Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 03 Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 143
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir |ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागो उक्कोसेणं जोयणसहस्सं, सेसं तं चेव जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहनेणं दो|| अंतोमुहुत्ता उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई पुवकोडीपुहुत्तमब्भहियाई एवतियं०, सो चेव जहन्नकालठितीएसु उववत्रो एस चेव वत्तव्वया नवरं कालादेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमु० उक्को० चत्तारि पुवकोडीओ चाहिं अंतोमुहुत्तेहिं अमहियाओ, सो चेव उक्कोसकालठितीएसु जह० तिपलिओवभठितीएसु उववत्रो उक्कोसेणवि तिपलिओवभठितीएसु उवव०, एस चेव वत्तव्वया नवरं परिमाणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखे० उक्कोसेणंजोयणसहस्सं सेसं तं चेव जाव अणुबंधोत्ति, भवादेसेणं दो भवगहाई कालादेसेणं जहन्नेणं तित्रि पलि ओवभाई अंतोमुत्तममहियाई उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई पुव्वकोडीए अब्भहियाई, सो चेव अप्पणा जहन्नकालठितीओ जातो जह० अंतोमुत्त० उकोसेणं पुव्वकोडीआउएसु उवव० लद्धी से जहा एयस्स चेव सन्निपंचिंयिस्स पुढविक्काइएसु उववजमाणस्स मझिल्लएसु तिसु गमएसु सच्चेव इहवि मझिमेसु तिसु गमएसु कायव्वा, संवेहो जहेव एत्थ चेव असन्निस्स मज्झिमेसु तिसु गमएसु, सो चेव अप्पणा उक्कोसकालठितीओ जाओ जहा पढभगमओ णवरं ठिती अणुबंधो जहन्नेणं पुव्वकोडी उक्कोसेणवि पुवकोडी कालादेसेणं जहन्नेणं पुवकोडी अंतोमुहुत्तममहिया उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई पुवकोडीपुत्तमब्भहियाई, सो चेव जहन्न कालठितिएसु उव० एस चेव वत्तव्व्या कालादेसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तमब्माहेया उकोसेणं चत्तारि पुवकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाओ, सो चेव उक्कोसकालठितिएसु उववन्नो जहन्त्रेणं तिपलिओवभठिती ॥श्रीभगवती सूत्र ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal

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