Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 15
________________ २ जीवाभिगमसूत्रे जाव बिलपंतियाणं तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं बहवे तिसोवाण पडिरूवगा पण्णत्ता । तेसि णं तिसोवाण पडिरूवगाणं अय मेयारुवे वण्णावासे पन्नते तं जहा- वइरामया नेमा रिट्ठामया पतिद्वाणा वेरुलियामया खंभा सुवण्णरूप्पामया फलगा वइरामया संधी लोहितक्खमईओ सूईओ णाणामणिमया अवलंबणा अवलंबणवाहाओ ॥ तेसि णं तिसोवाणपडिरूवगाणं पुरओ पत्तेयं पत्तेयं तोरणा पण्णत्ता । ते णं तोरणा णाणामणिमय खंभे वणिविस विट्टा विविहमुत्तंतरोवइया विविहतारारूवोवचिया ईहा मिग उसभतुरगणरविहग वालगकिण्णररुरुसरभचमरकुंजरवणलय पउमलय भत्तिचित्ता खंभुग्गयवइरवेड्या परिगयाभिरामा विज्जाहरजमलजुयल जंतजुत्ताविव अच्चिसहसमालणीया भिमाणा भिब्भिसमाणा चक्खु लोयणलेस्सा सुहफासा सस्सिरीयरूवा पासादीया ४ ॥ तेसि णं तोरणाणं उपि बहवे अट्टमंगलगा पन्नत्ता । सोत्थिय - सिरिवच्छ-दियावत्त- वद्धमाण - भद्दा सण - कलस-मच्छ - दप्पणा-सव्वरयणामया अच्छा सहा जाव पडिरुवा । तेसि णं तोरणाणं उपि बहवे किण्ह चामरज्झया नीलचामरज्झया लोहियचामरज्झया हालिदचादरम्झया सुकिल्लचामरज्झया अच्छा सहा रुप्पपट्टा वइरदंडा जलयामलगंधीया सुरम्मा सुरूवा पासाइया ४ | तेसि णं तोरणाणं उपिं बहवे छत्ताइछत्ता पडागाइपडागा घंटाजुयला चामरजुयला उप्पलहत्थया जाव सय सहस्सवत्त हत्थगा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरुवा । तासिणं खुडियाणं वावीणं जाव बिलपंतियाणं तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं बहवे उप्पाय पटवयाणियइपव्वया जगई पव्वया दारुपव्वया दगवगा, दगमंचगा दगमालगा दगपासायगा ऊसडाखुल्ला खडहडगा अंदो જીવાભિગમસૂત્ર

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