Book Title: Agam 04 Samavao Angsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 47
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir समवाओ - ८३/१६२ तेयासीइइमो-सपवाओ (१६२) समणे भगवं पहावीरे वासीइराइदिएहिं वीइक्कंतेहिं तेयासीइमे राइदिए वट्टमाणे गभाओ गटभं साहरिए सीयलस्स णं अरहओ तेसीति गणा तेसीति गणहरा होत्या थेरे णं मंडियपुत्ते तेसीई वासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे [बुद्धे मुत्ते अंतगडे परिनिब्बुड़े सव्वदुक्ख] प्पहीणे उसभे णं अरहा कोसलिए तेसीइं पुव्वसयसहस्साई अगारवासमझावसित्ता मुंडे भवित्ता णं अगाराओ अणगारिअं पच्चइए भरहे णं राया चाउरंतवक्कवट्टी तेसीई पुच्चप्सयसहस्साई अगारमज्झावसित्ता जिणे जाए केवली सवण्णू सबभावदरिसी ।८३1-83 तेयासीइइमो समयाओ समत्तो . चउरासीइइमो-समवाओ । (१६३) चउरासीइं निरयावाससयसहस्साई पनत्ता उसभे गं अरहा कोसलिए चउरासीई पुव्वसयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे बुद्धे [मुत्ते अंतगडे परिनिबुडे सम्बदुक्ख] प्पहीणे एवं भरहो बाहूबली बंभी संदरी सेजंसे णं अरहा चउरासीइं वाससयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे [बुद्धे मुते अंतगडे परिनिव्वुड़े सव्वदुक्ख] प्पहीणे तिविकू णं वासुदेवे चउरासीई वाससयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता अप्पइहाणे नरए नेरइयत्ताए उबवण्णे सक्कस्स णं देविंदस्स देवरपणो चउरासीई सामाणियसाहिस्सीओ पनत्ताओ सब्वेवि णं वाहिरया मंदरा चउरासीई-चउरासीई जोयणसहस्साई उड्ढं उच्चत्तेणं पत्रत्ता सव्वेवि णं अंजणगपव्यया चउरासीइंचउरासीई जोयणसहरसाई उड्ढे उच्चत्तेणं पत्रत्ता हरिवासरम्मवासियाणं जीवाणं घणुपट्टा चउरासीई-चउरासीई जोयणसहस्साइं सोलस जोवणाई वत्तारि मागा जोवणस्स परिक्खेवेणं पत्रता पंकबहुलस्स णं कंडस्स उवरिल्लाओ चरिमंताओ हेहिले चरिमंते एस णं चोरासीई जोयणसयसहस्साई अवाहाए अंतरे पन्नत्ते विवाहपन्नत्तीए णं भगवतीए चउरासीइं पयसहस्सा पदग्गेणं प. चोरासीई नागकुमारावाससयसहस्सा पत्रत्ता चोरासीइं पइण्णगसहस्सा पन्नत्ता चोरासीइं जोणिप्पमुहसयसहस्सा पत्रता पुव्वाइयाणं सीसपहेलियापञ्जवसाणाणं सट्टाणंतराणं चोरासीए गुणकारे प. उसमस्स णं अरहओ कोसलियस्स चउरासीई गणा चउरासीइं गणहरा होत्था उसभस्स णं कोसलियस्स उसभसेणपामोक्खाओ चउरासीई समणसाहस्सीओ होत्या चउरासीई विमाणावाससयसहस्सा सत्ताणउइं च सहस्सा तेवीसं च विमाणा भवंतीति मक्खायं ।।४1-84 . चउरासीइइपो सपवाओ समत्तो . |पंचासीइइमो-समवाओ | (१६४) आधारस्स णं भगवओ सचूलियागस्स पंचासीइं उद्देसणकाला पनत्ता घायइसंडस्स णं मंदरा पंचासीई जोयणसहस्साई सव्वग्गेणं पन्नत्ता वयाए णं मंडलियपव्बए पंचासीई जोयणसहस्साई सव्वग्गेणं पत्ते नंदणवनस्स णं हेडिल्लाओ चरिमंताओ सोगंधियम्स कंडस्स हेछिल्ले चरिमंते एस णं पंचासीई जोयणसयाइं अवाहाए अंतरे पन्नत्ते ।८५1-85 .पंचासीइइमो समयाओ सपत्तो. For Private And Personal Use Only

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