Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 05
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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सक्ति
माग
पृष्ठ
5 1260-1261
1381
सत्ति का अश 257. एक्कम्मि बंभचेरे जम्मि य । 372. एकं ब्रह्मास्त्रमादाय । 296. एस धम्मे धुवे नियमे सासए । 466. एस वीरे पसंसिते । 85. एवं ससंकप्प विकप्पणासु ।
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1.
कपिलः प्राणिनां दया ।
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42. कम्मं च जाई मरणस्समूलं । 43. कम्मं च महोप्पभवं वदंति । 229. कण्णसोक्खेहिं सद्देहिं । 298. कडाण कम्माण न मोक्खो अस्थि ।
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486 .
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306. कतारमेवा अणुजाइ कम्मं ।
का 56. कामाणुगिद्धिप्पभवं खु दुक्खं । 81. कायस्स फासं गहणं वयंति । 145. कामी कामे ण कामए । 293. कामभोगा य दुज्जया ।।
की 155. कीवाऽवसगता गिहं।
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24. कुम्मो इव गुत्तिदिए। 162. कुद्धा हणंति लुद्धा हणंति ।।
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371. कृत मोहास्त्रवैफल्यं ।
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255. क्व यामः क्व नु तिष्ठामः ।
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अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-5 . 184
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