Book Title: Agam 08 Ang 08 Antkrutdashang Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ II SHREE VITRAAGAAYA NAMAH II UPPANEIVA VIGAMENA DHUVEINA अंतगडं दशांग सुत्तं ANTAGADA DAŚĀNGA SŪTRA Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पंचम गणधर सिरि सुहम्मसामी विरइयं अतगडदसाओ अंतगड दशांग सुत्तं ANTAGADA DAŚĀNGA SŪTRA मूल पाठ Ardhamāgadhi Aphorisms अंग आगम - ८ 8thANGA AGAMA Bhagwan Mahāvīra's Precepts Sūtra First Composed By Fifth Ganadhara ŚRĪ SUDHARMĀ SWĀMĪ Vallabhi Council (Synod) Chair DEVARDDHIGANI KŞAMAŚRAMANA Published By GLOBAL JAIN AAGAM MISSION Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ अंतगड दशांग सुत्तं ANTAGADA DAŚĀNGA SŪTRA First eBook Edition (PDF)-2012 Source of Ardhamāgadhi Aphorisms: GURUPRAN AAGAM BATRISI (Aagam Series) (Gujarati 2nd Edition, 2009) Published on the Occasion of 100th Birth Anniversary of SAURASHTRA KESHARI GURUDEV PUJYA SHREE PRANLALJI M. S. Text in "Mangal (Unicode)" Font Published By: GLOBAL JAIN AAGAM MISSION C/o. Pawandham, Mahavir Nagar, Kandivali (W), Mumbai - 400 067 Tel.: +91 92233 14335, e-mail: info@jainaagam.org www.jainaagam.org / www.parasdham.org Computer Source files can be made available for appropriate scholarly use, Please contact in writing at the email/phone contacts listed above. Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Rashtra Sant Yug Diwakar Pujya Gurudev NamraMuni M.S. Inspired GLOBAL JAIN AAGAM MISSION Promoting Compassionate and Nonviolent Living MISSION: Global Jain Aagam Mission promotes the eternal truths of Jain Agama (precepts of Lord Mahāvīra) to build a compassionate and nonviolent lifestyle in the world. GOALS AND OBJECTIVES: • Translate all Jain Agamas (scriptures) into English and other world languages • Make Agamas available in all electronic forms • Promote awareness of Āgama throughout the world • Educate and uphold Jain way of life using expertise of social media • Promote a compassionate and nonviolent lifestyle throughout the world • Encourage and promote research on Agamas to develop approaches to the world challenges (ecology & environment, global warming, world peace, psychology, health, scientific principles, etc.) • Hold periodic conventions to promote exchanges among world's scholars • Interface with interreligious organizations and other guiding institutions • Be a resource for information and referral • Work co-operatively with local, regional, national, and global organizations TRANSLATION OF JAIN AAGAMAS INTO ENGLISH: The Global Jain Aagam Mission has embarked on a project to translate and publish all Jain Agamas into English. The English translation of the Agama will help youth of today in India and abroad to learn and understand Lord Mahāvīra's preachings. The goal is to reach every household and every person in the world to impart the wisdom of the Agamas. In a non-sectarian way, this Mission will endeavor to deliver the Lord Mahāvīra's message to hearts of the people. The translated Agamas will be distributed to various libraries, universities and Jain institutions within our country and abroad. In addition, it will be made available on the Internet and in electronic forms of eBooks, etc. Many learned intellectuals from different countries and cultures have supported this project of translating the Agama's into English. The work is being performed in cities of Mumbai, Ahmedabad, Bangalore, Shravanbelgola, Delhi, Jaipur, Chennai, Kolkata, Banaras, Ladnu, Dubaii, and USA. In addition, this mission is receiving guidance and blessings from spiritual leaders of various religious traditions. INVITATION TO PARTICIPATE: We invite scholars, spiritual aspirants and shrāvaks to join us in making this mission a success. Your contribution of knowledge, time, and money will be appreciated. Please contact by email at info@jainaagam.org or by phone to: Girish Shah at Tel. +91-92233-14335 or Gunvant Barvalia at Tel. +91-98202-15542 Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय सूची - Table of Content ........ ......... ......... ......... ............... ............ ............... ............... ............... पढमो वग्गो.. पढमं अज्झयणं.. ............... गोयमे २-१० अज्झयणाणि. बीओ वग्गो. १-८ अज्झयणाणि.... तइओ वग्गो..... १-६ अज्झयणाणि.. अणीयसकुमाराइ. सत्तमं अज्झयणं. अट्ठमं अज्झयणं. गयसकमाले.... ९-१३ अज्झयणाणि.. सम्हादिकुमारा.. चउत्थ वग्गो.. १-१० अज्झयणाणि... जालिपभिइ कुमारा... पंचमं वग्गो .. पढमं अज्झयणं. पउमावई २-१० अज्झयणाणि गोरिपभिड़ छट्टो वग्गो... १-२ अज्झयणाणि... मकाई-किंकमे.. तइअं अज्झयणं..... मोग्गरपाणी.... ४-१४ अज्झयणाणि कासवादि पण्णरसमं अज्झयणं. अइमत्तेकमारे.. सोलसमं अज्झयणं... अलक्के सत्तमो वग्गो.... १-१३ अज्झयणाणि णंदादि अट्ठमो वग्गो ............... पढमं अज्झयणं.. काली ........ बीअं अज्झयणं... सकाली तइअं अज्झयणं.. महाकाली ... ............. चउत्थं अज्झयणं... कण्हा पंचमं अज्झयणं.............. ........ ......... ............ ...... ............ ............... .............. .............. ..................... ................ Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ............. .............. सुकण्हा ....................................... छटुं अज्झयणं... महाकण्हा सत्तमं अज्झयणं..... वीरकण्हा अट्ठमं अज्झयणं.. ......... रामकण्हा ........ णवमं अज्झयणं. पिउसेणकण्हा... दसमं अज्झयणं. महासेणकण्हा. परिसेसो ॥अंतगडं सत्तं समत्तं || ....... Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमो वग्गो पढमं अज्झयणं गोयमे | तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णामं णयरी | पुण्णभद्दे चेइए- वण्णओ । तेणं कालेणं तेणं समएणं अज्जसुहम्मे समोसरिए | परिसा णिग्गया । धम्मो कहिओ । परिसा जामेव दिसिं पाउब्भूया तामेव दिसिं पडिगया | तेणं कालेणं तेणं समएणं अज्जसुहम्मस्स अंतेवासी अज्ज जंबू णामं अणगारे कासवगोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंस संठाणसंठिए वज्जरिसहणारायसंघयणे कणयपुलयणिहसपम्हगोरे उग्गतवे दित्ततवे तत्ततवे महातवे ओराले घोरे घोरगुणे घोरतवस्सी घोरबंभचेरवासी उच्छूट सरीरे संखित्तविउलतेयलेस्से अज्ज सुहम्मस्स थेरस्स अदूरसामंते उड्ढंजाणू अहोसिरे झाणकोट्टोवगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं से अज्ज जंबू णामं अणगारे जायसड्ढे जायसंसए जायकोउहल्ले, संजायसड्ढे संजायसंसए संजायकोउहल्ले, उप्पण्णसड्ढे उप्पण्णसंसए उप्पण्ण- कोउहल्ले, समुप्पण्णसड्ढे समुप्पण्णसंसए समुप्पण्णकोउहल्ले उट्ठाए उट्टेइ, उट्ठाए उद्वित्ता जेणामेव अज्जसुहम्मे थेरे तेणामेव उवागच्छड़, उवागच्छित्ता अज्ज सुहम्मे थेरे तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदड़ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता अज्जसहम्मस्स थेरस्स णच्चासण्णे णाइरे सुस्सुसमाणे णमंसमाणे अभिमुहं पंजलिउडे विणएणं पज्जुवासमाणे एवं वयासीजइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं आइगरेणं, तित्थगरेणं, सयं संबुद्धेणं, पुरिसुत्तमेणं, पुरिससीहेणं, पुरिसवरपुंडरीएणं, पुरिसवर- गंधहत्थिणा, लोगुत्तमेणं लोगणाहेणं, लोगहिएणं, लोगपईवेणं, लोगपज्जोयगरेणं, अभयदएणं, चक्खुदएणं मग्गदएणं, सरणदएणं, जीवदएणं, बोहिदएणं, धम्मदएणं, धम्मदेसएणं, धम्मणायगेणं, धम्मसारहिणा, धम्म वर-चाउरंत-चक्कवट्टिणा, दीवोताणं-सरण-गइ-पइट्ठाणेणं, अपडियहय- वर-णाण-दंसण-धरेणं, वियदृछउमेणं, जिणेणं, जावएणं, तिण्णेणं, तारएणं, बुद्धणं, बोहएणं मुत्तेणं, मोयगेणं, सव्वण्णेणं सव्वदरिसिणा, सिवमयल- मरुय-मणंत-मक्खय-मव्वाबाह मपुणरावत्तयं सिद्धि गइ-णाम धेयं ठाणं संपत्तेणं, सत्तमस्स अंगस्स उवासगदसाणं अयमढे पण्णत्ते, अट्ठमस्स णं भंते ! अंगस्स अंतगडदसाणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अढे पण्णत्ते? एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं अट्ठ वग्गा पण्णत्ता। जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं अट्ठ वग्गा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते ! वग्गस्स अंतगडदसाणं समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं कड़ अज्झयणा पण्णत्ता ? ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं पढमस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहागोयम-समुद्द-सागर, गंभीरे चेव होइ थिमिए य । अयले कंपिल्ले खलु, अक्खोभ-पसेणइ-विण्हू ॥ एवं खद Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जड़ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं पढमस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पण्णत्ता । पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स अंतगडदसाणं समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं के अढे पण्णत्ते? एवं खल जंब ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई णामं णयरी होत्था | वालसजोयणायामा, णव-जोयण-वित्थिण्णा, धणवइ-मइ-णिम्माया, चामीकर-पागारा, णाणामणि पंचवण्णकविसीसगमंडिया, सुरम्मा, अलकापुरी-संकासा, पमुदिय-पक्कीलिया पच्चक्खं देवलोगभूया पासादीया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा । तीसेणं बारवईए णयरीए बहिया उत्तरपत्थिमे दिसीभाए एत्थ णं रेवयए णामं पव्वए होत्था। तत्थणं रेवयए पव्वए णंदणवणे णामं उज्जाणे होत्था | वण्णओ । सुरप्पिए णामं जक्खायतणे होत्था, पोराणे, से णं एगेणं वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, असोगवरपायवे | तत्थ णं बारवईए णयरीए कण्हे णामं वासुदेवे राया परिवसइ । रायवण्णओ । से णं तत्थ समुद्दविजयपामोक्खाणं दसण्हं दसाराणं बलदेवपामोक्खाणं पंचण्हं महावीराणं, पज्जुण्णपामोक्खाणं अद्भुट्ठाणं कुमारकोडीणं, संबपामोक्खाणं सट्ठीए दुइंतसाहस्सीणं, महासेणपामोक्खाणं छप्पण्णाए बलवग्गसाहस्सीणं वीरसेणपामोक्खाणं एगवीसाए वीरसाहस्सीणं | उग्गसेणपामोक्खाणं सोलसण्हं रायसाहस्सीणं, रुप्पिणी पामोक्खाणं सोलसण्हं देविसाहस्सीणं अणंगसेणा- पामोक्खाणं अणेगाणं गणिया साहस्सीणं, अण्णेसिं च बहणं, ईसर तलवर माडंबिय- कोडुबिय इब्भ-सेडिसेणावइ सत्थवाहाणं बारवईए णयरीए अद्धभरहस्स य समंतस्स आहेवच्चं पोरेवच्चं भट्टित्तं सामित्तं महत्तरगत्तं आणाईसरसेणावच्चं कारेमाणे पालेमाणे महयाऽऽहय-णट्ट-गीय-वाइयतंती-तल-तालतुडिय-घण-मुयंग- पड़प्पवाइयरवेणं विउलाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ । तत्थ णं बारवईए णयरीए अंधगवण्ही णामं राया परिवसइ, वण्णओ | तस्स णं अंधगवहिस्स रणो धारिणी णामं देवी होत्था, वण्णओ | तए णं सा धारिणी देवी अण्णया कयाइं तंसि तारिसगंसि सयणिज्जंसि एवं जहा महब्बले सुमिणदंसण-कहणा, जम्मं बालत्तणं कलाओ य । जोव्वण-पाणिग्गहणं, कण्णा वासा य भोगा य || णवरं गोयमो णामेणं | अट्ठण्हं रायवरकण्णाणं एगदिवसेणं पाणिं गेण्हावेंति । अदुओ दाओ। तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिडणेमी आइगरे जाव संजमेण तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ, चउव्विहा देवा आगया | कण्हे वि णिग्गए | तएणं तस्स गोयम कुमारस्स जाव जहा मेहे तहा णिग्गए | धम्म सोच्चा णिसम्म हद्वतुढे जाव जं णवरं देवाणुप्पिया! अम्मापियरो आपुच्छामि तओ पच्छा देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पव्वयामि । एवं जहा मेहे जाव तहा गोयमे वि सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ । करित्ता जेणामेव समणे भगवं अरिट्ठणेमी तेणामेव उवागच्छइ । उवागच्छित्ता समणं भगवं अरिडणेमिं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ करित्ता वंदइ, णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासीआलित्ते णं भंते! लोए, पलित्ते णं भंते! लोए, आलित्तपलित्ते णं भंते! लोए जराए मरणेण य । से जहा णामए केई गाहावई आगारंसि झियायमाणंसि जे तत्थ भंडे भवइ अप्पभारे मोल्लगुरुए तं Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० ११ गहाय आयाए एगंतं अवक्कमइ, एस मे णित्थारिए समाणे पच्छा पुरा हियाए सुहाए खमाए णिस्सेसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ । एवामेव मम वि एगे आया भंडे इट्ठे कंते पिए मणुणे मणामे, एस मे णित्थारिए समाणे संसारवोच्छेयकरे भविस्सइ । तं इच्छामि णं देवाणुप्पियाहिं सयमेव पव्वावियं, सयमेव मुंडावियं, सेहावियं, सिक्खावियं, सयमेव आयार - गोयर - विणयवेणइय चरण- करण-जाया- मायावत्तियं धम्ममाइक्खियं । तए णं समणे भगवं अरिट्ठणेमी सयमेव पव्वावेइ जाव धम्ममाइक्खड़ एवं देवाणुप्पिया! गंतव्वं चिट्ठियव्वं णिसीयव्वं तुयट्टियव्वं भुंजियव्वं भासियव्वं, एवं उट्ठाए उट्ठाय पाणेहिं भूएहिं जीवेहिं सत्तेहिं संजमेणं संजमियव्वं, अस्सिं च णं अट्ठे णो पमाएयव्वं । तणं से गोयमेकुमारे समणस्स भगवओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए इमं एयारूवं धम्मियं उवएसं सोच्चा णिसम्म सम्मं पडिवज्जइ । तमाणाए तह गच्छइ, तह चिट्ठइ, तह णिसीयइ, तह तुयट्टइ, तह भुंजइ, तह भासइ, तह उट्ठाए उट्ठाय पाणेहिं भूएहिं जीवेहिं सत्तेहिं संजमइ तए णं से गोयमे अणगारे जाए- इरियासमिए जाव इणमेव णिग्गंथं पावयणं पुरओ काउं विहरइ । तणं से गोयमे अण्णया कयाइं अरहओ अरिट्ठणेमिस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाइ अहिज्जइ अहिज्जित्ता बहूहिं चउत्थ छट्ठट्ठम-दसम-दुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं विविहेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं अरहा अरिट्ठणेमी अण्णा कयाई बारवईओ णयरीओ णंदणवणाओ पडिणिक्खमइ, बहिया जणवयविहारं विहरइ I तए णं से गोयमे अणगारे अण्णया कयाइ जेणेव अरहा अरिट्ठणेमी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अरहं अरिट्ठणेमिं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी इच्छामि णं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए । एवं जहा खंदओ तहा बारस भिक्खुपडिमाओ फासेइ । गुणरयणं पि तवोकम्मं तहेव फासेइ णिरवसेसं । जहा खंदओ तहा चिंतेइ, तहा आपुच्छइ, तहा थेरेहिं सद्धिं सेत्तुंजं दुरूहइ, बारस वरिसाइं परियाए मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झोसेइ, झोसित्ता सट्ठि भत्ताई अणसणाए छेदेइ, छेदित्ता जस्सट्ठाए कीरइ णग्गभावे मुंडभावे, केसलोए, बंभचेरवासे, अण्हाणगं, अदंतवणयं अच्छत्तयं, अणुवाहणयं, भूमिसेज्जाओ, फलगसेज्जाओ, कट्ठ सेज्जाओ परघरप्पवेसे, लद्धावलद्धाइं माणावमाणाइं, परेसिं हीलणाओ, निंदणाओ, खिसणाओ, तालणाओ, गरहणाओ, उच्चावया विरूवरूवा गामकंटगा बावीसं परीसहोवसग्गा अहियासिज्जंति, तमट्ठे आराहेइ, चरिमेहिं उस्सास णिस्सासेहिं सिद्धे बुद्धे मुत्ते परिणिव्वडे सव्वदुक्खपहीणे । एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं पढमस्स वग्गस्स पढमस्स अज्झयणस्स अयमट्ठे पण्णत्ते । ॥ पढमं अज्झयणं समत्तं ॥ Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमो वग्गो २- १० अज्झयणाणि एवं जहा गोयमे तहा सेसा । अंधग वण्ही पिया, धारिणी माया, समुद्दे, सागरे, गंभीरे, थिमिए, अयले, कंपिल्ले, अक्खोभे, पसेणई, विण्हुए, एए एगगमा । ॥ पढमो वग्गो समत्तो ॥ बीओ वग्गो १-८ अज्झयणाणि जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं पढमस्स वग्गस्स अयमट्ठे पण्णत्ते, दोच्चस्स णं भंते ! वग्गस्स अंतगडदसाणं समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं कइ अज्झयणा पण्णत्ता ? एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं दोच्चस्स वग्गस्स अट्ठ अज्झयणा पण्णत्ता । अक्खोभ सागर खलु, समुद्द हिमवंत अचल णामे य । धरणे य पूरणे वि य, अभिचंदे चेव अट्ठमए ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई णामं णयरी होत्था । वण्ही पिया । धारिणी माया । जहा पढमो वग्गो तहा सव्वे अट्ठ अज्झयणा । गुणरयणं तवोकम्मं । सोलसवासाइं परिआओ । सेतुंजे मासिया संलेहणाए सिद्धा । ॥ बीओ वग्गो समत्तो ॥ तइओ वग्गो १-६ अज्झयणाणि अणीयसकुमाराइ तच्चस्स उक्खेवओ । एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं तच्चस्स वग्गस्स तेरस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहा- अणीयसे, अणंतसेणे, अणिहय, विऊ, देवजसे, सत्तुसेणे, सारणे, गए, सुमुहे, दुम्मुहे, कूवए, दारुए, अणादिट्ठी । Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २ एवं खलु जंबू । तेणं कालेणं तेणं समएणं भद्दिलपुरे णामं णयरे होत्था । वण्णओ । तस्स णं भद्दिलपुरस्स णयरस्स उत्तरपुरत्थिमे दिसिभाए सिरिवणे णामं उज्जाणे होत्था । वण्णओ । जियसत्तू राया । तत्थ णं भद्दिलपुरे णयरे णागे णामं गाहावई होत्था । अड्ढे दित्ते, वित्थिण्ण-विउलभवण-सयणासण-जाण-वाहणाइण्णे, बहुधण- बहुजायरूव-रयए, आओगप्प- ओगसंपत्ते विच्छिड्डियविउल-भत्तपाणे, बहुदासी दास- गो-महिस- गवेलगप्पभूए बहुजणस्स अपरिभूए । त णागस्स गाहावइस्स सुलसा णामं भारिया होत्था । सुकुमाल - पाणि- पाया, अहीण-पडिपुण्णपंचिंदिय- सरीरा लक्खणवंजण- गुणोववेआ माणुम्माणप्पमाण- पडिपुण्णसुजाय- सव्वंगसुंदरंगी ससि-सोमाकार- कंत- पिय-दंसणा सुरूवा । तस्स णं णागस्स गाहावइस्स पुत्ते सुलसाए भारियाए अत्तए अणीयसे णामं कुमारे होत्था । सुकुमाले जाव सुरूवे पंचधाईपरिक्खित्ते तंजहा - खीरधाईए, मंडणधाईए, मज्जणधाईए, अंकधाईए, कीलावणधाईए एवं जहा दढपइण्णे जाव गिरिकंदरमल्लीणे व चंपगपायवे सुहंसुहेणं परिवड्ढइ । w जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं पढमस्स वग्गस्स तेरस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स के अ पण्णत्ते ? [] तए णं तं अणीयसं कुमारं सातिरेगअट्ठवासजायं [ जाणित्ता ] अम्मापियरो कलायरियस्स उवर्णेति। तएणं से कलायरिए अणीयसं कुमारं लेहाइयाओ गणितप्पहाणाओ सउणिरुतपज्जवसाणाओ बावत्तरिं कलाओ सुत्तओ अ अत्थओ अ करणओ य सेहावेइ, सिक्खावेइ । तंजहा (१) लेहं (२) गणियं (३) रूवं (४) णट्टं (५) गीयं (६) वाइयं (७) सरगयं (८) पुक्खरगयं (९) समतालं (१०) जूयं (११) जणवायं (१२) पोरेकच्चं (१३) अट्ठावयं (१४) दगमट्टियं (१५) अण्णविही (१६) पाणविही (१७) वत्थविही (१८) सयणविही (१९) अज्जं (२०) पहेलीयं (२१) मागहियं (२२) गाहं (२३) सिलोगं (२४) गंधजुत्तिं (२५) मधुसित्थं (२६) आभरणविही (२७) तरुणीपडिकम्मं (२८) इत्थीलक्खणं (२९) पुरिसलक्खणं (३०) हयलक्खणं (३१) गयलक्खणं (३२) गोणलक्खणं (३३) कुक्कुडलक्खणं (३४) मिंढलक्खणं (३५) चक्कलक्खणं (३६) छत्तलक्खणं (३७) दंडलक्खणं (३८) असिलक्खणं (३९) मणिलक्खणं (४०) कागणिलक्खणं (४१) चम्मलक्खणं (४२) चंदचरियं (४३) सूरचरियं (४४) राहुचरियं (४५) गहचरियं (४६) सोभागकरं (४७) दोभागकरं (४८) विज्जागयं (४९) मंतगयं (५०) रहस्सगयं (५१) सभासं (५२) चारं (५३) पडिचारं (५४) बूहं (५५) पडिबूहं (५६) खंधावारमाणं (५७) णगरमाणं (५८) वत्थुमाणं (५९) खंधावारणिवेसं (६०) वत्थुणिवेसं (६१) णगरणिवेसं (६२) ईसत्थं (६३) छरुप्पवायं (६४) आससिक्खं (६५) हत्थिसिक्खं (६६) धणुव्वेयं (६७) हिरण्णपागं सुवण्णपागं मणिपागं धाउपागं (६८) बाहुजुद्धं मुट्ठिजुद्धं अट्ठजुद्धं जुद्धं द्धिं जुद्धाइजुद्धं (६९) सुत्तखेडं णालियाखेडं वट्टखेडं धम्मखेडं चम्मखेडं (७०) पत्तछेज्जं कडगच्छेज्जं (७१) सजीवं णिज्जीवं ( ७२ ) सउणिरुयं । तए णं से कलायरिए अणीयसं कुमारं लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणिरुय पज्जवसाणाओ बावत्तरिं कलाओ सुत्तओ य अत्थओ य गंथओ य करणओ य, सेहावेत्ता सिक्खावेत्ता अम्मापिऊणं उवणेइ । Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तए णं अणीयसकुमारस्स अम्मापियरो तं कलायरियं मधुरेहिं वयणेहिं विपुलेणं असण-पाणखाइम-साइमेणं वत्थ-गंध- मल्लालंकारेणं सक्कारेंति, सम्माणेंति, सक्कारित्ता सम्माणित्ता विपुलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयंति, दलइत्ता पडिविसज्जेंति । तए णं से अणीयसकुमारे उम्मुक्कबालभावे विण्णायपरिणयमेत्ते जोवण- गमणुपत्ते बावत्तरिकलापंडिए णवंगसुत्तपडिबोहिए अट्ठारस - विहिप्पगारदेसी - भासाविसारए गीयरई गंधव्वणट्टकुसले जाव अलं भोगसमत्थे जाए यावि होत्था । ५ तए णं तं अणीयसं कुमारं उम्मुक्कबालभावं जाणित्ता अम्मापियरो सरिसियाणं सरिव्वयाणं सरित्तयाणं सरिसलावण्ण-रूव-जोव्वण- गुणोववेयाणं सरिसएहिंतो इब्भकुलेहिंतो आणिल्लियाणं बत्तीसाए इब्भवरकण्णगाणं एगदिवसेणं पाणिं गेण्हावेंति । तए णं से णागे गाहावई अणीयस्स कुमारस्स इमं एयारूवं पीइदाणं दलयइ, तंजहा- बत्तीसं हिरण्णकोडीओ, एवं जहा महाबलस्स जाव अण्णं वा सुबहुं हिरण्णं वा सुवण्णं वा कंसं वा दूसं वा विउलधण-कणग जाव संतसारसावएज्जं, अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं, पकामं भोत्तुं, पकामं परिभाएउ | तए णं से अणीयसे कुमारे एगमेगाए भज्जाए एगमेगं हिरण्णकोडिं दलयइ, एगमेगं सुवण्णकोडिं दलयइ, एगमेगं मउडं मउडप्पवरं दलयइ, एवं तं चैव सव्वं जाव एगमेगं पेसणकारिं दलयइ, अण्णं वा सुबहुं हिरण्णं वा जाव परिभाएउं । तए णं से अणीयसकुमारे उप्पिं पासायवरगए फुट्टमाणेहिं मुइंगमत्थएहिं जाव पंचविहे माणुस्सर कामभोगे पच्चणुभवमाणे विहरइ । ६ तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिट्ठणेमी जेणेव भद्दिलपुर णयरे जेणेव सिरिवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अहा पडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेण तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । परिसा णिग्गया । तए णं तस्स अणीयसस्स कुमारस्स तं महाजणसद्दं च जणकलकलं च सुणेत्ता जाव जहा गोयमे तहा अणगारे जाए । णवरं सामाइयमाइयाइं चउद्दस पुव्वाइं अहिज्जइ । बीसं वासाइं परियाओ । सेसं तहेव जाव सेत्तुंजे पव्वए मासियाए संलेहणाए जाव सिद्धे । एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं तच्चस्स वग्गस्स पढमस्स अज्झयणस्स अयमट्ठे पण्णत्ते । ७ एवं जहा अणीयसे, एवं सेसा वि अणंतसेणे जाव सत्तुसेणे छ अज्झयणा एक्कगमा । बत्तीसओ दाओ । वीसं बासाइं परियाओ, चउद्दस पुव्वाइं अहिज्जइ । सेत्तुंजे सिद्धा । ॥ तइओ वग्गो समत्तो ॥ तइओ वग्गो सत्तमं अज्झयणं १ तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवईए णयरीए, जहा पढमे, णवरं-वसुदेवे राया । धारिणी देवी । सीहो सुमिणे । सारणे कुमारे । पण्णासओ दाओ । चउद्दस पुव्वा । वीसं वासा परियाओ । सेसं जहा गोयमस्स जाव सेतुंजे सिद्धे । Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥ तइओ वग्गो समत्तो || तइओ वग्गो अट्ठमं अज्झयणं गयसकुमाले २ जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं तच्चस्स वग्गस्स सत्तमस्स अज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते, अट्ठमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स के अद्वे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवईए णयरीए, जहा पढमे जाव अरहा अरिद्वणेमी समोसढे । णं कालेणं तेणं समएणं अरहओ अरिद्वणेमिस्स अंतेवासी छ अणगारा भायरो सहोदरा होत्था । सरिसया सरित्तया सरिव्वया णीलप्पल-गवल-गुलिय-अयसिकुसुमप्पगासा सिरिवच्छंकियवच्छा कुसुमकुंडलभद्दलया णलकुबर समाणा | तए णं ते छ अणगारा जं चेव दिवस मुंडा भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइया, तं चेव दिवसं अरहं अरिट्ठणेमिं वंदंति णमंसंति, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासीइच्छामो णं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाया समाणा जावज्जीवाए छटुंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरित्तए | अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह । तए णं ते छ अणगारा अरहया अरिडणेमिणा अब्भणुण्णाया समाणा जावज्जीवाए छटुंछद्रेणं जाव विहरंति । तए णं ते छ अणगारा अण्णया कयाई छट्ठक्खमणपारणयंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेंति, बीयाए पोरिसीए झाणं झियायंति, तइयाए पोरिसीए अतुरियमचवलमसंभंता मुहपोत्तियं पडिलेहंति, पडिलेहित्ता भायण-वत्थाइं पडिलेहंति, पडिलेहित्ता भायणाई पमज्जंति, पमज्जित्ता भायणाइं उग्गाहेंति, उग्गाहित्ता जेणेव अरहा अरिट्ठणेमि तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता अरहं अरिद्वणेमिं वंदंति णमंसंति, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासीइच्छामो णं भंते ! छट्ठक्खमणस्स पारणए तुब्भेहिं अब्भणुण्णाया समाणा तिहिं संघाडएहिं बारवईए णयरीए जाव अडित्तए | अहासुहं देवाणुपिया ! मा पडिबंधं करेह । तए णं ते छ अणगारा अरहया अरिट्ठणेमिणा अब्भणुण्णाया समाणा अरहं अरिडणेमि वंदंति णमंसंति, वंदित्ता, णमंसित्ता अरहओ अरिडणेमिस्स अंतियाओ सहसंबवणाओ पडिणिक्खमंति, पडिणिक्खमित्ता तिहिं संघाडएहिं अरियं जाव अडंति । तत्थ णं एगे संघाडए बारवईए णयरीए उच्च-णीय-मज्झिमाइं कुलाइं घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडमाणे अडमाणे वसुदेवस्स रण्णो देवईए देवीए गेहे अणुप्पवितु । Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [3 तए णं सा देवई देवी ते अणगारे एज्जमाणे पासइ, पासित्ता हट्ट जाव हियया आसणाओ अब्भुढेइ, अब्भुद्वित्ता सत्तट्ठ पयाइं अणुगच्छड़ अणुगच्छित्ता, तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेड, करेत्ता वंदड़ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता जेणेव भत्तघरए तेणेव उवागया सीहकेसराणं मोयगाणं थालं भरेइ, ते अणगारे पडिलाभेइ, वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता पडिविसज्जेइ। तयाणंतरं दोच्चे संघाडए जाव देवईए देवीए गेहे अणप्पविद्वे | तए णं सा देवई देवी ते अणगारे एज्जमाणे पासइ, पासित्ता हट्ठ जाव ते अणगारे पडिलाभेड़, वंदइ, णमंसइ, वंदित्ता, णमंसित्ता पडिविसज्जेइ । तयाणंतरं च णं तच्चे संघाडए जाव देवईए देवीए गेहे अणुप्पविढे | तए णं सा देवई देवी ते अणगारे एज्जमाणे पासइ, पासित्ता हट्ठ जाव ते अणगारे पडिलाभेइ, पडिलाभेत्ता एवं वयासीकिण्णं देवाणुप्पिया ! कण्हस्स वासुदेवस्स इमीसे बारवईए णयरीए दुवालस जोयणायामाए णवजोयण वित्थिण्णाए जाव पच्चक्खं देवलोगभूयाए समणा णिग्गंथा जाव अडमाणा भत्तपाणं णो लभंति, जण्णं ताई चेव कुलाई भत्तपाणाए भुज्जो-भुज्जो अणुप्पविसंति ? तए णं ते अणगारा देवइं देविं एवं वयासी- णो खलु देवाणुप्पिए ! कण्हस्स वासुदेवस्स इमीसे बारवईए णयरीए जाव देवलोगभूयाए समणा णिग्गंथा जाव अडमाणा भत्तपाणं णो लभंति णो चेव णं ताइं ताई कुलाइं दोच्चंपि तच्चपि भत्तपाणाए अणुप्पविसंति । एवं खलु देवाणुप्पिए ! अम्हे भद्दिलपुरे णयरे णागस्स गाहावइस्स पुत्ता सुलसाए भारियाए अत्तया छ भायरो सहोदरा सरिसया जाव णल-कुबरसमाणा अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए धम्म सोच्चा संसारभउव्विग्गा भीया जम्ममरणाणं मुंडा जाव पव्वइया । तए णं अम्हे जं चेव दिवसं पव्वइआ तं चेव दिवसं अरहं अरिद्वणेमि वंदामो णमंसामो, इमं एयारूवं अभिग्गहं ओगिण्हामोइच्छामो णं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणण्णाया समाणा जावज्जीवाए छटुंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरित्तए | अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह । तए णं अम्हे अरहया अरिद्वणेमिणा अब्भणुण्णाया समाणा जावज्जीवाए छटुंछटेणं जाव विहरामो । तं अम्हे अज्ज छठुक्खमणपारणयंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेत्ता बीयाए पोरिसीए झाणं झियाइत्ता जाव तिहिं संघाडएहिं बारवईए णयरीए जाव अडमाणा तव गेहं अणुप्पविट्ठा । तं णो खलु देवाणुप्पिए ! ते चेव णं अम्हे, अम्हे णं अण्णे । देवइं देवि एवं वदंति, वदित्ता जामेव दिसं पाउब्भूया तामेव दिसं पडिगया । तए णं तीसे देवईए देवीए अयमेवारूवे अज्झत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पण्णेएवं खलु अहं पोलासपुरे णयरे अइमुत्तेणं कुमारसमणेणं बालत्तणे वागरिआ- तुमण्णं देवाणुप्पिए ! अट्ठ पुत्ते पयाइस्ससि सरिसए जाव णलकुबरसमाणे, णो चेव णं भरहे वासे अण्णाओ अम्मयाओ तारिसए पुत्ते पयाइस्संति । तं णं मिच्छा । इमं णं पच्चक्खमेव दिस्सइ-भरहे वासे अण्णाओ वि अम्मयाओ खल एरिसए जाव पत्ते पयायाओ | तं गच्छामि णं अरहं अरिहणेमि वंदामि णमंसामि, वंदित्ता णमंसित्ता इमं च णं एयारूवं वागरणं पुच्छिस्सामित्ति कटु एवं संपेहेइ, संपेहेत्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! लहुकरण जुत्तजोइय समखुरवालिहाण-समालिहियसिंगेहिं, Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबूणयामय-कलावजुत्त परिविसिटेहिं रययामयघंटा-सुत्तरज्जुयपवर कंचणत्थ पग्गहोग्गहियएहिं, णीलुप्पल-कयामेलएहिं, पवरगोणजुवाणएहिं णाणामणिरयणघंटियाजालपरिगयं, सुजायजुगजोत्त- रज्जुयजुग पसत्थ सुविरचियणिम्मियं, पवरलक्खणोववेयं धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उवट्ठवेह, उवद्ववेत्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह । तए णं ते कोडुबियपुरिसा एवं वुत्ता समाणा हट्ट जाव हियया, करयल परिगहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट एवं तहत्तिआणाए विणएणं वयणे पडिसुणेति पडिसुणेत्ता खिप्पामेव लहुकरणजुत्त जाव धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उवद्ववेत्ता तमाणत्तियं पच्चपिणेति। जहा देवाणंदा जाव पज्ज्वासइ । तए णं अरहा अरिद्वणेमि देवइं देवि एवं वयासी- से णूणं तव देवई ! इमे छ अणगारे पासित्ता अयमेयारूवे अज्झत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पण्णे एवं खलु अहं पोलासपुरे णयरे अइमुत्तेणं कुमार समणेणं बालत्तणे वागरिया तं चेव जाव तं णिग्गच्छसि, णिग्गच्छित्ता जेणेव मम अंतियं तेणेव हव्वमागया, से णूणं देवई ! अढे समढे ? हंता अत्थि। एवं खलु देवाणुप्पिए ! तेणं कालेणं तेणं समएणं भद्दिलपुरे णयरे णागे णाम गाहावई परिवसइ । अडढे जाव अपरिभए । तस्स णं णागस्स गाहावइस्स सलसा णामं भारिया होत्था। तए णं सा सुलसा बालत्तणे चेव णेमित्तिएण वागरिया-एस णं दारिया णिंदू भविस्सइ। तए णं सा सुलसा बालप्पभिई चेव हरिणेगमेसीदेवभत्तया यावि होत्था । हरिणेगमेसिस्स पडिमं करेइ, करेत्ता कल्लाकलिं व्हाया जाव उल्लपडसाडया महरिहं पुप्फच्चणं करेइ, करेत्ता जाणुपायपडिया पणामं करेइ, करेत्ता तओ पच्छा आहारेइ वा णीहारेइ वा चरइ वा | तए णं तीसे सुलसाए गाहावइणीए भत्तिबहमाणसुस्सूसाए हरिणेगमेसी देवे आराहिए यावि होत्था । तए णं से हरिणेगमेसी देवे सुलसाए गाहावइणीए अणुकंपणट्ठयाए सुलसं गाहावइणिं तुमं च दो वि समउउयाओ करेइ । तए णं तुब्भे दो वि सममेव गब्भे गिण्हइ, सममेव गब्भे परिवहइ, सममेव दारए पयायइ। तए णं सा सुलसा गाहावइणी विणिहायमावण्णे दारए पयायइ | तए णं से हरिणेगमेसी देवे सुलसाए अणुकंपणट्ठयाए विणिहायमावण्णे दारए करयल-संपुडेणं गेण्हइ, गेण्हित्ता तव अंतियं साहरइ । तं समयं च णं तुमं पि णवण्हं मासाणं सुकुमालदारए पसवसि । जे वि य णं देवाणुप्पिए ! तव पुत्ता ते वि य तव अंतिआओ करयलसंपुडेणं गेण्हइ, गेण्हित्ता सुलसाए गाहावइणीए अंतिए साहरइ। तं तव चेव णं देवई ! एए पुत्ता | णो सुलसाए गाहावइणीए । तए णं सा देवई देवी अरहओ अरिद्वणेमिस्स अंतिए एयमहूँ सोच्चा णिसम्म हद्वतुट्ठ जाव हियया अरहं अरिडणेमिं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता जेणेव ते छ अणगारा तेणेव उवागच्छड, उवागच्छित्ता ते छप्पि अणगारे वंदड णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता आगयपण्हया, पप्फुयलोयणा, कंचुयपरिक्खित्तया, दरियवलय-बाहा, धाराहय-कलंब-पुप्फगं विव समूससियरोमकूवा ते छप्पि अणगारे अणिमिसाए दिट्ठीए पेहमाणी-पेहमाणी सुचिरं णिरिक्खड़, णिरिक्खित्ता वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता जेणेव अरहा अरिडणेमी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अरहं अरिडणेमिं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता तमेव धम्मियं जाणप्पवरं दुरुहइ दुरुहित्ता जेणेव बारवई णयरी तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता बारवइं णयरिं अणुप्पविसइ, अणुप्पविसित्ता जेणेव सए गिहे जेणेव Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० तए णं तीसे देवईए देवीए अयं अज्झत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पण्णे- एवं खलु अहं सरिसए जाव णलकुबरसमाणे सत्त पुत्ते पयाया, णो चेव णं मए एगस्स ि बालत्तणए समणुभूए । एस वि य णं कण्हे वासुदेवे छण्हं छण्हं मासाणं ममं अंतियं पायवंदए हव्वमागच्छइ । तं धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ, पुण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ, कयपुण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ, कयलक्खणाओ णं ताओ अम्मयाओ, जासि मण्णे णियग- कुच्छि-संभूयाई थणदुद्ध-लुद्धयाइं महुर समुल्लावायाइं मम्मण - पजंपियाइं थण- मूलकक्खदेसभागं अभिसरमाणाइं मुद्धयाइं पुणो य कोमल-कमलोवमेहिं गिण्हिऊण उच्छंगे णिवेसियाइं देंति समुल्लावए सुमहुरे पुणो-पुणो मंजुलप्प- भणिए । अहं णं अधण्णा अपुण्णा अकयपुण्णा अकयलक्खणा एत्तो एक्कतरमवि ण पत्ता, ओहय मणसंकप्पा करयलपल्हत्थमुही अट्टज्झाणोवगया झियायइ । ११ इमं च णं कण्हे वासुदेवे पहाए जाव विभूसिए देवईए देवीए पायवंदए हव्वमागच्छइ । तणं से कण्हे वासुदेवे देवइं देवि पासइ, पासित्ता देवईए देवीए पायग्गहणं करेइ, करित्ता देवइं देविं एवं वयासी बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागया, धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहइ, पच्चोरुहित्ता जेणेव सए वासघरे जेणेव सए सयणिज्जे तेणेव उवागया सयंसि सयणिज्जंसि णिसीयइ । १२ अण्णया णं अम्मो ! तुब्भे ममं पासित्ता हट्ठट्ठा जाव हियया भवह, किण्णं अम्मो ! अज्ज तु ओहमणसंकप्पा जाव झियायह ? तए णं सा देवई देवी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी- एवं खलु अहं पुत्ता ! सरिसए जव णलकुबरसमाणे सत्त पुत्ते पयाया, णो चेव णं मए एगस्स वि बालत्तणे अणुभू । तुमं पि णं पुत्ता ! छण्हं-छण्हं मासाणं ममं अंतियं पायवंदए हव्वमागच्छसि । तं धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव झियामि । तणं से कहे वासुदेवे देवइं देविं एवं वयासी- मा णं तुब्भे अम्मो ! ओहयमणसंकप्पा जाव झियायह । अहण्णं तहा जइस्सामि जहा णं ममं सहोदरे कणीयसे भाउए भविस्सइ त्ति कट्टु देवइं देविं ताहिं इट्ठाहिं कंताहिं पियाहिं मणुण्णाहिं मणामाहिं वग्गूहिं समासासेइ समासासित्ता तओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता पोसहसालं पमज्जइ पमज्जित्ता उच्चारपासवणभूमिं पडिलेहेइ पडिलेहित्ता दब्भसंथारगं पडिलेहेइ पडिलेहित्ता दब्भसंथारगं संथरइ संथरित्ता दब्भसंथारगं दुरुहइ दुरुहित्ता हरिणेगमेसिस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हइ, अट्ठमभत्तं पगिण्हित्ता पोसहसालाए पोसहिए इव बंभचारी हरिणेगमेसिं देवं मणसि करेमाणे करेमाणे चिट्ठइ | १३ तए णं तस्स कण्हस्स वासुदेवस्स अट्ठमभत्ते परिणममाणे हरिणेगमेसिस्स देवस्स आसणं चलइ जाव अहं इहं हव्वमागए । संदिसाहि णं देवाणुप्पिया । किं करेमि ? किं दलामि ? किं पयच्छामि ? किं वा ते हियइच्छियं । तए णं से कण्हे वासुदेवे तं हरिणेगमेसिं देवं अंतिलिक्खपडिवण्णं पासइ, पासित्ता हट्ठतुट्ठे पोसहं पारेइ, पारित्ता करयलपरिग्गहियं अंजलिं कट्टु एवं वयासी- इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! सहोयरं कणीयसं भाउयं विदिण्णं । Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४ १५ १६ १७ एवं वयासी- होहिइ णं तए णं से हरिणेगमेसी कण्हं वासुदेवं देवाप्पिया ! तव देवलोयचुए सहोयरे कणीयसे भाउ । से णं उम्मुक्क- बालभावे विण्णयपरिणयमेत्ते जोव्वणगमणुपत्ते अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतियं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्सइ । कण्हं वासुदेवं दोच्चं पि तच्चं पि एवं वयइ, वइत्ता जामेव दिसं पाउब्भूए तामेव दिसं पडिगए । तए णं से कण्हे वासुदेवे पोसहसालाओ पडिणिवत्तइ, पडिणिवत्तित्ता जेणेव देवई देवी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता देवईए देवीए पायग्गहणं करेइ, करेत्ता एवं वयासी होहिइ णं अम्मो ! मम सहोयरे कणीयसे भाउए त्ति कट्टु देवई देविं ताहिं इट्ठाहिं जा मणामाहिं वग्गूहिं आसासेइ, आसासित्ता जामेव दिसं पाउब्भूए तामेव दिसं पडिगए। तए णं सा देवई देवी अण्णया कयाइं तंसि तारिसगंसि जाव सीहं सुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्धा समाणी हट्ठतुट्ठ जाव हरिसवसविसप्पमाण हियया एवं जहा महब्बले जाव तं गब्भं सुहंसुहेणं परिवहइ । तए णं सा देवई देवी णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जासुमण- रत्तबंधु- जीवय- लक्खारस सरसपारिजातक-तरुणदिवायर-समप्पभं सव्वणयणकंतं- सुकुमा पाणिपायं जाव सुरूवं गयतालुसमाणं दारयं पयाया । जम्मणं जहा मेहकुमारे जाव जम्हा णं इमे दारगे गयतालुसमाणे तं होउ णं अम्ह एयस्स दारगस्स णामधेज्जे गयसुकुमाले । तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरे णामं करेइ गयसुकुमालोत्ति सेसं जहा मेहे जाव अलं भोगसमत्थे जाए यावि होत्था । तत्थ णं बारवईए णयरीए सोमिले णाम माहणे परिवसइ । अड्ढे जाव अपरिभूए । रिउव्वेद यजुव्वेद-सामवेद-अहव्वणवेद- इतिहासपंचमाणं, णिघंटु छट्ठाणं, चउण्हं वेदाणं संगोवंगाणंसरहस्साणं सारए, वारए, धारए, पारए, सडंगवी, सट्ठितंतविसारए, संखाणे, सिक्खाकप्पे, वागरणे, छंदे, णिरुत्ते, जोइसामयणे, अण्णेसु य बहूसु बंभणएस परिवायएस णयेसु सुपरिणिट्ठिए यावि होत्था । तस्स सोमिल माहणस्स सोमसिरी णामं माहणी होत्था, वण्णओ । तस्स णं सोमिलस्स धूया सोमसिरीए माहणीए अत्तया सोमा णामं दारिया होत्था । सुकुमालपाणिपाया जाव सुरूवा । रुवेणं जोव्वणेणं लावण्णेणं उक्किट्ठा उक्किट्ठसरीरा यावि होत्था । तणं सा सोमा दारिया अण्णया कयाइ पहाया जाव विभूसिया, बहूहिं खुज्जाहिं महत्तरविंद परिक्खित्ता सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्ख- मित्ता जेणेव रायमग्गे तेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता रायमग्गंसि कणगतिंदूसएणं कीलमाणी चिट्ठ | तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिट्ठणेमि समोसढे । परिसा णिग्गया । तए णं से कहे वासुदेवे इमीसे कहाए लद्धट्ठे समाणे पहाए जाव विभूसिए गयसुकुमालेणं कुमारेणं सद्धिं हत्थिखंधवरगए सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं सेयवरचामराहिं उद्धव्वमाणीहिं उद्घुव्वमाणीहिं बारवईए णयरीए मज्झमज्झेणं अरहओ अरिट्ठणेमिस्स पायवंदए णिग्गच्छमाणे सोमं दारियं पासइ, पासित्ता सोमाए दारियाए रुवेण य जोव्वणेण य लावण्णेण य जायविम्ह कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी- गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! सोमिलं माहणं जायित्ता सोमं दारियं गेण्हइ, गेण्हित्ता कण्णंतेउरंसि पक्खिवह । तए णं एसा गयसुकुमालस्स Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कुमारस्स भारिया भविस्सइ । तए णं कोडुंबिय पुरिसा सोमं दारियं गेण्हित्ता कण्णंतेउरंसि पक्खिवंति जाव पच्चप्पिणंति । तए णं से कण्हे वासुदेवे बारवईए णयरीए मज्झंमज्झेणं णिगच्छड्, णिग्गच्छित्ता जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे जेणेव अरहा अरिट्ठणेमि तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अरहओ अरिट्ठणेमिस्स छत्तातिछत्तं पडागातिपडागं विज्जाहरचारणे जंभए य देवे ओवयमाणे उप्पयमाणे पासइ, पासित्ता अरहं अरिट्ठणेमिं पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छइ । तंजहा- सचित्ताणं दव्वाणं विउसरणयाए, अचित्ताणं दव्वाणं विउसरणयाए, एगसाडियं उत्तरासंगकरणेणं, चक्खुप्फासे अंजलिपग्गहेणं, मणसो एगत्तीकरणेणं । जेणामेव अरहा अरिट्ठणेमि तेणामेव उवागच्छइ, विणएणं पज्जुवास । तए णं अरहा अरिट्ठणेमि कण्हस्स वासुदेवस्स गयसुकुमालस्स कुमारस्स तीसे य महइ महालियाए परिसाए धम्मं कहेइ, कण्हे पडिगए । तए णं से गयसुकुमाले अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतियं धम्मं सोच्चा, णिसम्म हट्ठतुट्ठे अरहं अरिट्ठणेमिं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करित्ता वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी- सद्दहामि णं भंते! णिग्गंथं पावयणं, पतियामि णं भंते! णिग्गंथं पावयणं, रोएमि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं, अब्भुट्ठेमि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं । एवमेयं भंते ! तहमेयं भंते ! अवितहमेयं भंते! इच्छियमेयं भंते! पडिच्छियमेयं भंते! इच्छिय-पडिच्छियमेयं भंते ! से जहेयं तुब्भे वयह! णवरं देवाणुप्पिया! अम्मापियरो आपुच्छामि । तओ पच्छा मुंडे भवित्ता णं अगाराओ अणगारियं पव्वइस्सामि । अहाहं देवाप्पिया ! मा पडिबंधं करेह । तए णं से गयसुकुमाले अरहं अरिट्ठणेमिं वंदइ, णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता जेणामेव हत्थिरयणे तेणामेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता हत्थिखंधवरगए, महयाभड - चडगर पहकरेणं बारवईए णयरीए मज्झमज्झेणं जेणामेव सए भवणे तेणामेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता हत्थिखंधाओ पच्चोरुहइ, पच्चोरुहित्ता जेणामेव अम्मापियरो तेणामेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अम्मापिऊणं पायवडणं करेइ, करित्ता एवं वयासी- एवं खलु अम्मयाओ ! मए अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए धम्मे णिसंते, से वि य मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए । तए णं तस्स गयसुकुमालस्स अम्मापियरो एवं वयासी धण्णोसि तुमं जाया ! संपुण्णोसि तुमं जाया ! कयत्थोसि तुमं जाया ! कयलक्खणोसि तुमं जाया ! जण्णं तुमे अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए धम्मे णिसंते से वि य ते धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए । तए णं से गयसुकुमाले अम्मापियरो दोच्चं पि एवं वयासी जाव अभिरुइए । तं इच्छामि णं अम्मयाओ ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए मुंडे भवित्ता णं अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए । तए णं सा देवई देवी तं अणिट्ठे अकतं अप्पियं अमण्णुणं अमणामं अस्सुयपुव्वं फरुसं गिरं सोच्चा णिसम्म इमेणं एयारूवेणं मणोमाणसिएणं महया पुत्तदुक्खेणं अभिभूया समा सेयागय-रोमकूवपगलंत - चिलिणगाया सोयभर - पवेवियंगी णित्तेया दी-विमण-वयणाकरयलमलियव्व कमलमाला तक्खणओलुग्ग दुब्बलसरीर - लावण्णसुण्ण-णिच्छाय-गयसिरीया पसिढिलभूसण-पडंतखुम्मिय संचुण्णियधवलवलय- पब्भट्ठ- उत्तरिज्जा सूमालवि - किण्ण-केसहत्था Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २० मुच्छावसणट्ठ-चेय-गरुई परसुणियत्त व्व चंपगलया णिव्वत्त- महेव्व इंदलट्ठी विमुक्क संधिबंधणा कोट्टिमतलंसि सव्वंगेहिं धसत्ति पडिया । तणं सा देवई देवी ससंभमोवत्तियाए तुरियं कंचणभिंगारमुहविणिग्गय - सीयल - जलविमलधाराए परिसिंचमाणणिव्वावियगायलट्ठी उक्खेवय- तालविंट वीयणग-जणियवाएणं सफुसिएणं अंतेउरपरिजणेणं आसासिया समाणी मुत्तावलि -सण्णिगास पवडंत- अंसुधाराहिं सिंचमाणी पओहरे, कलुण-विमण-दीणा रोयमाणी कंदमाणी तिप्पमाणी सोयमाणी विलवमाणी गयसुकुमालं कुमारं एवं वयासी तुमं सि णं जाया ! अम्हं एगे पुत्ते इट्ठे कंते पिए मणुण्णे मणामे धेज्जे वेसासिए सम्मए बहुम अणुमए भंडकरंडगसमाणे रयणे रयणभूए जीविय- ऊसासिए हियय-णंदि-जणणे उंबरपुप्फंव दुल्लहे सवणयाए, किमंग पुण पासणयाए ? णो खलु जाया! अम्हे इच्छामो खणमवि विप्पओगं सहित्तए । तं भुंजाहि ताव जाया विपुले माणुस्सए कामभोगे जाव वयं जीवामो ! तओ पच्छा अम्हेहिं कालगएहिं परिणयवए वड्ढिय कुलवंसतंतु- कज्जम्मि णिरावयक्खे अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्ससि । तणं से सुकुमाले अम्मापिऊहिं एवं वुत्ते समाणे अम्मापियरो एवं वयासी - तहेव णं तं अम्मो ! जहेव णं तुब्भे ममं एवं वयह- तुमं सि णं जाया ! अम्हं एगे पुत्ते इट्ठे कंते जाव पव्वइस्ससि एवं खलु अम्मयाओ माणुस्सए भवे अधुवे अणितिए असास वसणसओवद्दवाभिभूते विज्जुलयाचंचले अणिच्चे जलबुब्बुयसमाणे कुसग्गजलबिंदुसण्णिभे संझब्भरागसरिसे सुविणदंसणोवमे सडण- पडण-विद्धंसण-धम्मे पच्छा पुरं च णं अवस्सविप्पजहणिज्जे । से के णं जाणइ अम्मयाओ ! के पुव्विं गमणाए के पच्छा गमणाए? तं इच्छामि णं अम्मयाओ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे जाव पव्वइत्तए । त णं तं गयसुकुमाल कुमारं अम्मापियरो एवं वयासी- इमे य ते जाया! अज्जय-पज्जयपिउपज्जयागए सुबहुं हिरण्णे य सुवण्णे य कंसे य दूसे य मणिमोत्तिय-संख-सिल-प्पवालरत्तरयण-संतसार-सावएज्जे य अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पगामं दा पगामं भोत्तुं पगामं परिभाएउं । तं अणुहोही ताव जाया ! विपुलं माणुस्सगं इढिसक्कारसमुदयं । तओ पच्छा अणुभूयकल्लाणे जाव अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्ससि । तए णं से गयसुकुमाले अम्मापियरं एवं वयासी- तहेव णं तं अम्मयाओ ! जं णं तुब्भे ममं एवं वयह- इमे ते जाया ! अज्जग पज्जग पिउपज्जयागए जाव पव्वइस्ससि । एवं खलु अम्मयाओ ! हिरण्णे य जाव सावएज्जे य अग्गिसाहिए चोरसाहिए रायसाहिए दाइयसाहिए मच्चुसाहिए, अग्गिसामण्णे चोरसामण्णे रायसामण्णे दाइयसामण्णे मच्चुसामण्णे सडण-पडण-विद्धंसणधम्मे पच्छा पुरं च णं अवस्स विप्पजहणिज्जे । से के णं जाणइ अम्मयाओ ! किं पुव्विं गमणाए ? के पच्छा गमणाए ? तं इच्छामि णं अम्मयाओ ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे जाव पव्वइत्तए । तए णं तस्स गयसुकुमालस्स कुमारस्स अम्मापियरो जाहे णो संचाएंति गयसुकुमालं कुमारं बहूहिं विसयाणुलोमाहिं आघवणाहि य पण्णवण्णाहि य सण्णवणाहि य विण्णवणाहि य Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (त आघवित्तए वा पण्णवित्तए वा सण्णवित्तए वा विण्णवित्तए वा ताहे विसयपडिकूलाहिं संजमभउव्वेयकारियाहिं पण्णवणाहिं पण्णवेमाणा एवं वयासीएस णं जाया ! णिग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे केवलिए पडिपुण्णे णेयाउए संसुद्धे सल्लकत्तणे सिद्धिमग्गे मुत्तिमग्गे णिज्जाणमग्गे णिव्वाणमग्गे सव्वदुक्खपहीणमग्गे, अहीव एगंतदिट्ठीए, खुरो इव एगंतधाराए, लोहमया इव जवा चावेयव्वा, वाल्याकवले इव णिस्साए, गंगा इव महाणई पडिसोयगमणाए, महासमुद्दो इव भुयाहिं दुत्तरे, तिक्खं कमियव्वं, गरुअं लंबेयव्वं, असिधारव्वयं चरियव्वं । णो खलु कप्पड़ जाया ! समणाणं णिग्गंथाणं आहाकम्मिए वा उद्देसिए वा कीयगडे वा ठविए वा रइए वा दुब्भिक्खभत्ते वा कंतारभत्ते वा बद्दलियाभत्ते वा गिलाणभत्ते वा मूलभोयणे वा कंदभोयणे वा फलभोयणे वा बीयभोयणे वा हरियभोयणे वा भोत्तए वा पायए वा | तुमं च णं जाया ! सुहसमुचिए णो चेव णं दुहसमुचिए, णालं सीयं णालं उण्हं णालं खुहं णालं पिवासं णालं वाइय-पित्तिय-सिभिय-सण्णिवाइए विविहे रोगायंके, उच्चावए गामकंटए, बावीसं परीसहोवसग्गे उदिण्णे सम्म अहिया-सित्तए । तं भुंजाहि ताव जाया ! माणुस्सए कामभोगे! तओ पच्छा भुत्तभोगी जाव पव्वइस्ससि । तए णं से गयसुकुमाले कुमारे अम्मापिऊहिं एवं वुत्ते समाणे अम्मापियरं एवं वयासी-तहेव णं तं अम्मयाओ ! जं णं तुब्भे ममं एवं वयह- एस णं जाया ! णिग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे पुणरवि तं चेव जाव तओ पच्छा भुत्तभोगी अरहओ अरिडणेमिस्स अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्ससि। एवं खलु अम्मयाओ ! णिग्गंथे पावयणे कीवाणं कायराणं कापुरिसाणं इहलोग पडिबद्धाणं परलोगणिप्पिवासाणं दुरणुचरे पाययजणस्स, णो चेव णं धीरस्स । णिच्छियववसियस्स एत्थ किं दुक्करं करणायाए ? तं इच्छामि णं अम्मयाओ ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे जाव पव्वइत्तए | तए णं से कण्हे वासुदेवे इमीसे कहाए लद्धढे समाणे जेणेव गयसुकुमाले तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता गयसुकुमालं आलिंगइ, आलिंगित्ता उच्छंगे णिवेसेइ, णिवेसेत्ता एवं वयासी- तुमं ममं सहोयरे कणीयसे भाया । तं मा णं तुम देवाणुप्पिया ! इयाणिं अरहओ अरिडणेमिस्स अंतिए मुंडे जाव पव्वयाहि । अहण्णं तुमे बारवईए णयरीए महया-महया रायाभिसेएणं अभिसिंचिस्सामि | तए णं से गयसुकुमाले कण्हेणं वासुदेवेणं एवं वुत्ते समाणे तुसिणीए संचिट्ठइ । तए णं से गयसुकुमाले कण्हं वासुदेवं अम्मापियरो य दोच्चं पि तच्चपि एवं वयासीएवं खलु देवाणुप्पिया ! माणुस्सया कामा भोगा असुई वंतासवा पित्तासवा खेलासवा सुक्कासवा सोणियासवा दुरूय-उस्सास-णीसासा दुरुय-मुत्त पुरीस-पूय-बहुपडिपुण्णा उच्चार-पासवण-खेलसिंघाणग- वंत-पित्त-सुक्क सोणियसंभवा अधुवा अणितिया असासया सडण- पडण-विद्धंसणधम्मा पच्छा पुरं च णं अवस्स विप्पजहियव्वा भविस्संति, तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे जाव पव्वइत्तए | २३ तए णं गयसुकुमालं कण्हे वासुदेवे अम्मापियरो य जाहे णो संचाएंति बहुयाहिं अणुलोमाहिं जाव आघवित्तए ताहे अकामाई चेव गयसुकुमालं कुमारं एवं वयासी- तं इच्छामो णं ते जाया ! एगदिवसमवि रज्जसिरिं पासित्तए । Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४ ल तए णं गयसुकुमाले कुमारे कण्हं वासुदेवं अम्मापियरं च अणुवत्तमाणे तुसिणीए संचिट्ठइ । तए णं से गयसुकुमालस्स पिया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी- खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! गयसुकुमालस्स कुमारस्स महत्थं, महग्घं, महरिहं विपुलं रायाभिसेयं उवट्ठवेह । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा तहेव जाव पच्चप्पिणंति । तए णं तं गयसुकुमालं कुमारं अम्मा-पियरो सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहं णिसीयावेंति जहा रायप्पसेणइज्जे जाव अट्ठसएणं सोवण्णियाणं कलसाणं सव्विड्ढीए जाव महयारवेणं महया महया रायाभिसेएणं अभिसिंचंति अभिसिंचित्ता करयल जाव जएणं विजएणं वद्धावेंति, जएणं विजणं वद्धावित्ता एवं वयासी- भण जाया ! किं देमो, किं पयच्छामो, किणा वा ते अट्ठो ? तणं से गयसुकुमाले कुमारे अम्मापियरो एवं वयासी- इच्छामि णं अम्मयाओ कुत्तियावणाओ रयहरणं च पडिग्गहं च आणिउं, कासवगं च सद्दाविरं । तए णं गयसुकुमालस्स कुमारस्स अम्मापियरो कोडंबियपुरिसे सद्दावेंति, सद्दावित्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! सिरिघराओ तिण्णि सयसहस्साइं गहाय दोहिं सयसहस्सेहिं रयहरणं पडिग्गहं च उवणेह, सयसहस्सेण कासवगं सद्दावेह । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा गयसुकुमालस्स कुमारस्स पिउणा एवं वुत्ता समाणा हट्ठतुट्ठ करयल जाव पडिसुणेत्ता खिप्पामेव सिरिघराओ तिण्णिसयसहस्साइं, तहेव जाव कासवगं सद्दावेंति । तए णं से कासवए गय सुकुमालस्स पिउणा कोडुंबियपुरिसेहिं सद्दाविए समाणे हट्ठतुट्ठे पहाए जाव विभूसिए जाव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता करयल परिग्गहियं गयसुकुमालस्स कुमारस्स पियरं जएणं विजएणं वद्धावेइ, वद्धावित्ता एवं वयासी- संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! जं मए करणिज्जं ? तए णं से गयसुकुमालस्स पिया तं कासवगं एवं वयासी- तुमं देवाणुप्पिया ! गयसुकुमालस्स कुमारस्स परेणं जत्तेणं चउरंगुलवज्जे णिक्खमणपाओग्गे अग्गकेसे कप्पेहि । तए णं से कासवे एवं वुत्ते समाणे हट्ठतुट्ठकरयल जव एवं सामी ! तहत्ति आणाए विणणं वयणं पडिसुणेइ, पडिसुणित्ता सुरभिणा गंधोदएणं हत्थपाए पक्खालेइ, पक्खालित्ता सुद्धाए अट्ठपडलाए पोत्तीए मुहं बंधइ, मुहं बंधित्ता गयसुकुमालस्स कुमारस्स परेणं जत्तेणं चउरंगुलवज्जे णिक्खमणपाओग्गे अग्गकेसे कप्पेइ । तए णं सा गयसुकुमालस्स कुमारस्स माया देवई देवी हंसलक्खणेणं पडसाडणं अग्गकेसे पडिच्छइ, अग्गकेसे पडिच्छित्ता सुरभिणा गंधोदएणं पक्खालेइ, सुरभिणा गंधोदएणं पक्खालित्ता अग्गेहिं वरेहिं गंधेहिं, मल्लेहिं अच्चेइ, अग्गेहिं वरेहिं, गंधेहिं, मल्लेहिं अच्चित्ता सुद्धे वत्थे बंधइ, सुद्धे वत्थे बंधिता रयणकरंडगंसि पक्खिवइ, पक्खिवित्ता हार-वारिधार - सिंदुवार - छिण्णमुत्तावलिप्पगासाइं सुयवियोग-दूसहाई अंसूइं विणिम्मुयमाणी विणिम्मुयमाणी एवं वयासीएस णं अम्हं गयसुकुमालस्स कुमारस्स बहुसु तिहीसु य पव्वणीसु य उस्सवेसु य जण्णेसु य छणेसु य अपच्छिमे दरिसणे भविस्सइ त्ति कट्टु ऊसीसगमूले ठवेइ । तए णं तस्स गय-सुकुमालस्स अम्मापियरो दोच्चं पि उत्तरावक्कमणं सीहासणं रयावेंति, रयाविता गयसुकुमालस्स कुमारस्स सेयापीयएहिं कलसेहिं ण्हावेंति ण्हावित्ता पम्हलसुकुमालाए सुरभीए गंधकासाईए गायाइं लूहेंति, लूहित्ता सरसेणं गोसीसचंदणेणं गायाइं अणुलिंपंति अणुलिंपित्ता णासाणिस्सासवायवोज्झं, चक्खुहरं, वण्ण-फरिसजुत्तं, हयलालापेलवाऽइरेगं, धवलं, कणगखचितंतकम्मं, महरिहं, हंसलक्खणपडसाडगं परिहिंति, परिहित्ता हारं पिणद्धेति, पिणद्धित्ता अद्धहारं पिणद्धेति, पिणद्धित्ता एवं जहा सूरियाभस्स अलंकारो तहेव जाव चित्तं रयण- संकडुक्कडं मउडं Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २६ २७ पिणर्द्धंति; किं बहुणा ? गंथिम - वेढिम - पूरिम संघाइमेणं चउव्विहेणं मल्लेणं कप्परुक्खगं पिव अलंकिय- विभूसियं करेंति । तए णं तस्स गय कुमालस्स पिया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अणेगखंभसयसण्णिविट्टं, लीलट्ठिय- सालभंजियागं जहा रायप्पसेणइज्जे विमाणवण्णओ जाव मणिरयण- घंटियाजालपरिक्खित्तं पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं उवट्ठवेह, उवट्ठवेत्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पच्चप्पिणंति । तणं से गयसुकुमाले कुमारे केसालंकारेणं, वत्थालंकारेणं, मल्लालं- कारणं, आभरणालंकारेणं चउव्विहेणं अलंकारेणं अलंकारिए समाणे पडिपुण्णालंकारे सीहासणाओ अब्भुट्ठेइ सीहासणाओ अब्भुट्ठित्ता सीयं अणुप्पयाहिणीकरेमाणे सीयं दुरूहइ, दुरूहित्ता सीहासणवरंसि पुरत्थाऽभिमुहे सणसणे । तए णं तस्स गयकुमारस्स माया ण्हाया जाव विभूसिय सरीरा हंसलक्खणे पडसाडगं गाय सीयं अणुप्पयाहिणीकरेमाणी सीयं दुरूहइ, दुरूहित्ता गयसु- कुमालस्स कुमारस्स दाहिणे पासे भद्दासणवरंसि सण्णिसण्णा । तए णं तस्स गयसुकुमालस्स कुमारस्स अम्मधाई ण्हाया जाव विभूसिय सरीरा, रयहरणं पडिग्गहं च गहाय सीहं अणुप्पयाहिणीकरेमाणी सीयं दुरूहइ, दुरूहित्ता गयसु- कुमालस्स कुमारस्स वामे पासे भद्दासणवरंसि सण्णिसण्णा । तए णं तस्स गयसुकुमालस्स पिट्ठओ एगा वरतरुणी सिंगारागारचारुवेसा संगयगय जाव रूव- जोव्वणविलासकलिया, हिम-रयय-कुमुद - कुंदेंदुप्पगासं सकोरंट- मल्लदामं धवलं आयवत्तं गहाय सलीलं उवरिं धारेमाणी धारेमाणी चिट्ठइ । तए णं तस्स गयसुकुमालस्स उभओ पासिं दुवे वरतरुणीओ सिंगारागारचारु जाव कलियाओ, णाणामणि- कणग-रयण-विमलमहरिहतवणिज्जुज्ज- लविचित्तदंडाओ, चिल्लियाओ, संखंक- कुंदेंदुदगरय-अमयमहियफेण- पुंजसण्णिकासाओ धवलाओ चामराओ गहाय सलीलं वीयमाणीओ वीयमाणीओ चिट्ठति । तए णं तस्स गयसुकुमालस्स उत्तरपुरत्थिमेणं एगा वरतरुणी सिंगारगार जाव कलिया सेयं रययामयं विमलसलिलपुण्णं मत्तगयमहामुहाकिइसमाणं भिंगारं गहाय चिट्ठइ । तए णं तस्स गयसुकुमालस्स दाहिणपुरत्थिमेणं एगा वरतरुणी सिंगारागार जाव कलिया चित्तकणगदंडं तालवेंट हाय चिट्ठइ । तए णं तस्स गयसुकुमाल - कुमारस्स पिया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! सरिसयं, सरित्तयं, सरिव्वयं, सरिसलावण्ण-रूव-जोव्वण-गुणोववेयं, एगाभरण- वसणगहियणि ज्जोयं कोडुंबिय वरतरुणसहस्सं सद्दावेइ । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पडिसुणित्ता खिप्पामेव सरिसयं सरित्तयं जाव सद्दावेंति । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा हट्ठतुट्ठ ण्हाया जाव एगाभरण-वसण-गहिय- णिज्जोया जेणेव गयसुकुमालस्स पिया तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता करयल जाव वद्धावित्ता एवं वयासी - संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! जं अम्हेहिं करणिज्जं । तए णं से गयसुकुमालस्स पिया तं कोडुंबियवरतरुणसहस्सं पि एवं वयासी- तुब्भेणं देवाणुप्पिया ! ण्हाया जाव गहियणिज्जोआ गयसुकुमालस्स कुमारस्स सीयं परिवहेह । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा गयसुकुमालस्स जाव पडिसुणित्ता पहाया जाव गहिय- णिज्जोआ गयसुकुमालस्स कुमारस्स पुरिससहस्स वाहिणिं सीयं परिवहंति । Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २८ तए णं गयसुकुमालस्स कुमारस्स पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं दुरूढस्स समाणस्स तप्पढमयाए इमे अट्ठद्वमंगलगा पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया; तं जहा- सोवत्थिय-सिरिवच्छ णंदियावत्त वद्धमाणग भद्दासण कलस मच्छ दप्पणा; तयाणंतरं च णं पुण्णकलसभिंगारं जहा उववाइए जाव गगणतलमणुलिहंती पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया; जाव आलोयं च करेमाणा जयजयसदं च पउंजमाणा पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया । तयाणंतरं च णं बहवे उग्गा भोगा जहा उववाइए जाव महापुरिसवग्गुरा-परिक्खित्ता, गयसुकुमालस्स कुमारस्स पुरओ य मग्गओ य पासओ य अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया । तए णं से गयसुकुमालस्स कुमारस्स पिया पहाए जाव विभूसिएहत्थिखंध-वरगए सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं सेयवरचामराहिं उद्धुव्वमाणीहिं हय-गय-रह-पवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिवुडे, महयाभड चडगर जाव परिक्खित्ते गयसुकुमालस्स कुमारस्स पिट्ठओ अणुगच्छइ । तए णं तस्स गयसुकुमालस्स कुमारस्स पुरओ महं आसा आसवरा, उभओ पासिं णागा णागवरा, पिओ रहा रहसंगेल्ली । तए णं से गयसकमालकमारे अब्भग्गयभिं परिगहियतालियंटे, ऊसवियसेयछत्ते, पवीइयसेयचामरबालवीयणाए सव्विड्ढीए जाव णाइयरवेणं, तयाणंतरं च बहवे लट्ठिग्गाहा कुंतग्गाहा जाव सत्थवाह-प्पभिइओ पुरओ संपट्ठिया बारवईए णयरीए मज्झमज्झेणं जेणेव अरहओ अरिट्ठणेमि तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं तस्स गयसुकुमाल-कुमारस्स बारवईए णयरीए मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छ- माणस्स सिंघाडगतिय-चउक्क जाव पहेसु बहवे अत्थिया जाव उववाइए जाव अभिणंदंता य अभित्थुणंता य एवं वयासी- जय जय णंदा ! धम्मेणं, जय जय णंदा ! तवेणं, जय जय णंदा ! भई ते अभग्गेहिं णाण-दंसण- चरित्तमुत्तमेहिं, अजियाइं जिणाहि इंदियाइं, जियं च पालेहि समणधम्मं; जियविग्यो वि य वसाहि तं देव ! सिद्धिमज्झे, णिहणाहि य राग-दोसमल्ले, तवेणं धिइधणियबद्धकच्छे, मद्दाहि य अट्ठ कम्मसत्तू झाणेणं उत्तमेणं सुक्केणं, अप्पमत्तो हराहि आराहणपडागं च धीर ! तेलोक्करंगमज्झे, पावय वितिमिरमणुत्तरं केवलं च णाणं, गच्छ य मोक्खं परं पदं जिणवरोवदिटेणं सिद्धिमग्गेणं अकुडिलेणं, हंता परीसहचमुं, अभिभविय गामकंटकोवसग्गाणं, धम्मे ते अविग्घमत्थु, त्ति कट्ट अभिणंदंति य अभिथणंति य । तए णं से गयसुकुमाले कुमारे बारवईए णयरीए मज्झं-मज्झेणं णिग्गच्छइ, णिग्गच्छित्ता जेणेव सहस्संबवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता छत्ताईए तित्थगराइसेए पासइ, पासित्ता पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं ठवेइ, पुरिससहस्स वाहिणीओ सीयाओ पच्चोरुहइ । तए णं तं गयसुकुमालं कुमारं अम्मापियरो पुरओ काउं जेणेव अरहा अरिट्ठणेमि तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता अरहं अरिडणेमिं तिक्खुत्तो जाव णमंसित्ता एवं वयासी- एवं खलु भंते ! गयसुकुमाले कुमारे जाव अम्हं एगे पुत्ते इढे कंते जाव किमंग ! पुण पासणयाए, से जहाणामए उप्पलेइ वा, पउमेइ वा जाव सहस्सपत्तेइ वा पंके जाए जले संवुड्ढे णोवलिप्पइ पंकरएणं, णोवलिप्पड़ जलरएणं, एवामेव गयसु- कुमाल कुमारे कामेहिं जाए, भोगेहिं संवुड्दु णोवलिप्पड़ कामरएणं णोवलिप्पइ भोगरएणं णोवलिप्पइ मित्तणाइ णियग- सयण-संबंधि परिजणेणं । एस णं देवाणुप्पिया ! संसारभयुव्विग्गे भीए जम्मण-मरणेणं; देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३० अगाराओ अणगारियं पव्वएइ; तं एयं णं देवाणुप्पियाणं अम्हे सीसभिक्खं दलयामो, पडिच्छंत् णं देवाणुप्पिया ! सीसभिक्खं । तए णं अरहा अरिट्ठणेमि गयसुकुमालं कुमारं एवं वयासी- अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं। तए णं से गयसुकुमाले कुमारे अरहया अरिडणेमिणा एवं वुत्ते समाणे हद्वतुट्टे अरहं अरिट्ठणेमिं तिक्खुत्तो जाव णमंसित्ता उत्तर-पुरत्थिमं दिसिभागं अवक्कमइ, अवक्कमित्ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ । तए णं सा गयसुकुमाल-कुमारस्स माया हंसलक्खणेणं पडसाडएणं आभरणमल्लालंकारं पडिच्छड़ पडिच्छित्ता हार-वारि जाव विणिम्मुयमाणी विणिम्मुयमाणी गयसुकुमालं कुमार एवं वयासी-घडियव्वं जाया ! जइयव्वं जाया ! परिक्कमियव्वं जाया ! अस्सिं च णं अटे, णो पमाएयव्वं ति कट्ट गयसुकुमालस्स कुमारस्स अम्मापियरो अरिडणेमि वंदंति णमंसंति, वंदित्ता णमंसित्ता जामेव दिसं पाउब्भूया तामेव दिसं पडिगया । तए णं गयसुकुमाले कुमारे सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ, करित्ता जेणेव अरिट्ठणेमि तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता भगवं अरिट्ठणेमिं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करित्ता जाव णमंसित्ता एवं वयासीआलित्ते णं भंते ! लोए, पलित्ते णं भंते ! लोए, आलित्त-पलित्ते णं भंते ! लोए जराए मरणेण य । से जहाणामए केई गाहावई अगारंसि झियायमाणंसि, जे से तत्थ भंडे भवइ अप्पभारे मोल्लगुरुए, तं गहाय आयाए एगंतं अवक्कमइ एस मे णित्थारिए समाणे पच्छा पुरा य हियाए सुहाए खेमाए णिस्सेयसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ । एवामेव देवाणुप्पिया! मज्झ वि एगे आया भंडे इवे कंते पिए मणण्णे मणामे धेज्जे वेस्सासिए संमए अणमए बहमए भंडकरंडगसमाणे, मा णं सीयं, मा णं उण्हं, मा णं खुहा, मा णं पिवासा, मा णं चोरा, माणं वाला, मा णं दंसा, माणं मसगा, मा णं वाइयपित्तिय- संभिय-सण्णिवाइया विविहा रोगायंका परीसहोवसग्गा फुसंतु त्ति कटु एस मे णित्थारिए समाणे परलोयस्स हियाए सुहाए खेमाए णीसेसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ । तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! सयमेव पव्वावियं, सयमेव मुंडावियं, सयमेव सेहावियं, सयमेव सिक्खावियं, सयमेव आयार- गोयरं विणयवेणइयचरण-करण-जाया-मायावत्तियं धम्ममाइक्खियं । तए णं अरिट्ठणेमी अरहा गयसुकुमालं कुमारं सयमेव पव्वावेइ जाव धम्ममाइक्खइ-एवं देवाणुप्पिया ! गंतव्वं, एवं चिट्ठियव्वं, एवं णिसीयव्वं, एवं तुयट्टियव्वं, एवं भुजियव्वं, एवं भासियव्वं, एवं उठाए उट्ठाय पाणेहिं भूएहिं जीवेहिं सत्तेहिं संजमेणं संजमियव्वं, अस्सिं च णं अढे णो किंचि पि पमाइयव्वं। तए णं से गयसुकुमाले कुमारे अरहओ अरिडणेमिस्स इमं एयारूवं धम्मियं उवएसं सम्मं संपडिवज्जइ, तमाणाए तहा गच्छइ, तह चिट्ठइ, तह णिसीयइ, तह तुयट्टइ, तह भुंजइ, तह भासइ, तह उट्ठाए उट्ठाय पाणेहिं भूएहिं जीवेहिं सत्तेहिं संजमेणं संजमेइ । तए णं से गयसुकुमाले अणगारे जाए ईरियासमिए भासासमिए एसणासमिए आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिए उच्चार-पासवण-खेल-जल्ल सिंघाणपरिट्ठावणियासमिए मणसमिए वयसमिए कायसमिए मणगुत्ते वयगुत्ते कायगुत्ते गुत्तिंदिए गुत्तबंभयारी, इणमेव णिग्गंथं पावयणं पुरओ काउं विहरइ । Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३४ ३५ तए णं से गयसुकुमाले जं चेव दिवसं पव्वइए तस्सेव दिवसस्स पुव्वावरण्हकालसमयंसि जेणेव अरहा अरिट्ठणेमी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अरहं अरिट्ठणेमिं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ, णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी इच्छामि णं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे महाकालंसि सुसाणंसि एगराइयं महापडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह । तए णं से गयसुकुमाले अणगारे अरहया अरिट्ठणेमिणा अब्भणुण्णाए समाणे अरहं अरिट्ठणेमिं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए सहसंबवणाओ उज्जाणाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता जेणेव महाकाले सुसाणे तेणेव उवागए, उवागच्छित्ता थंडिल्लं पडिलेहेइ, पडिलेहेत्ता उच्चारपासवणभूमिं पडिलेहेइ, पडिलेहेत्ता ईसिं पब्भारगएणं काएणं वग्घारियपाणी अणिमिसणयणे एक्कपोग्गल - णिरुद्धदिट्ठी दोवि पाए साह गराई महामं उवसंपज्जित्ता णं विहरइ । इमं च णं सोमिले माहणे सामिधेयस्स अट्ठाए बारवईओ णयरीओ बहिया पुव्वणिग्गए समिहाओ य दब्भे य कुसे य पत्तामोडं य गेण्हइ, गेण्हित्ता तओ पडिणियत्तइ, पडिणियत्तित्ता महाकालस्स सुसाणस्स अदूरसामंतेणं वीईवयमाणे वीईवयमाणे संझाकालसमयसि पविरलमणुस्संसि गयसुकुमालं अणगारं पासइ, पासित्ता तं वेरं सरइ, सरित्ता आसुरुत्ते रुट्ठे वि चंडिक्क मिसिमिसेमाणे एवं वयासी एस णं भो ! से गयसुकुमाले कुमारे अपत्थिय पत्थिए, दुरंत-पंत लक्खणे, हीणपुण्णचाउद्दसिए, सिरि-हिरि-धिइ-कित्ति परिवज्जिए, जे णं मम धूयं सोमसिरीए भारियाए अत्तयं सोमं दारियं अदिट्ठदोसपत्तियं कालवत्तिणिं विप्पजहित्ता मुंडे जाव पव्वइए । तं सेयं खलु मम गयसुकुमालस्स कुमारस्स वेरणिज्जायणं करेत्तए; एवं संपेहेइ, संपेहेत्ता दिसापडिलेहणं करेड़, करेत्ता सरसं मट्टियं गेण्हइ, गेण्हित्ता जेणेव गयसुकुमाले अणगारे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता गयसुकुमालस्स अणगारस्स मत्थए मट्टियाए पालिं बंधइ, बंधित्ता जलंतीओ चिययाओ फुल्लियकिंसुयसमाणे खइरिंगाले कहल्लेणं गेण्हइ, गेण्हित्ता गयसुकुमालस्स अणगारस्स मत्थए पक्खिवइ, पक्खिवित्ता भीए तत्थे तसिए उव्विग्गे संजायभए तओ खिप्पामेव अवक्कमइ, अवक्कमित्ता जामेव दिसं पाउब्भूए तामेव दिसं पडिगए । तए णं तस्स गयसुकुमालस्स अणगारस्स सरीरयंसि वेयणा पाउब्भूया- उज्जला विउला कक्खडा पगाढा चंडा रुद्दा दुक्खा दूरहियासा । तए णं से गयसुकुमाले अणगारे सोमिलस्स माहणस्स मणसा वि अप्पदुस्समाणे तं उज्जलं विउलं कक्खडं पगाढं चंडं रुद्दं दुक्खं दुरहियासं वेयणं अहियासेइ । तए णं तस्स गयसुकुमालस्स अणगारस्स तं उज्जलं जाव अहियासेमाणस्स सुभेणं परिणामेणं, पसत्थज्झवसाणेणं, तदावरणिज्जाणं कम्माणं खएणं कम्मरयविकिरणकरं अपुव्वकरणं अणुप्पविट्ठस्स अणते अणुत्तरे णिव्वाघाए णिरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरणाणदंसणे समुप्पण्णे । तओ पच्छा सिद्धे बुद्धे मुत्ते अंतगडे परिणिव्वुए सव्वदुक्ख-प्पहीणे । तत्थ णं अहासण्णिहिएहिं देवेहिं सम्मं आराहिए त्ति कट्टु दिव्वे सुरभिगंधोदए वुट्ठे; दसद्धवण्णे कुसुमे णिवाडिए; चेलुक्खेवे कए; दिव्वे य गीयगंधव्वणिणाए कए यावि हत्था । Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३७ तणं से कहे वासुदेवे कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए फुल्लुप्पल कमल - कोमलुम्मिलियम्मि, अहपंडुरे पभाए, रत्तासोगपगास-किंसुय-सुयमुह - गुंजद्धराग- बंधुजीवग-पारावयचलण-णयणपरहुयसुरत्तलोयण-जासु जलियजलण-तवणिज्जकलस-हिंगुलयणियररूवाइरेगरेहंतसस्सिरीए दिवायरे अहक्कमेण उदिए, तस्स दिणकर-परंपरावयारपारद्धम्मि अंधयारे, बालातवकुंकुमेणं खइएव्व जीवलोए, लोयणविसआणुआसविगसंत- विसददंसियम्मि लोए, कमलागर संडबोहए उट्ठियम्मि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दियगरे तेयसा जलते पहाए जाव विभूसिए हत्थिखंधवरगए, सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं सेयवरचामराहिं उद्धव्वमाणीहिं महयाभड-चडगर- पहकरवंद - परिक्खित्ते बारवइं णयरिं मज्झंमज्झेणं जेणेव अरहा अरिट्ठणेमी तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं से कण्हे वासुदेवे बारवईए णयरीए मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छमाणे एक्कं पुरिसं जुण्णं जराजज्जरियदेहं आउरं झूसियं पिवासियं दुब्बलं किलंतं महइमहालयाओ इट्टगरासीओ एगमेगं इट्टगं गहाय बहिया रत्थापहाओ अंतोगिहं अणुप्पविसमाणं पासइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे तस्स पुरिसस्स अणुकंपणट्ठाए हत्थिखंधवरगए चेव एगं इट्टगं गेण्हइ, गेण्हित्ता बहिया रत्थापहाओ अंतोघरंसि अणुप्पवेसिए । तए णं कण्हेणं वासुदेवेणं एगाए इट्टगाए गहियाए समाणीए अणेगेहिं पुरिसेहिं से महालए इट्टगस्स रासी बहिया रत्थापहाओ अंतोघरंसि अणुप्पवेसिए । तए णं से कण्हे वासुदेवे बारवईए णयरीए मज्झमज्झेणं णिग्गच्छइ, णिग्गच्छित्ता जेणेव अरहा अरिट्ठणेमी तेणेव उवागए, उवागच्छित्ता जाव वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी- कहि णं भंते ! से ममं सहोयरे कणीयसे भाया गयसुकुमाले अणगारे जं णं अहं वंदामि णमंसामि ? तए णं अरहा अरिट्ठणेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी- साहिए णं कण्हा ! गयसुकुमालेणं अणगारेणं अप्पणो अट्ठे । तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहं अरिट्ठणेमिं एवं वयासीकहण्णं भंते! गयसुकुमालेणं अणगारेणं साहिए अप्पणो अट्ठे ? तए णं अरहा अरिट्ठणेमी कहं वासुदेवं एवं वयासी-एवं खलु कण्हा गयसुकुमाले णं अणगारे ममं कल्लं पुव्वावरण्हकालसमयंसि वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी- इच्छामि णं जाव उवसंपज्जित्ता णं विहरइ । तए णं तं गयसुकुमालं अणगारं एगे पुरिसे पासइ, पासित्ता आसुरुत्ते जाव सिद्धे । तं एवं खलु कण्हा ! गयसुकुमालेणं अणगारेणं साहिए अप्पणो अट्ठे । ३८ तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहं अरिट्ठणेमिं एवं वयासी- केस णं भंते! से पुरिसे अपत्थियपत्थिए दुरंत-पंत-लक्खणे, हीणपुण्णचाउद्दसिए, सिरि- हिरि - धिइ - कित्ति परिवज्जिए, जेणं ममं सहोयरं कणीयसं भायरं गजसुकुमालं अणगारं अकाले चेव जीवियाओ ववरोविए ? तए णं अरहा अरिट्ठणेमि कण्हं वासुदेवं एवं वयासी- मा णं कण्हा ! तुमं तस्स पुरिसस्स पदोसमावज्जाहि । एवं खलु कण्हा ! तेणं पुरिसेणं गयसुकुमालस्स अणगारस्स साहिज्जे दिण्णे । कहण्णं भंते! तेणं पुरिसेणं गयसुकुमालस्स अणगारस्स साहिज्जे दिण्णे ? तए णं अरहा अरिट्ठणेमि कहं वासुदेवं एवं वयासी- से णूणं कण्हा ! तुमं ममं पायवंदए हव्वमागच्छमाणे बारवईए णयरीए एगं पुरिसं जाव दुब्बलं किलंतं महइमहालयाओ इट्टगरासीओ एगमेगं इट्टगं गहाय बहिया रत्थापहाओ अंतोगिहं अणुप्पवेससि । तए णं तुमे एगाए इट्टगाए गहियाए समाणीए अणेगेहिं Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ I ३९ तए णं से कहे वासुदेवे अरहं अरिट्ठणेमिं एवं वयासी- से णं भंते ! पुरिसे मए कहं जाणियव्वे ? तए णं अरहा अरिट्ठणेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी- जेणं कण्हा ! तुमं बारवईए णयरीए अणुप्पविसमाणं पासेत्ता ठियए चेव ठिइभेएणं कालं करिस्सइ, तण्णं तुमं जाणिज्जासि "एस णं से पुरिसे ।" तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहं अरिट्ठणेमिं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता जेणेव आभिसेयं हत्थिरयणं तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता हत्थिं दुरुहइ, दुरुहित्ता जेणेव बारवई णयरी जेणेव सए गिहे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । ४० पुरिससएहिं से महालए इट्टगस्स रासी बहिया रत्थापहाओ अंतोघरंसि अणुपवेसिए । जहा णं कण्हा ! तु तस्स पुरिसस्स साहिज्जे दिण्णे, एवामेव कण्हा ! तेणं पुरिसेणं गयसुकुमालस्स अणगारस्स अणेगभव-सयसहस्स- संचियं कम्मं उदीरेमाणेणं बहुकम्मणिज्जरत्थं साहिज्जे दिण्णे ४१ तए णं तस्स सोमिलमाहणस्स कल्लं जाव जलते अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव मणोगए संकप्पे समुप्पण्णे- एवं खलु कण्हे वासुदेवे अरहं अरिट्ठणेमिं पायवंदए णिग्गए । तं णायमेयं अरहया, विण्णायमेयं अरहया, सुयमेयं अरहया, सिट्ठमेयं अरहया भविस्सइ कण्हस्स वासुदेवस्स । तं ण णज्जइ णं कण्हे वासुदेव ममं केणइ कुमारेणं मारिस्सइ त्ति कट्टु भीए तत्थे तसिए उव्विग्गे संजाएभए सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ । कण्हस्स वासुदेवस्स बारवइं णयरिं अणुप्पविसमाणस्स पुरओ सपक्खिं सपडिदिसिं हव्वमागए । तए णं से सोमिले माहणे कण्हं वासुदेवं सहसा पासेत्ता भीए तत्थे तसिए उव्विग्गे संजायभए ठियए चेव ठिइभेएणं कालं करेइ, धरणितलंसि सव्वंगेहिं "धस" त्ति सण्णिवडिए । तए णं से कहे वासुदेवे सोमिलं माहणं पासइ, पासित्ता एवं वयासी- एस णं भो ! देवाणुप्पिया ! से सोमिले माहणे अपत्थिय पत्थिए जाव हिरि सिरी परिवज्जिए, जेणं ममं सहोयरे कणीयसे भायरे गयसुकुमाले अणगारे अकाले चेव जीवियाओ ववरोविए त्ति कट्टु सोमिलं माहणं पाणेहिं कड्ढावेइ, कड्ढावेत्ता तं भूमिं पाणिएणं अब्भोक्खावेइ, अब्भोक्खावेत्ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागए । सयं हिं अणुवि । एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं तच्चस्स वग्गस्स अट्ठमज्झयणस्स अयमट्ठे पण्णत्ते । ॥ अट्ठमं अज्झयणं समत्तं ॥ तइओ वग्गो ९-१३ अज्झयणाणि मुहादिकुमारा 8 ज‍ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं तच्चस्स वग्गस्स अट्ठमस्स अज्झयणस्स अयमट्ठे पण्णत्ते, णवमस्स णं भंते! अज्झयणस्स के अट्ठे पण्णत्ते? Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवईए णयरीए कण्हे णामं वासुदेवे राया जहा पढमए जाव विहरइ । तत्थ णं बारवईए बलदेवे णामं राया होत्था, वण्णओ | तस्स णं बलदेवस्स रण्णो धारिणी णामं देवी होत्था, वण्णओ। तए णं सा धारिणी देवी सीहं सुविणे जहा गोयमे, णवरं सुमुहेकुमारे जाव वीसं वासाइं परियाओ । सेसं तं चेव सेत्तुंजे सिद्धे । एवं खलु जंब ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं तच्चस्स वग्गस्स णवमस्स अज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते । त्ति बेमि || ॥ तइओ वग्गो समत्तो ॥ चउत्थं वग्गो १-१० अज्झयणाणि जालिपभिइ कुमारा | जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अंतगडदसाणं तच्चस्स वग्गस्स अयमढे पण्णत्ते, चउत्थस्स वग्गस्स समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं के अटे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं चउत्थस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहाजालि, मयालि, उवयालि, पुरिससेणे, वारिसेणे य । पज्जुण्ण, संब, अणिरुद्ध, सच्चणेमि य, दढणेमी ॥१॥ जड़ णं भंते | समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं चउत्थस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं अज्झयणस्स के अढे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई यरी | तीसे णं बारवईए णयरीए जहा पढमे जाव कण्हे वासुदेवे आहेवच्चं जाव विहरइ । तत्थ णं बारवईए णयरीए वसुदेवे राया | धारिणी देवी, वण्णओ । जहा गोयमो, णवरं जालिकुमारे । पण्णासओ दाओ | बारसंगी । सोलसवासा परियाओ । सेसं जहा गोयमस्स जाव सेत्तुंजे सिद्धे । एवं मयालि उवयालि पुरिससेणे य वारिसेणे य । एवं पज्जुण्णे वि, णवरं-कण्हे पिया, रुप्पिणी माया । एवं संबे वि, णवरं-जंबवई माया । एवं अणिरुद्ध वि, णवरं-पज्जुण्णे पिया, वेदब्भी माया । एवं सच्चणेमी, णवरं समुद्दविजए पिया, सिवा माया । एवं दढणेमी वि सव्वे एगगमा॥ एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं चउत्थस्स वग्गस्स अयमढे पण्णत्ते ।। ॥ चउत्थो वग्गो समत्तो || Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Ww पंचमं वग्गो पढमं अज्झयणं पउमावई | | जणं भंते! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं चउत्थस्स वग्गस्स अयमट्ठे पण्णत्ते, पंचमस्स वग्गस्स अंतगडदसाणं समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पण्णत्ते? एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं पंचमस्स वग्गस्स दस अज्झयण पण्णत्ता, तं जहा एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई णयरी । जहा पढमे जाव कण्हे वासुदेवे आहेवच्चं जाव विहरइ । तस्स णं कण्हस्स वासुदेवस्स पउमावई णामं देवी होत्था, वण्णओ । २ तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिट्ठणेमी समोसढे अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । कण्हे वासुदेवे णिग्गए जाव पज्जुवासइ । तए णं सा पउमावई देवी इमीसे कहाए लद्धट्ठा समाणी हट्ठतुट्ठा जहा देवई देवी जाव पज्जुवासइ । तए णं अरहा अरिट्ठणेमी कण्हस्स वासुदेवस्स पउमावईए य देवीए जाव धम्मकहा । परिसा पडिगया। तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहं अरिट्ठणेमिं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी- इमीसे णं भंते ! बारवईए णयरीए णवजोयणवित्थिण्णाए जाव देवलोगभूयाए किंमूलाए विणासे भविस्सइ? कण्हाइ ! अरहा अरिट्ठणेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी एवं खलु कण्हा ! इमीसे बारवईए णयरीए णवजोयण - वित्थिण्णाए जाव देवलोगभूयाए सुरग्गिदीवायणमूला विणासे भविस्स | पउमावई य, गोरी, गंधारी, लक्खणा, सुसीमा य । जंबवई, सच्चभामा, रुप्पिणी, मूलसिरि, मूलदत्ता ॥ जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं पंचमस्स वग्गस्स दस अज्झा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते । अज्झयणस्स के अट्ठे पण्णत्ते ? कण्हस्स वासुदेवस्स अरहओ अरिट्ठेमिस्स अंतिए एवं सोच्चा णिसम्म अयं अज्झत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था - धण्णा णं ते जालि-मयालि उवयालि-पुरिससेणवारिसेण-पज्जुण्ण-संब-अणिरुद्ध - सच्चणेमि दढणेमि - प्पभियओ कुमारा जे णं चइत्ता हिरण्णं चइत्ता सुवण्णं एवं धण्णं धणं बलं वाहणं कोसं कोट्ठागारं पुरं अंतेउरं चइत्ता विउलं धणकणग-रयण-मणि-मोत्तिय संख - सिलप्पवाल- संतसार - सावएज्जं विच्छड्डइत्ता विगोवइत्ता दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता, अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतियं मुंडा भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइया । अहण्णं अधण्णे अकयपुण्णे रज्जे य रट्ठे य कोसे य कोट्ठागारे य बले य वाहणे य पुरे य अंतेउरे य माणुस्सएसु य कामभोगेसु मुच्छिए गढिए गिद्धे अज्झोववण्णे णो संचाएमि अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए । Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ w कण्हाइ ! अरहा अरिट्ठणेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी- से णूणं कण्हा ! तव अयं अज्झत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था - धण्णा णं ते जालिप्पभिइकुमारा जाव पव्वइया | सेणूणं कण्हा ! अत्थे समत्थे ? हंता अत्थि । तं णो खलु कण्हा ! एयं भूयं वा भव्वं वा भविस्सइ वा जण्णं वासुदेवा चइत्ता हिरण्णं जाव पव्वइस्संति । से केणट्ठेणं भंते ! एवं वुच्चइ- ण एयं भूयं वा जाव पव्वइस्संति ? कण्हाइ ! अरहा अरिट्ठणेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी एवं खलु कण्हा ! सव्वे वि य णं वासुदेवा पुव्वभवे णियाणकडा से एतेणट्ठेणं कण्हा ! एवं वुच्चइ ण एयं भूयं जाव पव्वइस्संति। तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहं अरिट्ठणेमिं एवं वयासी- अहं णं भंते ! इओ कालमासे कालं किच्चा कहिं गमिस्सामि ? कहिं उववज्जिस्सामि ? तए णं अरहा अरिट्ठणेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी एवं खलु कण्हा ! तुमं बारवईए णयरीए सुरग्गिदीवायण-कोव-णिदड्ढाए अम्मापि - णियग- विप्पहूणे रामेण बलदेवेण सद्धिं दाहिणवेयालिं अभिमु जुहिठिल्लपामोक्खाणं पंचण्हं पंडवाणं पंडुरायपुत्ताणं पासे पंडुमहरं संपत्थिए कोसंबवण काणणे णग्गोहवरपायवस्स अहे पुढविसिलापट्टए पीयवत्थपच्छाइयसरीरे जराकुमारेणं तिक्खेणं कोदंडविप्पमुक्केणं उसुणा वामे पादे विद्धे समाणे कालमासे कालं किच्चा तच्चाए वालुयप्पभाए पुढवी उज्जलिए णरए णेरइयत्ताए उववज्जिहिसि । तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए एयमट्ठे सोच्चा णिसम्म ओहय जाव झियाइ । कण्हाइ ! अरहा अरिट्ठणेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी- मा णं तुमं देवाणुप्पिया ! ओहयमणसंकप्पे जाव झियाह । एवं खलु तुमं देवाणुप्पिया ! तच्चाओ पुढवीओ उज्जलियाओ णरयाओ अणंतरं उव्वट्टित्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे आगमेसाए उस्सप्पिणीए पुंडेसु जणवएसु सयदुवारे णयरे बारसमे अममे णामं अरहा भविस्ससि । तत्थ तुमं बहूइं वासाइं केवलिपरियागं पाउणेत्ता सिज्झिहिसि बुज्झिहिसि मुच्चिहिसि परिणिव्वाहिसि सव्वदुक्खाणं अंतं काहिसि । तए णं से कहे वासुदेवे अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए एयमट्ठे सोच्चा णिसम्म हट्ठतुट्ठे जाव अप्फोडेइ, अप्फोडेत्ता वग्गड़, वग्गित्ता तिवई छिंदइ, छिंदित्ता सीहणायं करेइ, करेत्ता अरहं अरिट्ठणेमिं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता तमेव आभिसेक्कं हत्थिं दुरूहइ, दुरूहित्ता जेणेव बारवई णयरी, जेणेव सए गिहे तेणेव उवागए । आभिसेयहत्थिरयणाओ पच्चोरुहइ, पच्चोरुहित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सए सीहासणे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहे णिसीयइ, णिसीइत्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावित्ता एवं वयासी गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! बारवईए णयरीए सिंघाडग तिग चउक्क- चच्चर-चउम्मुहमहापहपहेसु हत्थिखंधवरगया महया - महया सद्देणं उग्घोसेमाणा उग्घोसेमाणा एवं वयह- एवं खलु देवाणुप्पिया ! बारवईए णयरीए णवजोयण जाव देवलोगभूयाए सुरग्गि- दीवायण - मूला विणासे भविस्सइ, तं जो णं देवाणुप्पिया ! इच्छइ बारवईए णयरीए राया वा जुवराया वा ईसरे वा तलवरे वा माडंबिय कोडुंबिय इब्भ सेट्ठी वा देवी वा कुमारो वा कुमारी वा अरहओ Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए मुंडे जाव पव्वइत्तए, तं णं कण्हे वासुदेवे विसज्जेइ । पच्छातुरस्स वि य से अहापवित्तं वित्तिं अणुजाणइ । महया इढिसक्कारसमुदएण य से णिक्खमणं करेइ । दोच्चं पि तच्चं पि घोसयणं घोसेह, घोसित्ता ममं एयं आणत्तियं पच्चप्पिणह । तए णं ते कोडुंबिया जाव पच्चप्पिणंति । ८ तए णं सा पउमावई देवी अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए धम्मं सोच्चा णिसम्म हट्ठतुट्ठ जाव हियया अरहं अरिट्ठणेमिं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी- सद्दहामि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं, से जहेयं तुब्भे वयह । जं णवरं देवाणुप्पिया ! कण्हं वासुदेवं आपुच्छामि । तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडा जाव पव्वयामि । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेहि । १० तए णं सा पउमावई देवी धम्मियं जाणप्पवरं दुरुहइ, दुरुहित्ता, जेणेव बारवई णयरी जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहइ, पच्चोरुहित्ता जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता करयल परिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु कण्हं वासुदेवं एवं वयासी- इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाया समाणा अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए मुंडा जाव पव्वइत्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंधं करेहि । तए णं से कण्हे वासुदेवे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया । पउमावईए महत्थं णिक्खमणाभिसेयं उवट्ठवेह, उवट्ठवित्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह । तए णं ते जाव पच्चप्पिणंति । ९ तए णं से कण्हे वासुदेवे पउमावई देविं पट्टयं दुरुहेइ, अट्ठसएणं सोवण्ण कलसाणं जाव महाणिक्खमणाभिसेएणं अभिसिंचइ, अभिसिंचित्ता सव्वालंकार विभूसियं करेइ, करेत्ता पुरिससहस्सवाहिणिं सिबियं दुरुहावेइ, दुरुहावेत्ता बारवईए णयरीए मज्झंमज्झेणं णिगच्छड्, णिग्गच्छित्ता जेणेव रेवयए पव्वए, जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छित्ता सीयं ठवेइ "पउमावई देविं" सीयाओ पच्चोरुहइ, पच्चोरुहित्ता जेणेव अरहा अरिट्ठणेमी तेणेव उवागच्छन्, उवागच्छित्ता अरहं अरिट्ठणेमिं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ णमंसइ, वंदित्ता मंसित्ता एवं वयासी एस णं भंते ! मम अग्गमहिसी पउमावई णामं देवी इट्ठा कंता पिया मणुण्णा मणाभिरामा जीवियऊसासा हिययाणंदजणिया, उंबरपुप्फं पिव दुल्लहा सवणयाए किमंग पुण पासणयाए ? तण्णं अहं देवाणुप्पिया ! सिस्सिणिभिक्खं दलयामि । पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया! सिस्सिणिभिक्खं | अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह । तए णं सा पउमावई उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवक्कमइ, अवक्कमित्ता, सयमेव आभरणालंकारं ओमुयइ, ओमुयित्ता सयमेवं पंचमुट्ठियं लोयं करेइ, करेत्ता जेणेव अरहा अरिट्ठणेमी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अरहं अरिट्ठणेमिं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी- आलित्ते जाव तं इच्छामि णं देवाणुप्पिएहिं धम्ममाइक्खियं । तए णं अरहा अरिट्ठणेमी पउमावई देविं सयमेव पव्वावेइ पव्वावेत्ता सयमेव जक्खिणी अज्जाए सिस्सिणित्ताए दलयइ । तए णं सा जक्खिणी अज्जा पउमावई देविं सयमेव जाव Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संजमियव्वं । तए णं सा पउमावई अज्जा जाया- इरियासमिया भासासमिया एसणासमिया आयाण-भंड-मत्त- णिक्खेवणासमिया उच्चार पासवण-खेल-सिंघाण-जल्ल-पारिद्वावणियासमिया मणसमिया वइसमिया कायसमिया मणगुत्ता वइगुत्ता कायगुत्ता गुत्ता गुत्तिंदिया गुत्तबंभयारिणी । तए णं सा पउमावई अज्जा जक्खिणीए अज्जाए अंतिए सामाइयमाइयाइं एकारस अंगाई अहिज्जइ, बहूहिं चउत्थ छट्ठट्ठम-दसम-दुवालसेहिं मासद्धमास- खमणेहिं विविहेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणी विहरइ । तए णं सा पउमावई अज्जा बहुपडिपुण्णाइं वीसं वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ, पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसेइ, झूसेत्ता सट्ठि भत्ताइं अणसणाए छेदेइ, छेदित्ता जस्सट्ठाए कीरइ णग्गभावे जाव तमटुं आराहेइ, चरिमुस्सासेहिं सिद्धा । || पढम अज्झयणं समत्तं || पंचमं वग्गो २-१० अज्झयणाणि गोरिपभिइ | तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई णयरी | रेवयए पव्वए | उज्जाणे णंदणवणे | तत्थ णं बारवईए णयरीए कण्हे वासुदेवे । तस्स णं कण्हस्स वासुदेवस्स गोरी देवी, वण्णओ । अरहा समोसढे | कण्हे णिग्गए | गोरी जहा पउमावई तहा णिग्गया | धम्मकहा | परिसा पडिगया। कण्हे वि | तए णं सा गोरी जहा पउमावई तहा णिक्खंता जाव सिद्धा | एवं गंधारी, लक्खणा, सुसीमा, जंबवई, सच्चभामा, रुप्पिणी, अट्ठवि पउमावईसरिसयाओ, अट्ठ अज्झयणा | ॥ पंचमं वग्गो समत्तो || तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई णयरीए, रेवयए पव्वए, णंदणवणे उज्जाणे, कण्हे वासुदेवे । तत्थ णं बारवईए णयरीए कण्हस्स वासुदेवस्स पुत्ते जंबवईए देवीए अत्तए संबे णामं कुमारे होत्था- अहीणपडि- पुण्णपंचिंदियसरीरे । तस्स णं संबस्स कुमारस्स मूलसिरी णामं भज्जा होत्था, वण्णओ । अरहा समोसढे कण्हे णिग्गए | मूलसिरी वि णिग्गया, जहा पउमावई । जं णवरं देवाणुप्पिया ! कण्हं वासुदेवं आपुच्छामि जाव सिद्धा । एवं मूलदत्ता वि । Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ छट्टो वग्गो १-२ अज्झयणाणि मकाई-किंकमे जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं पंचमस्स वग्गस्स अयमढे पण्णत्ते, छट्ठस्स णं भंते ! वग्गस्स के अढे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं छट्ठस्स वग्गस्स सोलस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहामकाइ, किंकमे चेव, मोग्गरपाणी य, कासवे । खेमए, धिइधरे, चेव, केलासे, हरिचंदणे ॥१॥ वारत्त, सुदंसण, पुण्णभद्द तह, सुमणभद्द, सुपइढे । मेहे, अइमुत्त, अलक्के, अज्झयणाणं तु सोलसयं ॥२॥ जइ सोलस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स के अढे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे | गुणसिलए चेइए । सेणिए राया । तत्थ णं मकाई णामं गाहावई परिवसइ । अड्ढे जाव अपरिभूए । तेणं कालेणं तेणं समएणं भगवं महावीरे गुणसिलए चेइए अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हइ, उग्गिण्हिता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । परिसा णिग्गया । तए णं से मकाई गाहावई इमीसे कहाए लद्धढे जहा पण्णत्तीए गंगदत्ते तहेव इमो वि जेट्टपुत्तं कुटुंबे ठवेत्ता पुरिससहस्सवाहिणीए सीयाए णिक्खंते जाव अणगारे जाए- इरियासमिए जाव गुत्तबंभयारी | तए णं से मकाई अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाझ्याई एक्कारस अंगाइं अहिज्जइ । सेसं जहा खंदयस्स गुणरयणं तवोकम्मं सोलसवासाइं परियाओ । तहेव विउले सिद्धे । किंकमे वि एवं चेव जाव विउले सिद्धे । || पढमं, बीअं अज्झयणं समत्तं || छट्ठो वग्गो तइअं अज्झयणं मोग्गरपाणी | तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे । गुणसीलए चेइए । सेणिए राया । चेलणा देवी । तत्थ णं रायगिहे णयरे अज्जुणए णामं मालागारे परिवसइ । अढ्ढे जाव अपरिभूए । तस्स णं अज्जुणयस्स मालागारस्स बंधुमई णामं भारिया होत्था । सुकुमालपाणिपाया । तस्स णं अज्जुणयस्स मालायारस्स रायगिहस्स णयरस्स बहिया, एत्थं णं महं एगे पुप्फारामे होत्था Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ किण्हे जाव महामेह णिउरंबभूए दसद्धवण्ण कुसुमकुसुमिए पासाईए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडिरूवे । तस्स णं पुप्फारामस्स अदूरसामंते, एत्थ णं अज्जुणयस्स मालायारस्स अज्जय- पज्जयपिइपज्जयागए रंपरागए मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खा-ययणे होत्था-पोराणे दिव्वे सच्चे जहा पुण्णभद्दे । तत्थ णं मोग्गरपाणिस्स पडिमा एगं महं पलसहस्सणिप्फण्णं अओमयं मोग्गरं गहाय चिट्ठइ । तए णं से अज्जुणए मालागारे बालप्पभिई चेव मोग्गरपाणि जक्खभत्ते यावि होत्था । कल्लाकल्लिं पच्छियपिडगाइं गेण्हइ गेण्हित्ता रायगिहाओ णयराओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता जेणेव पुप्फारामे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता पुप्फुच्चयं करेइ, करेत्ता अग्गाइं वराइं पुप्फाइं गहाय, जेणेव मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स महरिहं पुप्फच्चणं करेइ, करेत्ता जाणुपायपडिए पणाम करेइ, तओ पच्छा रायमग्गंसि वित्तिं कप्पेमाणे विहरइ । तत्थ णं रायगिहे णयरे ललिया णामं गोट्ठी परिवसइ-अड्ढा जाव अपरिभूया जं कयसुकया यावि होत्था । तए णं रायगिहे णयरे अण्णया कयाइ पमोदे घुढे यावि होत्था । तए णं से अज्जुणए मालागारे कल्लं पभूयतराएहिं पुप्फेहिं कज्जं इति कट्ठ पच्चूसकालसमयंसि बंधुमईए भारियाए सद्धिं पच्छिपिडयाइं गेण्हइ, गेण्हित्ता सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता रायगिहं णयरं मज्झमज्झेणं णिग्गच्छइ, णिग्गच्छित्ता जेणेव पुप्फारामे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता बंधुमईए भारियाए सद्धिं पुप्फच्चयं करेइ । तए णं तीसे ललियाए गोट्ठीए छ गोहिल्ला पुरिसा जेणेव मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागया अभिरममाणा चिट्ठति । तए णं अज्जुणए मालागारे बंधुमईए भारियाए सद्धिं पुप्फुच्चयं करेइ पच्छिपिडगाइं भरेइ, भरेत्ता अग्गाइं वराइं पुप्फाइं गहाय जेणेव मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छड़ । तए णं ते छ गोहिल्ला पुरिसा अज्जुणयं मालागारं बंधुमईए भारियाए सद्धिं एज्जमाणं पासंति, पासित्ता अण्णमण्णं एवं वयासीएस णं देवाणुप्पिया ! अज्जुणए मालागारे बंधुमईए भारियाए सद्धिं इहं हव्वमागच्छइ । तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं अज्जुणयं मालागारं अवओडय- बंधणयं करेत्ता बंधुमईए भारियाए सद्धिं विउलाई भोगभोगाइं भुंजमाणाणं विहरित्तए त्ति कट्ट, एयमढे अण्णमण्णस्स पडिसुणेति, पडिसुणेत्ता कवाडंतरेसु णिलुक्कंति, णिच्चला, णिप्फंदा, तुसिणीया, पच्छण्णा चिट्ठति। तए णं से अज्जुणए मालागारे बंधुमईए भारियाए सद्धिं जेणेव मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ, आलोए पणामं करेइ, महरिहं पुप्फच्चणं करेइ, जण्णुपायपडिए पणामं करेड़ | तए णं छ गोहिल्ला पुरिसा दवदवस्स कवाडंतरेहिंतो णिग्गच्छंति णिग्गच्छित्ता अज्जुणयं मालागारं गेण्हंति, गेण्हित्ता अवओडयबंधणं करेंति । बंधुमईए मालागारीए सद्धिं विउलाइं भोगभोगाइं भुंजमाणा विहरंति । Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तए णं तस्स अज्जुणयस्स मालागारस्स अयमज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था - एवं खलु अहं बालप्पभिइं चेव मोग्गरपाणिस्स भगवओ कल्लाकल्लिं जाव पुप्फच्चणं करोमि, जण्णुपायपडिए पणामं करेमि तओ पच्छा रायमग्गंसि वित्तिं कप्पेमाणे विहरामि । तं जइ णं मोग्गरपाणि जक्खे इह सणिहिए होंते, से णं किं मम एयारूवं आवई पावेज्जमाणं पासते ? तं णत्थि णं मोग्गरपाणि जक्खे इह सण्णिहिए । सुव्वत्तं णं एस कट्ठे । तए णं से मोग्गरपाणी जक्खे अज्जुणयस्स मालागारस्स अयमेयारूवं अज्झत्थियं जाव वियाणेत्ता अज्जुणयस्स मालागारस्स सरीरयं अणुप्पविसइ, अणुप्पविसित्ता तडतडस्स बंधाई छिंदइ, छिंदित्ता तं पलसहस्सणिप्फण्णं अओमयं मोग्गरं गेण्हइ, गेण्हित्ता ते इत्थिसत्तमे छ पुरिसे घाएइ । तए णं से अज्जुणए मालागारे मोग्गरपाणिणा जक्खेणं अण्णाइट्ठे समाणे रायगिहस्स णयरस्स परिपेरंतेणं कल्लाकल्लिं इत्थिसत्तमे छ पुरिसे घाएमाणे घाएमाणे विहरइ । [] तए णं रायगिहे णयरे सिंघाडग तिग- चउक्क - चच्चर - चउम्मुह महापहपहेसु बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खड़ एवं भासेइ एवं पण्णवेइ एवं परूवेइ एवं खलु देवाणुप्पिया ! अज्जुणए मालागारे मोग्गरपाणिणा अण्णाइट्ठे समाणे रायगिहे णयरे बहिया इत्थिसत्तमे छ पुरिसे घाएमाणे घाएमाणे विहरइ । तए णं से सेणिए राया इमीसे कहाए लद्धट्ठे समाणे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया ! अज्जुणए मालागारे जाव घाएमाणे घाएमाणे विहरइ । तं मा णं तुब्भे केइ कट्ठस्स वा तणस्स वा पाणियस्स वा पुप्फफलाणं वा अट्ठाए सइरं णिग्गछह । णं तस्स सरीरयस्स वावत्ती भविस्सइ त्ति कट्टु दोच्चं पि तच्चं पि घोसणयं घोसेह, घोसेत्ता खिप्पामेव ममेयं आणत्तियं पच्चप्पिणह । तए णं से कोडुंबियपुरिसा जाव पच्चप्पिणंति । ७ तत्थ णं रायगिहे णयरे सुदंसणे णामं सेट्ठी परिवसइ-अड्ढे जाव अपरिभूए । तए णं से सुदंसणे समणोवासए यावि होत्था- अभिगयजीवाजीवे उवलद्ध- पुण्णपावे, आसव-संवर- णिज्जर-किरियाहिगरणबंध-मोक्खकुसले, असहेज्जदेवा - सुर-णाग सुवण्ण- जक्ख रक्खस किण्णर- किंपुरिस- गरुल-गंधव्वमहोरगाइएहिं देवगणेहिं णिग्गंथाओ पावयणाओ अणइक्क- मणिज्जे, णिग्गंथे पावणे णिस्संकिए णिक्कंखिए णिव्वितिगिच्छे, लद्धट्ठे, गहियट्ठे, पुच्छियट्ठे, अहिगयट्ठे, विणिच्छियट्ठे, अट्ठिमिंज पेमाणुरागरत्ते । अयमाउसो ! णिग्गंथे पावयणे अट्ठे, अयं परमट्ठे, सेसे अणट्टे, उसियफलिहे अवंगुयदुवारे, चियत्तंतेउर परघरदारप्पवेसे, बहुहिं सीलव्वय-गुणवेरमणपच्चक्खाण- पोसहोप-वासेहिं चाउद्दस्सट्ठमु-द्दिट्ठपुण्णमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहं सम्मं अणुपालेमाणे समणे णिग्गंथे फासुएसणिज्जेणं असण पाण- खाइम- साइमेणं वत्थ-पडिग्गहकंबल- पायपुंछणेणं पीढ-फलग- सिज्जा-संथारएणं ओसह- भेसज्जेण य पडिलाभेमाणे अहापरिग्गहि- एहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । ८ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे समोसढे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तएणं रायगिहे णयरे सिंघाडग जाव महापहेसु बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खड़ एवं भासइ, एवं पण्णवेइ, एवं परूवे - एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे, आइगरे तित्थयरे सयंसंबुद्धे, पुरिसुत्तमे जाव संपाविउकामे, पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे, गामाणुगामं दूइज्जमाणे इहमागए, इह संपत्ते, इह समोसढे; इहेव रायगिहे णयरे बाहिं गुणसिलए चेइए अहापडिरूवं उग्गहं Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तं महप्फलं खलु भो देवाणुप्पिया! तहारूवाणं अरहंताणं भगवंताणं णामगोयस्स वि सवणयाए; किमंग पुण अभिगमण-वंदणणमंसण-पडिपुच्छण-पज्जुवासणयाए ? एगस्स वि आयरियस्स धम्मियस्स सुवयणस्स सवणयाए; किमंग पुण विउलस्स अत्थस्स गहणयाए ? तए णं तस्स सुदंसणस्स बहुजणस्स अंतिए एवं अटुं सोच्चा णिसम्म अयं अज्झत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था- एवं खलु समणे भगवं महावीरे जाव विहरइ । तं गच्छामि णं समणं भगवं महावीरं वंदामि णमंसामि; एवं संपेहेइ, संपेहेत्ता जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छड़, उवागच्छित्ता करयल परिग्गहियं जाव एवं वयासीएवं खल अम्मयाओ ! समणे भगवं महावीरे जाव विहरइ । तं गच्छामि णं समणं भगवं महावीरं वंदामि णमंसामि सक्कारेमि सम्माणेमि कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासामि । तए णं सुदंसणे सेटिं अम्मापियरो एवं वयासी- एवं खलु पुत्ता ! अज्जुणए मालागारे जाव घाएमाणे-घाएमाणे विहरइ । तं मा णं तुमं पुत्ता ! समणं भगवं महावीरं वंदए णिग्गच्छाहि, मा णं तव सरीरयस्स वावत्ती भविस्सइ । तुमण्णं इहगए चेव समणं भगवं महावीरं वंदाहि । तए णं से सुदंसणे सेट्ठी अम्मापियरं एवं वयासी- किण्णं अहं अम्मयाओ! समणं भगवं महावीर इहमागयं, इह पत्तं, इह समोसढं, इह गए चेव वंदिस्सामि णमंसिस्सामि ? तं गच्छामि णं अहं अम्मयाओ ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे समणं भगवं महावीरं वंदामि णमंसामि जाव पज्जुवासामि । तए णं सुदंसणं सेटिं अम्मापियरो जाहे णो संचाएंति बहुहिं आघवणाहिं जाव परूवेत्तए ताहे एवं वयासी- अहासुहं देवाणुप्पिया ! तए णं से सुदंसणे अम्मापिईहिं अब्भणण्णाए समाणे पहाए सुद्धप्पावेसाइं मंगलाइं वत्थाई पवरपरिहिए अप्पमहग्घाभरणालंकिय सरीरे सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता पायविहारचारेणं रायगिहं णयरं मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छड़, णिगच्छित्ता मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणस्स अदूरसामंतेणं जेणेव गुणसिलए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं से मोग्गरपाणी जक्खे सुदंसणं समणोवासयं अदूरसामंतेणं वीईवयमाणं-वीईवयमाणं पासइ, पासित्ता, आसुरुत्ते रुढे कुविए चंडिक्किए मिसिमिसेमाणे तं पलसहस्सणिप्फण्णं अओमयं मोग्गरं उल्लालेमाणे-उल्लालेमाणे जेणेव सुदंसणे समणोवासए तेणेव पहारेत्थ गमणाए। तए णं से सुदंसणे समणोवासए मोग्गरपाणिं जक्खं एज्जमाणं पासइ, पासित्ता अभीए अतत्थे अणुव्विग्गे अक्खुभिए अचलिए असंभंते वत्थंतेणं भूमि पमज्जइ, पमज्जित्ता करयलपरिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट एवं वयासीणमोत्थुणं अरहंताणं भगवंताणं जाव संपत्ताणं । णमोत्थुणं समणस्स भगवओ महावीरस्स आइगरस्स तित्थयरस्स जाव संपाविउकामस्स । पुव्विं पि णं मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए थूलए पाणाइवाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए थूलए मुसावाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए, थूलए अदिण्णादाणे पच्चक्खाए जावज्जीवाए, सदारसंतोसे कए जावज्जीवाए, इच्छापरिमाणे कए जावज्जीवाए | तं इदाणिं पि णं तस्सेव अंतियं सव्वं पाणाइवायं पच्चक्खामि Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३ जावज्जीवाए, सव्वं मुसावायं, अदत्तादाणं, मेहुणं, परिग्गहं पच्चक्खामि जावज्जीवाए, सव्वं कोहं माणं मायं लोहं पेज्जं दोसं कलहं अब्भक्खाणं पेसुण्णं परपरिवायं अरइरइं मायामोसं मिच्छादंसणसल्लं पच्चक्खामि जावज्जी- वाए । सव्वं असणं पाणं खाइमं साइमं चउविहंपि आहारं पच्चक्खामि जावज्जीवाए । जइ णं एत्तो उवसग्गाओ मुच्चिस्सामि तो मे कप्पड़ पारित्तए । अह णं एत्तो उवसग्गाओ ण मुच्चिस्सामि 'तो मे तहा' पच्चक्खाए चेव त्ति कट्टु सागारं पडिमं पडिवज्जइ । तए णं से मोग्गरपाणी जक्खे तं पलसहस्सणिप्फण्णं अओमयं मोग्गरं उल्लालेमाणेउल्लालेमाणे जेणेव सुदंसणे समणोवासए तेणेव उवागए । णो चेव णं संचाएइ सुदंसणं समणोवासयं तेयसा समभिपडित्तए । तए णं से मोग्गरपाणि जक्खे सुदंसणं समणोवासयं सव्वओ समंता परिघोलेमाणे परिघोलेमाणे जाहे णो चेव णं संचाएइ सुदंसणं समणोवासयं तेयसा समभिपडित्तए, ताहे सुदंसणस्स समणोवासयस्स पुरओ सपक्खिं सपडिदिसिं ठिच्चा सुदंसणं समणोवासयं अणिमिसाए दिट्ठीए सुचिरं णिरिक्खइ, णिरिक्खित्ता अज्जुणयस्स मालागारस्स सरीरं विप्पजहइ, विप्पजहित्ता तं पलसहस्सणिप्फण्णं अओमयं मोग्गरं गहाय जामेव दिसं पाउब्भूए तामेव दिसं पडिगए । तणं से अज्जुणए मालागारे मोग्गरपाणिणा जक्खेणं विप्पमुक्के समाणे 'धस' त्ति धरणियलंसि सव्वंगेहिं णिवडिए । तए णं से सुदंसणे समणोवासए णिरुवसग्ग कट्टु पडिमं पारेइ । १४ तए णं से अज्जुणए मालागारे तत्तो मुहुत्तंतरेणं आसत्थे समाणे उट्ठेइ, उट्ठेत्ता सुदंसणं समणोवासयं एवं वयासी- तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! के, कहिं वा संपत्थिया? तए णं सुदंसणे समणोवासए अज्जुणयं मालागारं एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया ! अहं सुदंसणे णामं समणोवासए अभिगयजीवाजीवे गुणसिलए चेइए समणं भगवं महावीरं वंदए संपत्थिए । तए णं से अज्जुणए मालागारे सुदंसणं समणोवासयं एवं वयासी- तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया! अहमवि तुमए सद्धिं समणं भगवं महावीरं वंदित्तए णमंसित्तए सक्कारित्तए सम्माणित्तए कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवा - सित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेहि । तए णं सुदंसणे समणोवासए अज्जुणएणं मालागारेणं सद्धिं जेणेव गुणसिलए चेइए, जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अज्जुणएणं मालागारेणं सद्धिं समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ करेत्ता वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासइ । तं जहा- काइयाए वाइयाए माणसियाए । काइयाए ताव संकुइयग्गहत्थपाए णच्चासण्णे णाइदूरे सुस्सूसमाणे णमंसमाणे अभिमुहे विणएणं पंजलिउडे पज्जुवासइ । वाइयाए जं जं भगवं वागरेइ, एवमेयं भंते! तहमेयं भंते ! अवितहमेयं भंते ! असंदिद्धमेयं भंते ! इच्छियमेयं भंते ! पडिच्छियमेयं भंते ! इच्छिय-पडिच्छियमेयं भंते ! से जहेयं तुब्भे वयह अपडिकूलमाणे पज्जुवासइ । माणसियाए महया संवेगं जणइत्ता तिव्वधम्माणुरागरत्तो पज्जुवासइ । तणं समणे भगवं महावीरे सुदंणस्स समणोवासगस्स अज्जुणयस्स मालागारस्स तीसे य महइमहालियाए परिसाए मज्झगए विचित्तं धम्ममाइक्ख । सुदंसणे पडिगए । Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६ तए णं से अज्जुणए मालागारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मं सोच्चा णिसम्म हट्ठतुट्ठे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी - सद्दहामि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं जाव अब्भुट्ठेमि णं भंते ! णिग्गथं पावयणं । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेहि । तए णं से अज्जुणए मालागारे उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवक्कमइ, अवक्कमित्ता सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ, करेत्ता जाव अणगारे जाए जाव एवं च णं विहरइ । तए णं से अज्जुणए अणगारे जं चेव दिवस मुंडे जाव पव्वइए तं चेव दिवसं समणं भगवं महावीरं वंदइ, णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता इमं एयारूवं अभिग्गहं ओगेण्हइ-कप्पड़ मे जावज्जीवाए छट्ठछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणस्स विहरित्तए त्ति कट्टु अयमेयारूवं अभिग्गहं ओगिण्हइ, ओगिण्हित्ता जावज्जीवाए जाव विहरइ । तए णं से अज्जुणए अणगारे छट्ठक्खमणपारणयंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ जाव अडइ I १७ तए णं तं अज्जुणयं अणगारं रायगिहे णयरे उच्च णीय-मज्झिमाइं कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडमाणं बहवे इत्थीओ य पुरिसा य डहरा य महल्ला य जुवाणा य एवं वयासी इमेण मे पिया मारिए । इमेण मे माया मारिया । इमेण मे भाया भगिणी भज्जा पुत्ते धूया सुण्हा मारिया । इमेण मे अण्णयरे सयण संबंधि परियणे मारिए त्ति कट्टु अप्पेगइया अक्कोसंति, अप्पेगइया हीलंति णिदंति खिसंति गरिहंति तज्जंति तालेंति । तए णं से अज्जुणए अणगारे तेहिं बहूहिं इत्थीहि य पुरिसेहि य डहरेहि य महल्लेहि य जुवाणएहि य आओसिज्जमाणे जाव तालेज्जमाणे तेसिं मणसा वि अपउस्समाणे सम्मं सहइ सम्मं खमइ सम्मं तितिक्खइ सम्मं अहियासेइ, सम्मं सहमाणे सम्मं खममाणे सम्म तितिक्खमाणे सम्मं अहियासेमाणे रायगिहे णयरे उच्च णीय-मज्झिम कुलाइं अडमाणे जइ भत्तं लभइ तो पाणं न लभइ, अह पाणं लभइ तो भत्तं ण लभइ । तए णं से अज्जुणए अणगारे अदीणे अविमणे अकलुसे अणाइले अविसादी अपरितंतजोगी अडइ, अडित्ता रायगिहाओ णयराओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्ख- मित्ता जेणेव गुणसिलए चेइए, जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते गमणागमणाए पडिक्कमेइ, पडिक्कमेत्ता एसणमणेसणं आलोएइ, आलोएत्ता भत्तपाणं पडिदंसेइ, पडिदंसेत्ता समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णा समाणे अमुच्छिए अगिद्धे अगढिए अणज्झोववण्णे बिलमिव पण्णगभूएणं अप्पाणेणं तमाहारं आहारेइ। तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया रायगिहाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता बहिया जणवयविहारं विहरइ । तए णं से अज्जुणए अणगारे तेणं ओरालेणं विउलेणं पयत्तेणं पग्गहिएणं महाणुभागेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुणे छम्मासे सामण्णपरियागं पाउणइ, पाउणित्ता Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [] [] अद्धमासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसेइ, झूसेत्ता तीसं भत्ताइं अणसणाए छेदेइ, छेदेत्ता जस्साए कीरइ णग्गभावे जाव सिद्धे । ॥ तइअं अज्झयणं समत्तं ॥ छट्ठो वग्गो ४-१४ अज्झयणाणि कासवादि तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे, गुणसिलए चेइए । सेणिए राया, कासवे णामं गाहावई परिवसइ । जहा मकाई । सोलस वासा परियाओ । विपुले सिद्धे । एवं खेमए वि गाहावई, णवरं कायंदी णयरी | सोलस वासा परियाओ । विपुले पव्वए सिद्धे । एवं धिइहरे वि गाहावई कायंदीए णयरीए । सोलस वासा परियाओ । विपुले सिद्धे । एवं केलासे वि गाहावई, णवरं साएए णयरे । बारस वासाइं परियाओ । विपुले सिद्धे । एवं हरिचंदणे वि गाहावई साएए णयरे । बारस वासा परियाओ विपुले सिद्धे । एवं वारत्तए वि गाहावई, णवरं रायगिहे णयरे । बारस वासा परियाओ। विपुले सिद्धे । एवं सुदंसणे वि गाहावई, णवरं वाणियग्गामे णयरे । दुइपलासए चेइए । पंच वासा परियाओ विपुले सिद्धे । एवं पुण्णभद्दे वि गाहावई वाणियग्गामे णयरे । पंच वासा परियाओ । विपुले सिद्धे । एवं सुमणभद्दे वि गाहावई णवरं सावत्थीए णयरीए । बहुवासाइं परियाओ । विपुले सिद्धे । एवं सुपइट्ठे वि गाहावई सावत्थीए णयरीए । सत्तावीस वासा परियाओ । विपुले सिद्धे । एवं मेहे वि गाहावई, णवरं रायगिहे णयरे । बहूइं वासाइं परियाओ । विपुले सिद्धे । ॥ ४-१४ अज्झयणाणि समत्ताणि ॥ छट्ठो वग्गो पण्णरसमं अज्झयणं अइमुत्कुमारे तेणं कालेणं तेणं समएणं पोलासपुरे णयरे । सिरिवणे उज्जाणे । तत्थ णं पोलासपुरे णयरे विजए णामं राया होत्था । तस्स णं विजयस्स रण्णो सिरी णामं देवी होत्था, वण्णओ । तस्स णं विजयस्स रण्णो पुत्ते सिरिए देवीए अत्तए अइमुत्ते णामं कुमारे होत्था, सुकुमालपाणिपाए I तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जाव सिरिवणे उज्जाणे जाव विहरइ । Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूई अणगारे जहा पण्णत्तीए जाव पोलासपुरे णयरे उच्च-णीय-मज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियं अडइ । इमं च णं अइमुत्ते कुमारे एहाए जाव सव्वालंकारविभूसिए बहूहिं दारगेहि य दारियाहि य डिभएहि य डिभियाहि य कुमारएहि य कुमारियाहि य सद्धिं संपरिवुडे साओ गिहाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता जेणेव इंदट्ठाणे तेणेव उवागए तेहिं बहूहिं दारएहि य संपरिवुडे अभिरममाणे-अभिरममाणे विहरइ । तए णं भगवं गोयमे जाव भिक्खारियं अडमाणे इंदट्ठाणस्स अदूरसामंतेणं वीईवयइ । तए णं से अइमुत्ते कुमारे भगवं गोयमं अदूरसामंतेणं वीईवयमाणं पासइ, पासित्ता जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागए, भगवं गोयमं एवं वयासी- के णं भंते ! तुब्भे ? किं वा अडह ? तए णं भंते गोयमे अइमुत्तं कुमारं एवं वयासी- अम्हे णं देवाणुप्पिया ! समणा णिग्गंथा इरियासमिया जाव गुत्तबंभयारी जाव भिक्खायरियाए अडामो । तए णं अइमत्ते कमारे भगवं गोयमं एवं वयासी- एह णं भंते ! तब्भे जा णं अहं तब्भं भिक्खं दवावेमि त्ति कट्ट भगवं गोयमं अंगुलीए गेण्हइ, गेण्हित्ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागए | तए णं सा सिरिदेवी भगवं गोयमं एज्जमाणं पासइ, पासित्ता हद्वतुट्ठा आसणाओ अब्भुढेइ, अब्भुढेत्ता जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागया । भगवं गोयमं तिक्खुत्तो आयाहिणं-पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता विउलेणं असण- पाण- खाइम-साइमेणं पडिलाभेड़, पडिलाभेत्ता पडिविसज्जेइ । तए णं से अइमुत्ते कुमारे भगवं गोयमं एवं वयासी- कहि णं भंते ! तुब्भे परिवसह ? तए णं से भगवं गोयमे अइमुत्तं कुमारं एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया ! मम धम्मायरिए धम्मोवदेसए समणे भगवं महावीरे आइगरे जाव संपाविउकामे इहेव पोलासपुरस्स णयरस्स बहिया सिरिवणे उज्जाणे अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तत्थ णं अम्हे परिवसामो । तए णं से अइमुत्ते कुमारे भगवं गोयम एवं वयासी- गच्छामि णं भंते ! अहं तुब्भेहिं सद्धिं समणं भगवं महावीरं पायवंदए । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेहि । तए णं से अइमत्ते कुमारे भगवया गोयमेणं सद्धिं जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिण पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ जाव पज्जुवासइ । तए णं भगवं गोयमे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागए जाव भत्तपाणं पडिदंसेइ, पडिदंसेत्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं समणे भगवं महावीरे अइमुत्तस्स कुमारस्स तीसे य महइ महालियाए परिसाए मज्झगए विचित्तं धम्ममाइक्खड़ । तए णं से अइमुत्ते कुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हद्वतुढे जाव जं णवरं-देवाणुप्पिया ! अम्मापियरो आपुच्छामि तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अंतिए जाव पव्वयामि । