Book Title: Aagam Manjusha 15 Uvangsuttam Mool 04 Pannavanaa Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 7
________________ अणेगविहा पं० त०-'अजोरह वोडाणे हरितग तह तंदुलजगतणे य। वत्थल पोरग मजारयाइ बिल्ली य पालक्का ॥४१॥ दगपिप्पली य दधी सोत्तिय साए तहेव मंडुकी। मूलग सरिसव अंबिल साएय जियंतए चेव ॥४२॥ तुलसे कण्ह उराले फणिजए अज्जए य भूयणए। वारग दमणग म(ख)रुयग सतपुष्फीदीवरे य तहा ॥४३॥ जे यावने तहप्पगारा, सेत्तं ररिया से किं तं ओसडीओ?.२अणेगविहाओ पंत-साली वीही गोहमजवजवजवा कलमसरतिलमम्गमासणिफावकलत्यआलिसंदसतीणपलिमंधा अयसीकसंभकोडवर्कगराल. गमासकोईसा सणसरिसवमूणि(ल)गषीया जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं ओसहीओ, से किं ते जलरहा,२ अणेगविहा पं० त०-उदए अवए पणए सेवाले कलंबुया हढे कसेरुया कच्छभाणी उप्पले पउमे कुमुदेणलिणे सुभए सुगंधिए पोण्डरीए महापुंडरीयए सयपत्ते सहस्सपत्ते कल्हारे कोकणदे अरविंदे तामरसे भिसे पोक्खले पोक्खलस्थिभूए जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं जलरुहा, से कितं कुणा १,२ अणेगविहा पं० त०-आएकाए कुहणे कुणके दवहलिया सफाए सज्झाए छत्तोए वंसीण हिताकुरए जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं कुहणा, 'णाणाविहसंठाणा रुक्खाणं एगजीविया पत्ता। संधावि एगजीवा तालसरलणालिएरीर्ण ॥४४॥जह सगलसरिसवाणं सिलेसमिस्साण वट्टिया विट्टी। पत्तेयसरीराण तह होंति सरीरसंघाया ॥४५॥ जह वा तिलपप्पडिया बहुएहिं तिलेहिं संहता संती। पत्तेयसरीराणं तह हॉति सरीरसंघाया ॥४६॥ सेर्त पत्तेयसरीरबादरवणफइकाइया ।२३। से किंतं साहारणसरीरवादख णस्सइकाइया ?,२ अणेगविहा पं००-'अवए पणए सेवाले लोहिणी मिहुत्यु हुत्थिभागा(य)। अस्सकषि सीहकनी सिउंदि तत्तो मुसुंढी य॥४७॥ रुरु कुण्डरिया जीरू छीर विराली तहेव किट्टीया। हालिह सिंगबेरे य आतुलगा मूलए इय ॥४८॥ कंव्यं कचकर्ड सुमत्तओ बलइ तहेव महसिंगी। नीम्ह सप्पमयंधा छिन्चव्हा चेव बीयाहा ॥४९॥ पाढा मियवालंकी महुररसा चेवरायवल्ली य। पउमा माढरि दंतीति चंडी किट्ठी(ट्टी)त्ति यावरा ॥५०॥मासपण्णी मुग्गपण्णी जीवियरसहे य रेणुया चेवाकाजोली खीरकाओली तहा भंगी नहीं इय॥५१॥ किमिरासि मह मुच्छा, जंगलई पेलुगा इय। किव्हा पउले यहढे, हस्तणुया चेव लोयाणी ॥५२॥ कण्हे कंदे वजे सूरणकंदे तहेव खाइरे। एए अर्णतजीवा जे यावन्ने तहाविहा ॥५३॥ तणमूलकदमूल, सामूलात आवरे। सखिजमसीखजा,पाडवाऽणतजीवाय॥५४॥सिघाडगस्स गुच्छा अणगजीवो उहाइनाया। पत्ता पत्तयजीवादान्निय जीवा फले भणिया णतजीवे उसे मुले, जे यावणे तहाविहा ॥