Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 05
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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360. तुंगं न मंदराओ।
5
1362
108. त्यक्ते परिग्रहे साधोः।
556
463. थीभि लोए पव्वहिते ।
1607
993
200. दया भूतेषु वैराग्यं । 223. दयाम्भसा कृत स्नानः । 226. दत्तं यदुपकाराय ।
1073
1076
254. दाणाणं चेव अभयदाणं ।
1260.
484
40. दित्तं च कामा समभिवंति । 408. दिटुं मियं असंदिद्धं ।
1549
228. दीनान्ध कृपणा ये तु।
1076
484
1165
41. दुक्खकं च जाई मरणं वयंति । 46. दुक्खं हयं जस्स न होइ मोहो । 235. दुविहे बंधे पन्नत्ते, तं जहा । 263. दुद्धरिसंगुणनाशमेक्कं । 366. दुर्लभा सात्त्विकी भक्तिः । 297. दुज्जए कामभोगे य।
1261
1365
1271
95. देवावि सइंदगा न तत्तिं । 137. देहे दुक्खं महाफलं । 262. देवरिंद णमंसिय पूर्य ।
1261
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अभियान सबेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-50 190
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