप्रकृति ०६६ कर्मबन्धन ०७३ | २५ कर्मवेद ०७४ कर्मवेदबंध ०७५ । २७ कर्मवेदवेदक ooo | २८ आहार ०८२ २९ उपयोग ०८८ पश्यता ०९१ | ३१ संज्ञी ०९३ | ३२ । संयम ०९४ | अवधि ०७५ ३४ | प्रविचारणा १०८ ३५ | वेदना ११९ | ३६ समुद्धात १५५ १५६ ११ । भाषा १६२ ३० १६३ १२ | शरीर परिणाम १६५ | कषाय १६६ १६७ १६८ | इन्द्रिय १६ प्रयोग लेश्या १८ | कायस्थिति १७० १७२ मुनि दीपरत्नसागर कृत् “ (प्रज्ञापना) आगमसूत्र-हिन्द-अनुवाद" Page 2Page Navigation
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