Book Title: Agam 04 Samavao Angsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 41
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir समबाओ - ५५/१३३ पणपत्रइमो-समवाओ (१३३) मल्ली णं अरहा पणपत्रं वाससहस्साई परमाउं पालइत्ता सिट्टे बुद्धे [मुत्ते अंतगड़े परिनिव्वुड़े सव्वदुक्ख] पहोणे मंदरस्स णं पव्ववस्स पञ्चस्थिमिल्लाओ चरिमंताओ विजयदारस्स पञ्चस्थिमिल्ले चरिमंते एस णं पणपन्नं जोवणसहस्साई अवाहाए अंतरे पत्रत्ते एवं चउदिसिपि वेजयंत-जयंत-अपराजियंति समणे भगवं महावीरे अंतिमराइयंसि पणपन्नं अन्झवणाई कल्लाणफलविवागाइं पणपण्णं अन्झवणाणि पावफलविवागाणि वागरित्ता सिद्धे जाव] प्यहीणे पढमविइयासु-दोसु पुढीसु पणपण्ण निरयावाप्तसयसहस्सा पत्रत्ता दंसणावरणिजनामाउयाणं - तिण्हं कम्पपगडीणं पणपत्रं उत्तरपगडीओ पन्नत्ताओ ।५५॥5 .पणपन्नइमो समयाओ प्तमतो. छप्पत्रइमो-समवाओ (१३४) जंबुद्दीवे णं दीवे छप्पन्नं नक्खत्ता चंदेण सद्धिं जोगं जोएंसु वा जोएंति वा जोइस्संति वा विपलस्स णं अरहओ छप्पण्णं गणा छप्पन गणहरा होत्था ।५६|-56 • छपत्रइमो सपबाओ सपत्तो . | सत्तावनइमो-सपवाओ (१३५) तिण्हं गणिपिडगाणं आयारचूलियावनाणं सत्तावत्रं अज्झयणा पत्रत्ता तं जहा-आचारे सूबगडे ठाणे गोधूमस णं आवासपव्वयस्स पुरथिमिमाओ चरिमंताओ बलवामुहस्स महापायालरस बहुमम्झदेसभाए एस णं सत्तावत्रं जोवणसहस्साई अवाहाए अंतरे पत्रत्ते एवं दओभासस्स केउयस्स य संखस्स जूयकम्स य दयसीमस्स ईसरस्स य मल्लिस्स णं अरहओ सत्तावत्रं मणपञ्जवणाणिसया होत्या महाहिमवंतरूप्पीणं वासधरपव्ययाणं जीवाण धणुपट्टा सत्तावन्न-सत्तावन्नं जोयणसहस्साई दोण्णि य तेणउए जोयणसए दस व एगणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं पन्नत्ता ।५७/-57 • सत्तापबईपो सपचाओ समत्तो. अट्ठावनइमो-समवाओ (१३६) पढमदोच्चपंचमासु-तिसु पुढवीसु अट्ठावनं निरवायाससयसहस्सा पत्रत्ता नाणावरणिजस्स वेवणिजस्स आउयनामअंतराइस्स य-एवासि णं पंचण्हं कम्पपगडीणं अट्ठावणं उत्तरपगडीओ पत्रत्ताओ गोयूभस्म णं आवासपब्वयस्स पच्चस्थिपिल्लाओ चरिमंताओ वलयामुहस्स महापायालस्स यहुमज्झदेसमाए एस णं अट्ठावत्रं जोयणसहस्साई अवाहाए अंतरे पत्रत्ते एवं दओभासम्स णं केउकरस संखरस यकस्रा दयसीमरस इशरस्स ।५८। 58 • अट्टायत्रइमो समवाओ सपत्तो . एगूणसट्ठिमो-समवाओ (१३७) चंदस्स णं संवच्छरस्स एगमेगे उर्दू एगूणराष्टुिं राइंदियाणि राइंदिवाणं प. संभवे णं हा एगूणसद्धिं पुच्चसयसहस्साई अगारमझावसित्ता मुंडे भवित्ता गं अगाराओ अणगारिअं पच्चइए मल्लिस्सं णं अरहओ एणसट्टि ओहिनाणिसया होत्या ।५११-59 .एगूणसद्विमो समचाओ समतो . For Private And Personal Use Only

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