Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ ४४ एकेन्द्रिय जीवों के अल्पबहुत्व का कथन पांचवीं प्रतिपत्ति छह प्रकार के संसारी जीवों का निरूपण४५ पृथ्वीकायादि छह प्रकार के जीवों का एवं सूक्ष्मपृथ्वीकाय आदि जीवों का अल्पबहुत्व का कथन४६ बादरकायादि जीवों की स्थिति एवं बादरादि जीवों के अल्पबहुत्व का निरूपण ४७ निगोद जीवों का स्वरूप निरूपण - छट्टि प्रतिपत्ति ४८ सात प्रकार के संसारी जीवों का निरूपणसातवीं प्रतिपत्ति ४९ आठ प्रकार के संसारी जीवों का निरूपणआठवी प्रतिपत्ति नव प्रकार के संसारी जीवों का निरूपणraat प्रतिपत्ति ५१ दश प्रकार के संसारी जीवों का निरूपण - दशवीं प्रतिपत्ति ५२ संसारा संसारसमापन सर्व जीवों की द्वैविध्यता का निरूपण - ८ ५० ५३ सर्व जीवों के त्रैविध्यता का कथन - ५४ सर्व जीवों के चतुर्विधता का निरूपण५५ सर्व जीवों के पांचप्रकारता का निरूपण - ५६ सर्व जीवों के छह प्रकारता का निरूपण५७ सर्व जीवों के सप्त प्रकारता का निरूपण - ५८ सर्व जीवों के आठ प्रकारता का निरूपण५९ सर्व जीवों के नवप्रकारता का निरूपण - ६० सर्व जीवों के दशप्रकारता का निरूपण समाप्त જીવાભિગમસૂત્ર ११५२ - ११६४ ११६४-११७९ ११७९ - १२०६ १२०६-१२५१ १२५१-१२७४ १२७५-१२८३ १२८४ - १३०२ १३०३-१३१० १३१०-१३२६ १३२६-१३८६ १३८६-१४१८ १४१८-१४४८ १४४८ - १४५५ १४५५-१४७५ १४७५-१४८९ १४८९-१५०९ १५०९ - १५३४ १५३५-१५६४

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 1580