Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 05
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora

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Page 208
________________ अभिधान राजन्द्र काप माम 559 u 562 मुक्ति का अंश सा 12. साता गारवणि हुए। 1.6. सारयसलिलं सुद्धहियये । 1:4. सा समासओ तिविहा पणत्ता । 232. सामाइय-वयजुत्तो। 395. सावज्जं नाऽऽलवे मुणी। सि 264 सिद्धिविमाण अवंगुयदारं । u u 648 1136 1547 un u 1261 331. सीहे मियाणपवरे । u 1308 E 881 13101 uu u uu 1310 1327 1364 172. सुदुल्लहं लहिउं । 335. सुयस्स पुण्णा विपुलस्स ताइणो । 336. सुयमिहिट्ठिज्जा उत्तमट्ठ गवेसए । 341. सुस्सूसा पडिपुच्छइ- सुणेइ। 364. सुट्टवि मग्गिजंतो कत्थवि । से 308. से सोचई मच्चु मुहोवणीए । सो 69. . सोयस्स सदं गहणं वयंति । 239. सोच्चा जाणइ कल्लाणं । 1278 uuu 490 1190 555 979 99. संचिणंति मंदबुद्धी। 195. संति पाणा पूढोसिता । 352. संसारमूलबीयं मिच्छत्तं । 458. संतिमरण संपेहाए। i u uu 1362 1607 16. स्वस्थानाद् यत् परं स्थानं । 5 261 अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-5 • 200

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