Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 05
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
View full book text ________________
अभिधान राजेन्द्र काय माग पृष्ठ
मुक्ति का अंश
5
112. पुक्खरं पत्तं व निरुवलेवे । 128. पुरिसा परमचक्खु ! विपरिक्कम । 368. पुव्वतव संजमा हों-ति एसिणा । 437. पुढवि समे मुणी हवेज्जा ।
ei uiui
561-562
568 1380 1567
4
199. पूर्णता या परोपाधेः ।
5
991
4.
473
31. पंचैतानि पवित्राणि । 266. पंच महव्वय सुव्वयमूलं । 291. पंचविहे कामगुणे। 419. पंच य फासे महव्वयाई ।
uiuiuiui
1261 1270 1565
179. पिंड असोहयंतो अचरिती ।
928
प्रा
ui uiuium
848
855
953
165. प्राणेभ्योऽपि गुरुर्धर्मः । 167. प्राय: पाप विनिर्दिष्टं । 189. प्राप्तव्यो नीयतिबला ।
फा 80. फासेसु जो गेहिमुवेइ तिव्वं ।।
बा 147. बालजणे पगब्भती।
492
ui u
646
242. बुज्झिज्ज तिउटेज्जा ।
1191
ui u
4. बृहस्पतिरविश्वासः
4.
127. बंधपमोक्खो तुझऽज्झत्थेव ।
5
568
अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-5 . 194
Loading... Page Navigation 1 ... 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266