Book Title: Aate Ka Murga
Author(s): Amitsagar
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 7
________________ आज चैत्र शुक्ला नवमी को हिंसा दिवस है ऐसा अवधि ज्ञान से जान कर आचार्य श्री ने उपवास किया और शिष्यों को आहार ग्रहण करने का आदेश दिया । शिष्यों रजपुर नगर के निकट. वर्ती ग्रामों में आहार ग्रहण कर आओ। सब चलने को तैयार हैं पर... P जो आज्ञा गुरूदेव ! आज हिंसा का ताण्डव नृत्य अभय रुचि, क्षुल्लक एवं अभयमती क्षुल्लिका द्वारा बंद "होगा ऐसा अवधिज्ञान से जान कर आचार्य श्री ने दोनों को बुलाया । आज आप दोनों राजपुर नगर में ही आहार ग्रहण करने जाओगे जो आज्ञा गुरूदेव ! 6. दोनों रूपवान थे। पूर्वावस्था में दोनों भाई बहिन थे परन्तु जाति स्मरण से क्षुल्लकक्षुल्लिका दीक्षा ग्रहण कर ली थी। 5

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