Book Title: Aate Ka Murga
Author(s): Amitsagar
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 21
________________ राजा संसार से उदास होकर अपने पुत्र यशोमती को राज्य देकर दीक्षा ग्रहण करने की योजना बनानेलगा। उसकी रानी अमृतमत्ती को दीक्षा लेने का समाचार मिला रानी ने सोचा हमारे कृत्यों कापता राजाको लग गया अतः उन्हें गुप्त रूप से मार देना चाहिए। रानी हे राजन । मैं आपके मायाचारी बिना कैसे जीवित रहूंगी कुछ भी हो मै तो दीक्षा लेने का निर्णय कर चुका है। म Solo 10 UTTITA Doncaster हे नाथ! दीक्षा लेने से पहले आप मेरे || कुछ विचार कर । कुटावचार कर हाँ, अच्छा रहेगा। हाथ का भोजन अवश्य करल| भोजन में विष किसी को मालूम भी फिरमें भी आपके साथ दीक्षालेलूगी नहीं पड़ेगा। Oo हाँ, अवश्य कर लूंगा। 10000 20000 C29000 Pooooo

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