Book Title: Agam 04 Samavao Angsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 57
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ૧૨ समवाओ - पइ.-२२१ अनंता पजवा परित्ता तसा अनंता पावरा सासया कडा निबद्धा निकाइया जिणपत्रत्ता भावा आधविजंति पत्रविजंति परविजंति दंसिर्जति निदंसितंति उव- दंसिर्जति ११४०1-140 (२२२) से किं तं नायाधम्म कहाओ नाया धम्मकहासु णं नायाण नगराई उज्जाणाई चइआई वणसंडाई रायाणो अम्मापियरो समोसरणाई धप्पावरिया धमकहाओ इहलोइयपरलोइया इइिटविसंसा लोगपरिच्चाया पवज्जाओ सुयपरिग्गहा तवोवहाणाई परियागा सलेहणाओ भत्तपच्चखाई पाओवगमणाई देवलोगगमणाई सुकुल पच्चायती पुण बोहिला अंतकिरियाओ आधरिजति जाव उवदंसिज्जति नाया-धम्मकहासु णं पव्वइवाणे विणयकरणजिणासामि सासणवरे संजम पइण्ण-पालण-धिइ-मइ-ववसाय-दुल्लभाणं तव-नियम-तयोवहाण-रण-दुद्धाभर-भरगा-निसहा-निसट्ठाणं धोरपरीसह-पराजियाऽसह-पारद्ध-रूद्ध-सिद्धलयमग-निग्गयाणं विसयसुह-तुच्छ . आसावस-दोस-मुच्छियाणं विराहिय-चरित्त-नाण-दंसणजइगुण-विविह-प्यागर-निस्सार-सुण्णयाणं संसार-अपार-दुक्ख-दुग्गइ-भव-विविह- परंपरापवंचा धीराण य जिय-परिसह-कसाय-सेण्ण-धिइ-धणिय-संजम-उच्छाह-निच्छियाणं आराहिब-नाण-दंसण-चरित्त-जोग-निस्राल्ल सुद्ध - सिद्धलवमाग - मभिमुहाणं सुरभवण - विमाणसुक्खाई अणोक्माई भुत्तण चिरं च भोगभोगाणि ताणि दिव्याणि महरिहामि ततो य कालकलम-चुयाणं जह य पुणो लद्धसिद्धिमग्गाणं अंतकिरिया चलियाण य दसदेव-मा- गुस्सधीरकरण-करणाणि वोधण-अणुसासणाणि गुण दोस-दरिसणाणि दिटुंते पञ्चए र सोऊण लोगमुण्णो जह य ठिया सासणम्मि जर-मरण नासणकरे आराहिय-संजमा य सुरलोगपडिनियत्ता ओर्ति जह सासयं सिवं सव्वदुक्खमोक्खं एए अपणे व एवमादित्थ विस्थरेण य नायाधम्मकहासु णं परित्ता वायणा संखेज्जा अनुओगदारा संखेजाओ पडिवत्तीओ संखेजा वेढा संखेजा सिलोगा संखेजाओ निनुत्तीओ संखेज्जाओ संगहणीओ से णं अंगठ्ठायए छठे अंगे दो सुअखंधा एगूणतीसं अज्झयणा ते समासओ दुविहा पत्रता तं जहा-चरिता य कप्पिया य दस धम्मकहाणं वग्गा तत्थ णं एगमेगाए धप्पकहाए पंच-पंच अक्खाइयासयाई एगमेगाए अक्खाइयाए पंच-पंच उवक्खाइयासयाई एगमेगाए उवक्खाइयाए पंच-पंच अक्खाइयउवक्खाइयाप्तवाई-एवामेव सपुवावरेणं अट्ठाओ अक्खाइय-कोडीओ भवंतीति मक्खायाओ एगू. णतीसं समुद्देसणकाला संखेचाई पयसयसहस्साइ पयग्गेणं संखेज्जा अखरा अनंता गमा अनंता पजवा परित्ता तसा अनंता थावरा सासया कडा निबद्धा निकाइया जिणपण्णत्ताभावा आघविनंति पण्णविनंति परुविनंति देसिजंति निदसिजंति उवदंसिझंति से एवं आया एवं नाया एवं विण्णाया एवं] चरण-करण-परूवणया आधविज्जति |पत्रविञ्जति परूविज्रति दंसिजति निदसिजति उवदंसिजति सेत्तं नाया-धम्मकहाओ ।१४१1 -141 (२२३) से किं तं उवासगदसाओ उवासगदसासु णं उवासयाणं नगराई उजाणाई चेइआई वणसंडाई रायाणो अपमापियरो समोसरणाई धम्मायकिया धम्मकहाओ इहलोइयपरलोइया इढिविसेसा उवासयाणं च सीलव्वय-वेरपण-गुण-पच्चक्खाण-पोसहोववासपडिवळणवाओ सुयपरिगहा तवोवहामाई पडिमाओ उवसागा संलेहणाओ मतपच्चक्खागाई पाओवगपणाई देवलोगगमणाई सुकुलपञ्चायाई पुण बोहिलाभो अंतकिरियाओ य आधविजंति उवासगदसासु णं उवासवाणं रिद्धिविसेसा परिसा वित्थर-धम्मप्सवणाणि बोहि For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82