Book Title: Agam 04 Samavao Angsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 68
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पइण्णग समवाओ ६३ भागनामनिधत्ताउके ओगाहणानामनिधत्ताउके नेरइयाणं भंते कइविहे आउगवंधे प, गो-यमा छबिहे पत्रते तं जहा-जातिनाम निधत्ताउके गइनामनिधत्ताउके ठिइनामनिधत्ताउके पएसनामनिधत्ताउके अनुभागनामनिधत्ताउके ओगाहणानामनिधत्ताडके एवं जाव वेमाणियति निरयाई णं भंते केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पत्ता गोयमा जहण्णेणं एक्कं समयं उकोसेणं वारसमुहुते एवं तिरियगई मणुस्सगई देवगई सिद्धिगई णं भंते केवइयं कालं विरहिया सिझणयाए पनत्ता गोयमा जहन्नेणं एक्कं समपं उक्कोसेणं छम्मासे एवं सिद्धिवजा उन्चट्ठणा इमीसे णं भंते रयणप्पभाए पुढवीए नेरइया केवइयं कालं विरहिया उववाएणं [पनत्ता गोयमा जहन्नेण एगं समयं उकूकोसेणं चउव्वीसं मुहता एवं उववायदंडओ पाणिवच्चो उव्वट्टणादंडओ वि नेरइया णं भंते जातिनामनिहत्ताउगं कतिहिं आगरिसेहिं पगरेति गोवमा सिय एक्केण सिय दोहिं सिय तीहिं सिव चरहिं सिय पंचहि सिय छहिं सिय सत्तहिं लिय अहिं नो चेवणं नवहि संसाणि वि आउगाणि जाव वेमाणियत्ति ।१५४१ -154 (२५३) कइविहे णं भंते संघयणे पन्नत्ते गोधमा छब्बिहे संघवणे पनत्ते तं जहावइरोसभनारायसंबवणे रिसभनारायसंघयणे नारायसंघवणे अद्धनारायसंघयणे खालियासंघयणे छेवट्टसंघवणे नेरइया गं भंते किंसंधयणी गोयमा छण्हं संघयणाणं असंघयणी नेवट्ठी नेव छिपा नेव हा जे पोग्गला अनिट्टा अकंता अप्पिया असुभा असणुण्णा अपणापा ते तेसिं असंधयणराए परिणमंति असुरकुमारा णं मंते किंसंधयणी पन्नत्ता गोयमा छण्हं संघवणाणं असंधपणी-नेवट्ठी नेव छिरा नेव न्हाय जे पोग्गला इट्टा कंता पिया सुमा मणुण्णा मणामा ते तेसिं असंघचणसाए परिणमंति एवं जाव थणियकुमारत्ति पुढवीकाइया णं भंते किसंघयणी पत्रत्ता गोयमा छेवट्ठसंधयणी पत्रता एवं जाव संमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणियत्ति, गन्धबक्कंतिया छविहसंधवणी संमुच्छिममणुस्सा णं छेवट्टसंधयणी गम्भवक्कंतियमणुस्सा छब्बिहसंधयणी पन्नता जहा असुरकुमारा तहा वाणमंतरा जोइसिया येमाणिया य कइविहे णं भंते संटाणे पन्नत्ते गोयमा छबिहे संठाणे पत्रत्ते तं जहा-समचउरंसे नग्गोहपरिमंडले साती खुल्ने वामणे हंडे नेरइया णं भंते किंसंठाणा पन्नत्ता गोयमा हुंडसंठाणा पन्नत्ता असुरकुमारा विसंठाणसंठिया पत्रत्ता गोयमा समचउरंससंठाणसंठिया पत्रत्ता जाव पणियत्ति पुढवी मसूरयसंठाणा पत्रत्ता आऊ थिदुयसंठाणा पनत्ता तेऊ सूइकलालसंठाणा पन्नता वाऊ पडागसंटाणा पन्नत्ता वणप्फई नाणासंटाणसंठिया पन्नत्ता बेइंदिय तेइंदिय-चउरिदिय-सम्मुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खा हुंडसंठाणा पन्नत्ता गमवक्कंतिया छविहसंठाणा पन्नत्ता सम्मुच्छिममणुस्सा हुंडसंठाणसंठिया पन्नत्ता गम्भवक्कतियाणं मणुस्साणं छबिहा संठाणा पत्रत्ता जहा असुरकुमारा तहा वाणमंतरा जोइसिया वेभाणिया ।१५५। -155 (२५४) कइविहे णं भंते वेए पत्रत्ते गोयमा तिविहे वेए प.-इत्थीवेए पुरिसवेए नपुंसगवेए नेरइया णं भंते कि इत्थीवेया पुरिसवेया नपुंसगवेया पत्रत्ता गोयमा नो इत्थिवेया नो पूंचेया नपुंसगवेवा प. असुरकुमाराणं भंते किं इस्थिवेया पुरिसवेया नपुंसगवेया गोयमा इस्थिवेया पुरिसवेया नो नपंसगवेवा जाव थणियत्ति, पढवि-आउ-ते-वाउ-वणफइ-वि-ति-चउरिदियसमुच्छिमपंचिदियतिरिक्खसंमुच्छिममणुस्सा नपुंसगवेवा गभवक्कंतियमणुस्सा पंचेदियतिरिया व तिवेया जहा असुरकुमारा तहा वाणमंतरा जोइ-सिया वेमाणिवावि ।१५६:156 For Private And Personal Use Only

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