Book Title: Agam 04 Samavao Angsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 34
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बतीसमो समयाओ टिई पत्रत्ता असत्तमाए पुढवीए अत्येगइयाणं नेरइयाणं वतसं सागरोवमाई टिई पत्रत्ता असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं बत्तीसं पलिओवमाई ठिई पन्नत्ता सोहम्मीसाणेसुं कम्पेसु देवानं अत्थेचाणं वत्ती पलि ओवमाई ठिई पन्नता सोहम्मीसाणे कप्पेसु देवाणं अत्येगइयाणं बत्तीसं पलिओदमाईं पन्नत्ता जे देवा विजय- वेजयंत जयंत अपराजियविभाणेसु देवचाए उबवण्णा तेसि णं देवाणं अत्थेगइयाणं बत्तीसं सागरोवमाई ठिई पन्नत्ता ते णं देवा वत्तीसाए अध्धमासेहिं आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा तेसि णं देवाणं वत्तीसाए बालसहस्सेहिं आहार समुप्पन्न संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे बत्तीसाए भवाहणेहिं सिज्जियति [ बुजिस्संति मुचिस्संति परिनिव्वाइस्संति] सव्यदुक्खाणमंतं करिस्सति ॥ ३२1-32 • बत्तीसइमो समयाओं समत्तो २९ तेत्तीसइमो - समवाओ ( १०९) तेत्तीस आसायणाओ पन्नताओ तं जहा- सेहे राइणियस्स आसनं गंता भवइआसायणा सेहस्स सेहे राइणिस्स पुरओ गंता भवइ - आसायणा सेहस्स सेहे राइणियस्स सपक्खं गंता भवइ - आसायणा सेहस्स सेहे रावणियरस आसत्रं ठिद्या भवइ- आसावणा सेहस्स [ सेहे राइणियस्स पुरओ ठिया भवइ - आसावणा सेहस्स सेहे राइणियस्स सपक्खं टिचा भवइआसावणा सेहस्स सेहे राइणियस्स आसन्नं निसीइत्ता भवइ-आसायना सेहस्स सेहं राइणियस्स समकुखं निसीइत्ताभवइ आसायणा सेहस्स सेहे राइणियस्स पुरओ निसीइत्ता भवइ-आसायणा सेहस्स सेहे राइगिएण सद्धिं वहिया विचारभूमिं निक्खते समाणे पुव्यामेव सेहतराए आयामेइ पच्छा राइणिए- आसावणा सेहस्स सेहे राइणिएणं सद्धिं बहिया विहारभूमिं वा विचारभूमिं वा निक्खते समाणं तत्य पुव्यामेव सेहतराए आलोएति पच्छा राइजिए- आसायणा सेहस्स सेहे राइणियस्स रातो वा वियाले वा वाहसरमाणस्स अजो के सुत्ते के जागरे तत्थ सेहे जागरणमाणे राइणियरस अपडिसुणेत्ता भवति आसायणा सेहस्स केइ राइणियस्स पुष्वं संलवित्तए सिचा तं सेहे पुव्वतरागं आलवेति पच्छा राइणिए- आसायणा सेहस्स सेहे असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं पुव्वमेव सेहतरगस्स आलोएइ पच्छा राइणियस्स- आसायणा सेहस्स सेहे असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं पुव्वमेव सेहतरागरस उवदंसेति पच्छा राइणियस्स-आसायणा सेहस्स सेहे असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं पुव्यमेव सेहतरागं उवणिमंतेइ पच्छा राइणिवं आसायणा सेहस्स सेहे राइणिएण सद्धिं असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं राइणियं अणापुच्छित्ता जस्स जस्स इच्छइ तस्स तस्स बद्धंखद्धं दलय - आसायणा सेहस्स सेहे असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता राई - एण सद्धिं आहरेमाणे तत्थ सेहे खद्धं खद्धं ऊसढं-ऊसढं रसितं रसितं मणुष्णं मणुष्णं मणामंमणामं निद्धं निद्धं लुक्खं लुक्खं आहरेत्ता भवइ- आसायणा सेहस्म सेहे रायणियस्स बाहरमाणस्स अपडिसुणेत्ता भवइ - आसायणा सेहस्स सेहे राइणियस्स खद्धं खद्धं बत्ता भवतिआसायणा सेहस्स सेहे राणिवस्स किं ति वइता भवति आसायणा सेहस्स सेहे राइणियं तुम ति बत्ता भवति - आसायणा सेहस्स सेहे राइणियं तचाएण-तजाएण पडिभणित्ता भवइ - आसायणा सेहस्स सेहे राइणियस्स कहं कहेमाणस्स इति एवं ति वत्ता न भवति - आसायणा सेहस्स सेहे राइणिचस्स कह कहेमाणस्स नो सुपरसीति वत्ता भवति आसायणा सेहस्स सेहे राइणियस्स कह [45] For Private And Personal Use Only

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