Book Title: Agam 04 Samavao Angsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सपवाओ - २/२ वा नीससंति घा तेसि णं देवाणं एगस्स वाससहस्सस्स आहारडे समुपजइ संतगइया भवसिद्धिया जीवा जे एगेणं भवागहणेणं सिज्झिस्संति बुझिम्पति मुच्चिस्संति परिनिव्वाइरसंति सब्बदुक्खाणमंतं करिस्सति ।91-1 • पढमो समवाओ सपत्तो. | वीओ-समवाओ । १२) दो दंडा पन्नत्ता तं जहा-अट्ठादंडे चैव अणट्ठादंडे चेव दवे रासी पत्रता तं जहा. जीवरासी चेव अजीयरासी चेव दुविहे बंधणे पन्नते तं जहा-रागबंधणे चेय दोसबंधणे चेव पुवाफग्गुणीनक्खरो दुतारे पन्नत्ते उत्तराफरगुणी नक्खत्ते दुत्तारे पन्नत्ते पुवामद्दवचान खते दुत्तारे पन्नते उत्तराभद्दययानक्वत्ते दुतारे पत्रत्ते इमीसे णं स्यणप्पहाणं पढवीए अस्थेगइयाणं नेरइयाणं दो पलि ओवमाई ठिई पन्नत्ता दुचाए पुढवीए अत्यगइवाणं नेइयाणं दो सागरोबमाई ठिई पत्रत्ता असुरकुमाराणं देणं अत्गइवाणं दो पलिओवमाई ठिई पन्नत्ता असदिवजियाणं भोमिजाणं देवामं उक्कोसेणं देसूणाई दो पलिओवमाइं टिई पत्रत्ता असंग्वेजवासाश्यसन्निपंदेदियतिरिक्खजोणिआणं अस्थेगइयाणं दो पलिओवमाई ठिई पन्नत्ता असंखेनवासाउयगम्भवक्क्रतिवसण्णिमणुस्साणं अत्थेगइयाणं दो पलिओवपाई टिई पनत्ता असंखेनवासाउबगभवक्कंतियसण्णिमणुरसाणं अत्यंगइवाणं दो पलिओक्माई ठिई पन्नत्ता सोहम्मे कप्पे अस्थगइयाणं देवाणं दो पलिओक्पाई ठिई पत्रत्ता ईसाणे कप्पे अत्धेगइवाण देवाणं दो पलिओवमाई ठिई पन्नत्ता गोहाने कप्पे देयाणं उक्कोसेणं दो सागरोवमाई ठिई पत्रत्ता ईसाणे कप्पे देवाणं उकूकोसेणं साहियाई दो सागरोचमाइं ठिई पनत्ता सणंकमारे कप्पे देवाणं जहनेणं दो सागरोबमाई ठिई पन्नत्ता माहिद कप्पे देवाणं जहन्नेणं दो सागरोवमाई टिई पत्रत्ता जे देवा सुभं सुभकतं सुमवण्णं सुभगंधं सुभलेसं सुभफासं सोहम्मव.सगं विमाण देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं दो सागरोबमाइं ठिई पनत्ता ते ण देवा दोण्हं अद्भमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा तेसिं णं देवाणं दोहिं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुपज्जइ अत्गइया भवसिद्धिया जीवा जे दोहिं भवग्गहणेहिं सिन्झस्पति बुझिस्संति मुच्चिस्संति परिनिव्वाइस्संति सव्वदुक्खांणतं करिस्सति ।२।-2 .बीओ समचाओ सपत्तो . तइओ-समवाओ (३) तओ दंडा पत्रत्ता तं जहा मणदंडे वइदंडे कायदंडे तओ गुतीओ पत्रत्ताओ तं जहा-मणगुत्ती वइगुती कायमुत्ती तओ सल्ला पण्णता तं जहा-मायासल्ले णं नियाणसल्ले णं मिच्छादसणसल्ले णं तओ गारवा पन्नत्ता तं जहा-इड्ढीगारवे रसगारवे सायागारये तओ विराहणाओ पनत्ताओ तं जहा-नाणविराहणा दंसणविराहणा चरित्तविराहणा मिगसिरनक्वते तितारे पन्नत्ते पुस्सनक्खत्ते तितारे पत्रत्ते जेट्टानस्यत्ते तितारे पन्नत्ते अभीइनक्खत्त तितारे पत्रत्ते सवणनक्खत्ते तितारे पत्रत्ते असिणिनक्खत्ते तितारे पन्नत्तं भरणीनक्वत्ते तितारे पन्नरो इमासे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्यगइयाणं नेरइयाणं तिन्नि पलिओवपाइं टिई पत्रता दोद्याए णं पुढवीए नेइयाणं उक्कोसेणं तिणि सागरोवमाई ठिई पनत्ता तघाए णं पुढवीए For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82