Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 03 Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
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कति णं भंते ! जुम्मा पं०?, गोयमा ! चत्तारि जुम्मा पं० तं०- कडजुम्मे जाव कलिओगे, से केणद्वेणं एवं वु० चत्तारि जुम्मा | पं०त०- कडजुम्मे जहा अट्ठारसमसते चउत्थे उद्देसए तहेव जाव से तेण० गोयमा ! एवं वु०, नेरइयाणं भंते ! कति जुम्मा पं० ?, गोयमा ! चत्तारि जुम्मा पं० तं०- कडजुम्मे जाव कलियोए, से केणट्टेणं एवं वु० नेरइयाणं चत्तारि जुम्मा पं० तं०- कडजुम्मे अट्ठो तहेव एवं जाव वाउ काइयाणं, वणस्सइकाइयाणं भंते! पुच्छा, गोयमा ! वणस्सइकाइया सिय कडजुम्मा सिय तेयोया सिय दावरजुम्मा सिय कलियोगा, से केणट्टेणं एवं वच्चइ वणस्सइकाइया जाव कलियोगा ?, गोयमा ! उववायं पडुच्च, से तेणट्टेणं तं चेव, बेदियाणं जहा नेरइयाणं, एवं जाव वेमाणि०, सिद्धाणं जहा वणस्सइकाइयाणं, कतिविहा णं भंते! सव्वदव्वा पं० ?, गोयमा ! छव्विहा सव्वदव्वा पं०त०धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए जाव अद्धासभए, धम्मत्थिकाए णं भंते! दव्वट्टयाए किं कडजुम्मे जाव कलिओगे ?, गोयमा ! नो कडजुम्मे नो तेयोए नो दावरजुम्मे कलिओए, एवं अहम्मत्थिकाएऽवि, एवं आगासत्थिकाएवि जीवत्थिकाए णं भंते! पुच्छा, गोयमा! कडजुम्मे नो तेयोए नो दावरजुम्मे नो कलियोगे, पोग्गलत्थिकाए णं भंते! पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्मे जाव सिय कलियोगे. अद्धासमये जहा जीवत्थिकाए, धम्मत्थिकाए णं भंते! पएसट्टयाए किं कडजुम्मे०? पुच्छा, गोयमा ! कडजुम्मे नो तेयोए नो दावर जुम्मे नो कलियोगे, एवं जाव अद्धासमए, एएसिं णं भंते ! धम्मत्थिकाय अधम्मत्थिकायजाव अद्धासमयाणं दव्वट्टयाए० एएसिं णं अप्पाबहुगं जहा बहुवत्तव्वयाए तहेव निश्वसेसं, धम्मत्थिकाए णं भंते! किम ओगाढे अणोगाढे ?, गोयमा ! ओगाढे नो अणोगाढे, जड़ ओगाढे किं
॥ श्री भगवती सूत्रं ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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