५६॥ जस्स कंदस्स भग्गस्स. समो मंगो पदीसह । अर्णतजीवे उसे कंदे.जे यावने तहाविहा ॥५७॥ जस्स खंघस्स भग्गस्स, समो भंगो पदीसइ। अर्णतजीवे उसे खंघे,जे यावन्ने तहाविहा ॥५८॥ जीसे तयाए भग्गाए, समो भंगो पदीसए। अणंतजीवा तया साउ, जे यावना तहाविहा ॥५९॥ जस्स सालस्स भम्गस्स, समो मंगो पदीसए। अर्णतजीवे य से साले, जे०॥६०॥ जस्स पवालस्स मग्गस्स, समो० अणंतजीवे पवाले से, जे०॥६१॥ जस्स पत्तस्स भग्गस्स, समो०। अर्णतजीवे उसे पत्ते, जे०॥६२॥ जस्स पुष्फस्स भगक्स, समो०। अर्णतजीवे उ से पुष्फे, जे०॥६३॥ जस्स फलस्स भास्स, समो० अर्णतजीवे फले से उ, जे०॥६४॥ जस्स बीयस्स भग्गस्स, समो०। जर्णतजीवे उसे बीए, जे०॥६५॥ जस्स मूलस्स भग्गस्स, हीरो मं०। परित्तजीवे उसे मूले, जे०॥६६॥जुस्स कंद०, हीरो मं०। परित्तजीचे उ से कंदे, जे० ॥६७॥ जस्स खंघ०, हीरो०। परित्तजीचे उ से खंघे, जे०॥६८॥ जीसे तयाए भग्गाए, हीरो। परित्तजीवा तया सा उ, जे. तहाविहा ॥६९॥ जस्स साल०,हीरोगपरित्तजीवे उसे साले, जे०॥७०॥ जस्स पचाल०,हीरोगपरित्तजीवे पवाले उ, जे०॥७१॥ जस्स पत्त०.हीरो परित्तजीवे उसे पत्ते, जे० ॥७२॥ जस्स पुष्फ०, हीरो०। परित्तजीवे उसे पुण्फे, जे०॥७३॥ जस्स फल०, हीरो परित्तजीवे फले से उ, जे०॥७४॥ जस्स बीय०, हीरो०ा परित्तजीये उ से बीए, जे०॥७५॥ जस्स मूलस्स कट्ठाओ, छाती बहुलतरी भवे। अर्णतजीवा उसा छडी, जे०॥७६॥ जस्स कंदस्स कट्ठाओ, छल्ली। अर्णतजीचा उ सा छल्ली, जे०॥७७॥ जस्स खंधस्स कट्ठाओ, छली। अर्णतजीवा उ सा छल्ली, जे०॥७८॥ जीसे सालाए कट्ठाओ, छल्ली। अर्णतजीवा उ सा छड़ी, जे०॥७९॥ जस्स मूलस्स कट्ठाओ, छल्डी तणुययरी भवे। परित्तजीचा उ सा छाडी, जे०॥८॥ जस्स कंदस्स कट्ठाओ, छाडी तणुययरी भवे। परित्त०,जे०॥८१॥ जस्स संधस्स कट्ठाओ, छाडी०। परित्त०, जे०॥८२॥ जीसे सालाए कट्ठाओ, छाडी०। परित्त०, जे० ॥८३॥२४॥ चकार्ग भजमाणस्स, गंठी चुन्नघणो भवे। पुढवीसरिसभेएण, अर्णतजीवं वियाणाहि ॥८४॥ गूढसिरागं पत्तं सच्छीरं जं च होइ निच्छीरें। जंपि य पणट्ठसन्धि अर्णतजी वियाणाहि ॥८५॥ पष्फा जलया बलया य चिंटवता य नालबद्धा या सैखिजमसंखिजा मणिया। निहुया अर्णतजीवा जे यावशे तहाविहा ॥८७॥ पउमुप्पलिणीकंदे अंतरकदे तहेव झिल्ली य। एए अर्णतजीवा एगो जीवो बिसमुणाले ॥ ८८॥ पलंडू ल्हसुणकंदे य, कंदली य कुमुं(प० कंद)बए। एए परित्तजीवा. जे०॥८९॥ पउमुष्पलनलिणाणं, सुभगसोगंधियाण याअरविंदकुंकणाणं, सयवत्तसहस्सपत्ताणं॥९॥विट बाहिरपत्ता य कनिया चेव एम६७८ प्रज्ञापना, पद-१ मुनि दीपरत्नसागरPage Navigation
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