Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 03 Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 185
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir पुच्छा, गोयमा! सिय कडजुम्मसमयद्वितीए जाव सिय कलिओगसमयहितीए, एवं जाव अणंतपएसिए, परमाणुपोग्गला णं भंते! किं| कड जुम्म०? पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मसमयठितीया जाव सिय कलियोगसमयद्वितीया विहाणादेसेणं कडजुम्मसमयद्वितीयावि जाव कलियोगसमयहितीयावि, एवं जाव अणंतपएसिया, परमाणुपोग्गले णं भंते ! कालवनपजवेहि किं| कडजुम्भेतेओगेल?, जहा ठितीए वत्तव्वया, एवं वनेसुवि सव्वेसु, गंधेसुवि एवं चेव रसेसुवि जाव महरो रसोति, अणंतपएसिए णं भंते ! खंधे कक्खडफासपजवेहि किं कडजुम्मे०? पुच्छा, गोयमा! सिय कडजुम्मे जाव सिय कलिओगे, अणंतपएसिया णं भंते ! खंधा कक्खडफासपजवेहिं किं कडजुम्मा०? पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जावसिय कलियोगा विहाणादेसेणं कडजुम्मावि जाव कलियोगावि, एवं मउयगरुयलहयावि भाणियव्वा, सीयउसिणनिद्धलुक्खा जहा वना ७४३१ परमाणुपोग्गले णं भंते! किं सड्डे | अणड्डे?, गोयमा! नो सड्ढे अणड्डे, दुपएसिए णं० पुच्छा, गोयमा ! सड्ढे नो अणड्ढे, तिपएसिए जहा परमाणुपोग्गले, चउपएसिए जहा दुपएसिए पंचपएसिए जहा तिपएसिए, छप्पएसिए जहा दुपएसिए सत्तपएसिए जहा तिपएसिए अट्ठपएसिए जहा दुपएसिए नवपएसिए जहा तिपएसिए दसपएसिए जहा दुपएसिए, संखेजपएसिए णं भंते ! खंधे० पुच्छा, गोयमा! सिय सड्ढे सिय अणड्ढे, एवं असंखेजपएसिएऽवि, एवं अणंतपएसिएऽवि, परमाणुपोग्गला णं भंते ! किं सड्ढा अणड्डा?, गोयमा! सड्ढा वा अणड्डावा, एवं जाव अणंतपएसिया ७४४। परमाणुपोग्गलेणं भंते किं सेए निरेए, गोयमा! सिय सेए सिय निरेए एवं जावअणंतपएसिए, परमाणुपोग्गला, | ॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥ | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal

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