Book Title: Aate Ka Murga
Author(s): Amitsagar
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 12
________________ हे राजन् ! प्रजारक्षक! आपको अभीष्ट की सिद्धि हो । अन्याय-कुरीतियों के नाशक राजन् को धर्म वृद्धि हो। हम आपके कर्णप्रिय वचनामृत सुनना चाहते हैं हे राजन् ! आप प्रजापालक यशस्वी,नीतिज्ञ और विजय श्री को प्राप्त करने वाले हैं अतः आप चिरायु हों। DooocmocCODDOOOO ए.00000000

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