Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 05
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora

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Page 223
________________ 263 270 271 264 265 272 सूक्ति शीर्षक ब्रह्मचर्य-गरिमा ब्रह्मचारी क्या करे? ब्रह्मचर्यदृढ़ कैसे ? ब्रह्मचारी क्या न करें ? ब्रह्मचारी का व्यवहार ब्रह्मचारी का कार्य-कलाप ब्रह्मचर्य पालन दुष्करतम ब्रह्मचर्य से सिद्धि 266 267 268 269 270 274 276 277 280 296 271 19 272 187 351 374 273 274 275 276 भक्ति से कर्मक्षय भवितव्यता भयंकर आत्मशत्रु भयमुक्त ज्ञानसुख भवभीरू मुनि भयभीत मानव भवसागर से भयभीत 379 448 277 377 भा 233 384 '278 279 280 281 389 394 भाषा-विवेक भाव-विशुद्धि भाषा-विवेक भाषा-विवेक भाव भिक्षु 282 416 283 284 285 180 415 417 419 भिक्षा-शुद्धि भिक्षाचरी भिक्षु-लक्षण भिक्षु कौन ? भिक्षु कौन ? भिक्षु कौन ? 286 422 287 288 430 289 290 291 444 446 447 भीरु, असमर्थ भीरु, भयग्रस्त भीरु साधक अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-50 215 -

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