Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 03 Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 212
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir 50 त०-णिव्विसमाणए य निविट्ठकाइए य, सुहुभसंपराग० पुच्छा, गोयमा! दुविहे 50 त० संकिलिस्समाणए य विसुद्धमाणए य॥ अहक्खायसंजए० पुच्छा, गोयमा! दुविहे पं०२० छउभत्थे य केवली यो सामाइयंमि य कए चाउजामं अणुतरं धमी तिविहेण फासयंतो सामाइयसंजओ स खलु // 98 // छेत्तुण 3 परियागं पोराणं जो ठवेई अपाणी मम्ममि पंचनामे छेदोवडावणो स खलु | // 19 // परिहर जो विसुद्धं तु पंचयामं अणुतरं धम्मोतिविहेण फासयंतो परिहारियसंजओ स खलु // 100 // लोभाणु वेयंतो जो खलु उवसामओ व खवओ वा? सो सुहुमसंपराओ आहखाया ऊणओ किंचि // 101 // उवसंते खीणमि व जो खलु कम्ममि मोहणिजमि। छउपत्थो व जिणो वा अहखाओ संजओ स खलु // 102 // 787 / सामाइयेसंजए णं भंते! किं सवेदए होजा अवेदए होजा?, गोयमा! सवेदए वा होजा अवेदए वा होजा, जड़ सवेदए एवं जहा कसायकुसीले तहेव निरवसेसं, एवं छेदोअवद्वावणीसंजएऽवि, परिहारविसुद्धियसंजओ जहा पुलाओ, सुहमसंपरायसंजओ अहक्खायसंजओ य जहा नियंठो, सामाइयसंजए णं भंते! किं सरागे होजा वीयरागे होजा?, गोयमा! सरागे होजाणो वीयरागे होजा, एवं सुहुमसंपरायसंजए, अहक्खायसंजए जहा नियंठे, सामाइयसंजए णं भंते! किं ठियकप्पे होजा अट्ठियकप्पे होजा?, गोयमा! ठियकप्ये वा होजा अद्वियकप्पे वा होजा, छेदोवद्वावणीयसंजए० पुच्छा, गोयमा! ठियकप्पे होजा नो अद्वियकप्पे होजा, एवं परिहारविसुद्धियसंजएऽवि, सैसा जहा सामाइयसंजए, सामाइयसंजए णं भंते! किं जिणकप्पे होजा थेरकप्पे वा होजा कप्पातीते वा होजा?, गोयमा! जिणकप्पे वा होजा जहा कसायकुसीले तहेव निरवसेस, ॥श्रीभगवती सूत्रं // 200 | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal

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