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेहि । |ब्द Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तए णं से अइमुत्ते कुमारे जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागए, उवागच्छित्ता अम्मापिऊणं पायवडणं करेइ, करेत्ता एवं वयासी- एवं खलु अम्मयाओ ! मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मे णिसंते, से वि य मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुडए । तए णं तस्स अइमुत्तस्स अम्मापियरो एवं वयासी- धण्णो सि तुमं जाया ! संपुण्णो सि तुमं जाया ! कयत्थो सि तुम जाया ! जं णं तुमे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मे णिसंते, से वि य ते धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए । तए णं से अइमुत्ते कुमारे अम्मापियरो दोच्चं पि तच्चं पि एवं वयासी-एवं खलु अम्मयाओ ! मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मे णिसंते। से वि य णं मे धम्मे इच्छिए, पडिच्छिए, अभिरुइए । तं इच्छामि णं अम्मयाओ! तुब्भेहि अब्भणण्णाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए मुंडे भवित्ता णं अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए । तए णं तं अइमत्तं कुमारं अम्मापियरो एवं वयासी- बाले सि ताव तुमं पुत्ता ! असंबुद्धे, कि णं तुमं जाणसि धम्मं ? से अइमत्ते कमारे अम्मापियरो एवं वयासी- एवं खल अहं अम्मयाओ! जं चेव जाणामि तं चेव ण जाणामि, जं चेव ण जाणामि तं चेव जाणामि । तए णं तं अइमुत्तं कुमारं अम्मापियरो एवं वयासी-कहं णं तुमं पुत्ता ! जं चेव जाणसि तं चेव ण जाणसि ? जं चेव ण जाणसि तं चेव जाणसि ? तए णं से अइमत्ते कुमारे अम्मापियरो एवं वयासी- जाणामि अहं अम्मयाओ! जहा जाएणं अवस्स मरियव्वं, ण जाणामि अहं अम्मयाओ ! काहे वा कहिं वा कहं वा कियच्चिरेण वा ? ण जाणामि णं अम्मयाओ ! केहिं कम्माययणेहिं जीवा जेरइय तिरिक्ख जोणियमणुस्सदेवेसु उववज्जंति, जाणामि णं अम्मायाओ | जहा सरहिं कम्माययणेहिं जीवा णेरड्य जाव उववज्जंति । एवं खलु अहं अम्मयाओ ! जं चेव जाणामि तं चेव ण जाणामि, जं चेव ण जाणामि तं चेव जाणामि | तं इच्छामो णं अम्मयाओ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए जाव पव्वत्तए। तए णं तं अइमुत्तं कुमारं अम्मापियरो जाहे णो संचाएंति बहूहिं आघवणाहिं जाव तं इच्छामो ते जाया ! एगदिवसमवि रायसिरिं पासेत्तए । तए णं से अइमुत्ते कुमारे अम्मापिउवयण मण्यत्तमाणे तुसिणीए संचिट्ठइ । अभिसेओ जहा महा- बलस्स । णिक्खमणं जाव सामाइयमाइयाइं एक्कारस अंगाइं अहिज्जइ । बहूहिं वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ, गुणरयणं तवोकम्मं जाव विप्ले सिद्धे । ॥ पण्णरसमं अज्झयणं समत्तं ॥ | छट्टो वग्गो सोलसमं अज्झयणं अलक्के L तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणारसी णयरी, काममहावणे चेइए | तत्थ णं वाराणसीए अलक्के णामं राया होत्था । Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जाव विहरइ । परिसा णिग्गया । तए णं अलक्के राया इमीसे कहाए लद्धढे हद्वतुढे जहा कोणिए जाव धम्मकहा | तए णं से अलक्के राया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए जहा उदायणे तहा णिक्खंते, णवरं जेट्ठपुत्तं रज्जे अभिसिंचड़ । एक्कारस अंगाई | बहू वासा परियाओ जाव विपुले सिद्धे । एवं खल जंब ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अद्वमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं छट्ठस्स वग्गस्स अयमढे पण्णत्ते । || छट्ठो वग्गो समत्तो || सत्तमो वग्गो १-१३ अज्झयणाणि णंदादि | जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगड- दसाणं छहस्स वग्गस्स अयमढे पण्णत्ते, सत्तमस्स वग्गस्स के अढे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं सत्तमस्स वग्गस्स तेरस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहाणंदा तह णंदवई, णंदुत्तर णंदिसेणिया चेव । मरुता सुमरुता महामरुता, मरुदेवा य अट्ठमा ॥१॥ भद्दा य सुभद्दा य, सुजाया सुमणाइया । भूयदिण्णा य बोधव्वा, सेणिय भज्जाण णामाइं ॥२॥ जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं सत्तमस्स वग्गस्स तेरस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स के अढे पणणत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे | गुणसिलए चेइए । सेणिए राया, वण्णओ | तस्स णं सेणियस्स रण्णो णंदा णामं देवी होत्था, वण्णओ | सामी समोसढे, परिसा णिग्गया । तए णं सा गंदा देवी इमीसे कहाए लट्ठा हद्वतुट्ठा कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता जाणं दुरुहइ । जहा पउमावई जाव एकारस अंगाइ अहिज्जित्ता वीसं वासाइं परियाओ जाव सिद्धा । एवं तेरस वि देवीओ णंदा-गमेण णेयव्वाओ । ॥ सत्तमो वग्गो समत्तो || Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अहमो वग्गो पढमं अज्झयणं काली १ जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगड- दसाणं सत्तमस्स वग्गस्स अयमढे पण्णत्ते, अट्ठमस्स वग्गस्स के अढे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं अट्ठमस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पण्णत्ता तं जहाकाली, सुकाली, महाकाली, कण्हा, सुकण्हा, महाकण्हा | वीरकण्हा य बोधव्वा, रामकण्हा तहेव य । पिउसेणकण्हा णवमी दसमी, महासेणकण्हा य || जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स के अढे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेण समएणं चंपा णामं णयरी होत्था | पुण्णभद्दे चेइए | तत्थ णं चंपाए णयरीए कोणिए राया, वण्णओ | तत्थ णं चंपाए णयरीए सेणियस्स रण्णो भज्जा, कोणियस्स रणो चल्लमाउया, काली णामं देवी होत्था, वण्णओ | जहा णंदा जाव सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जड़ | बहहिं चउत्थ जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरड़ । तए णं सा काली अज्जा अण्णया कयाइ जेणेव अज्जचंदणा अज्जा तेणेव उवागया, उवागच्छित्ता एवं वयासी- इच्छामि णं अज्जाओ ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाया समाणी रयणावलिं तवं उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए | अहासुहं देवाणुप्पिए ! मा पडिबंधं करेहि | तए णं सा काली अज्जा अज्जचंदणाए अब्भणुण्णाया समाणी रयणावलिं तवं उवसंपज्जित्ता णं विहरड़ तं जहाचउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, छटुं करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, अट्ठमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, अट्ठ छट्ठाई करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, चउत्थं करेइ, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, छ8 करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, चोद्दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सोलसमं करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, अट्ठारसमं करेड़, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, करेइ, करेत्ता करेइ, अट्ठमं दुवालसमं करेइ, करेइ, Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ करेइ, वीसइमं बावीस मं करेइ, चवीस मं करेइ, छव्वीस मं करेइ, अट्ठावीस मं करेइ, तीस मं करेइ, बत्तीस मं करेइ, चोत्तीसइमं चोत्तीसं छट्टाई चोत्तीस मं बत्तीसइमं तीस मं अट्ठावीसइमं छव्वीसइमं चउवीसइमं बावीस मं मं अट्ठारसमं सोलसमं चोद्दसमं बारसमं दसमं अट्ठमं छ्टुं चउत्थं अट्ठ छट्ठाई अट्ठमं छ्टुं चउत्थं करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेड़, करेइ, करेइ, करेइ, करेत्ता का करेत्ता कत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता कत्ता कत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता कत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता कत्ता करेत्ता कत्ता कत्ता सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणयं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणयं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ । सव्वकामगुणियं सव्वकामगुण सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं एवं खलु एसा रयणावलीए तवोकम्मस्स पढमा परिवाडी एगेणं संवच्छरेणं तिहिं मासेहिं बावीसाए य अहोरत्तेहिं अहासुत्तं अहाअत्थं अहातच्चं अहामग्गं अहाकप्पं सम्मं काएणं फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टिया आराहिया भवइ । ३ तयाणंतरं च णं दोच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेइ, करेत्ता विगइवज्जं पारेइ पारेत्ता, छट्ठे करेइ, करेत्ता विगइवज्जं पारे । एवं जहा पढमाए परिवाडीए तहा बीयाए वि, णवरं सव्वपारणए Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | विगइवज्जं पारेइ । एवं खलु एसा रयणावलीए तवोक्कम्मस्स बिइया परिवाडी एगेणं संवच्छरेणं तिहिं मासेहिं बावीसाए य अहोरत्तेहिं जाव आराहिया भवइ । तयाणंतरं च णं तच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेइ, करेत्ता अलेवाडं पारेइ । सेसं तहेव | णवरं अलेवाडं पारेड़ । एवं चउत्था परिवाडी | णवरं सव्वपारणए आयंबिलं पारेड़ । सेसं तं चेव । पढमम्मि सव्वकामं, पारणयं बिइयए विगइवज्जं । तइयम्मि अलेवाडं, आयंबिलओ चउत्थम्मि ॥१॥ तए णं सा काली अज्जा रयणावलीतवोकम्मं पंचहिं संवच्छरेहिं दोहि य मासेहिं अट्ठावीसाए य दिवसेहिं अहासुत्तं जाव आराहेत्ता जेणेव अज्जचंदणा अज्जा तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अज्जचंदणं अज्जं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता बहहिं चउत्थ-छट्ठट्ठम-दसम-दुवालसेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणी विहरइ । तए णं सा काली अज्जा तेणं उरालेणं विउलेणं पयत्तेणं पग्गहिणं कल्लाणेणं सिवेणं धण्णेणं मंगलेणं सस्सिरीएणं उदग्गेणं उदत्तेणं उत्तमेणं उदारेणं महाणुभागेणं तवोकम्मेणं सुक्का लुक्खा णिम्मंसा अद्विचम्मावणद्धा किडिकिडिया भूया किसा धमणिसंतया जाया यावि होत्था | से जहा इंगालसगडी वा उण्हे दिण्णा सुक्का समाणी ससदं गच्छइ, ससदं चिट्ठइ, एवामेव कालीए वि अज्जा ससदं गच्छइ, ससई चिट्ठइ, उवचिए तवेणं अवचिए मंस-सोणिएणं सहयहयासणे इव भासरासिपलिच्छण्णा तवेणं तेएणं, तवतेयसिरीए अईव-अईव उवसोहेमाणी उवसोहेमाणी चिट्ठइ । तए णं तीसे कालीए अज्जाए अण्णया कयाई पुव्वरत्ता वरत्तकाले अयमज्झत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था, जहा खंदयस्स चिंता जाव अत्थि उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कार-परक्कमे सद्धा धिई संवेगे तावता मे सेयं कल्लं जाव जलंते अज्जचंदणं अज्जं आपुच्छित्ता अज्जचंदणाए अज्जाए अब्भणुण्णाए समाणीए संलेहणा झूसणा झूसियाए भत्तपाण पडियाइक्खियाए कालं अणव-कंखमाणीए विहरित्तए त्ति कट्ठ एवं संपेहेइ, संपेहेत्ता कल्लं जेणेव अज्जचंदणा अज्जा तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अज्जचंदणं अज्जं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी- इच्छामि णं अज्जो ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाया समाणी संलेहणा जाव विहरित्तए । अहासुहं । तए णं सा काली अज्जा अज्जचंदणाए अब्भणुण्णाया समाणी संलेहणा झूसणा झूसिया जाव विहरइ । तए णं सा काली अज्जा अज्जचंदणाए अंतिए सामाइयमाइयाइं एक्कारस अंगाई अहिज्जि इं अट्ठ संवच्छराइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता, मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झसित्ता, सद्विं भत्ताइं अणसणाए छेदित्ता, जस्सद्वाए कीरड णग्गभावे जाव चरिमुस्सासेहिं सिद्धा । णिक्खेवओ । || पढमं अज्झयणं समत्तं ॥ | 3 Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णामं णयरी । पुण्णभद्दे चेइए । कोणिए सेणियस्स रण्णो भज्जा, कोणियस्स रण्णो, चुल्लमाउया सुकाली णामं देवी काली तहा सुकाली वि णिक्खंता जाव तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणी विहरइ । तणं सा सुकाली अज्जा अण्णया कयाइं जेणेव अज्जचंदणा जाव इच्छामि णं अज्जाओ ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाया समाणी कणगावली तवोकम्मं उव- संपज्जित्ताणं विहरित्तए । एवं जहा रयणावली तहा कणगावली वि, णवरं- तिसु ठाणेसु अट्ठमाई करेइ, जहिं रयणावलीए छट्ठाइं । एक्काए परिवाडीए संवच्छरो, पंच मासा, बारस य अहोरत्ता । चउण्हं पंच वरिसा णव मासा अट्ठारस दिवसा । सेसं तहेव । णव वासा परियाओ जाव सिद्धा । णिक्खेवओ । अमो वग्गो बीअं अज्झयणं सुकाली करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, दुवालसमं करेइ, सोलसमं करेइ, चोद्दसमं करेइ, समं अट्ठमं दुवालसमं दसमं चोद्दसमं ॥ बीअं अज्झयणं समत्तं ॥ १ एवं महाकाली । णवरं खुड्डागसीहणिक्कीलियं तवोकम्मं उवसंपज्जित्ता णं विहरइ, तं जहा चउत्थं छटुं चउत्थं अमं छटुं अट्ठमो वग्गो तइअं अज्झयणं महाकाली करेत्ता करेत्ता करेत्ता कत्ता करेत्ता कत्ता करेत्ता कत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता कत्ता करेत्ता सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं राया । तत्थ णं होत्था । जहा सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ करेइ, अट्ठारसमं सोलसमं वीसइम करेइ, करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, अट्ठारसमं करेत्ता वीसइम सोलसमं सोलसमं चोद्दसमं सोलसमं बारसमं चोद्दसमं दसमं बारसमं अट्ठमं करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं पारेड़ पारेत्ता, पारेइ पारित्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ । दसमं छटुं अट्ठमं चउत्थं करेइ, करेइ, चउत्थं करे। तहेव चत्तारि परिवाडीओ | एक्काए परिवाडीए छम्मासा सत्त य दिवसा | चउण्हं दो वरिसा अट्ठावीसा य दिवसा जाव सिद्धा | णिक्खेवओ । || तइअं अज्झयणं समत्तं ॥ अट्ठमो वग्गो चउत्थं अज्झयणं कण्हा | ___ एवं कण्हा वि णवरं महालयं सीहणिक्कीलियं तवोकम्म, जहेव खुड्डागं | णवरं चोत्तीसइमं जाव णेयव्वं । तहेव ओसारेयव्वं । एक्काए वरिसं छम्मासा अट्ठारस य दिवसा | चउण्हं छव्वरिसा दो मासा बारस य अहोरत्ता | सेसं जहा कालीए जाव सिद्धा । णिक्खेवओ । ॥ चउत्थं अज्झयणं समत्तं ॥ Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [] M अमो वग्गो पंचमं अज्झयणं सुकण्हा एवं वि, णवरं सत्तसत्तमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ । पढमे सत्तए एक्केक्कं भोयणस्स दत्तिं पडिगाहेइ, एक्केक्कं पाणयस्स । दोच्चे सत्तए दो-दो भोयणस्स दो-दो पाणयस्स पडिगाहेइ । तच्चे सत्तए तिण्णि- तिण्णि दत्तीओ भोयणस्स, तिण्णि- तिण्णि दत्तीओ पाणयस्स । चउत्थे सत्तए चत्तारि - चत्तारि दत्तीओ भोयणस्स, चत्तारि - चत्तारि दत्तीओ पाणयस्स । पंचमे सत्तए पंच-पंच दत्तीओ भोयणस्स, पंच-पंच दत्तीओ पाणयस्स । छट्ठे सत्तए छ-छ दत्तीओ भोयणस्स, छ-छ दत्तीओ पाणयस्स । सत्तमे सत्तर सत्त- सत्त दत्तीओ भोयणस्स, सत्त सत्त दत्तीओ पाणयस्स पडिगाहेइ । एवं खलु एयं सत्तसत्तमियं भिक्खुपडिमं एगूणपण्णाए राइदिएहिं एगेण य छण्णउएण भिक्खासएणं अहासुत्तं जाव आराहेत्ता जेणेव अज्जचंदणा अज्जा तेणेव उवागया, उवागच्छित्ता अज्जचंदणं अज्जं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी इच्छामि णं अज्जाओ ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाया समाणी अट्ठ अट्ठमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरत्तए । अहासुहं देवाप्पि ! मा पडिबंधं करेहि । तए णं सा सुकण्हा अज्जा अज्जचंदणाए अज्जाए अब्भणुण्णाया समाणी अट्ठट्ठमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ता णं विहर पढमे अट्ठए एक्केक्कं भोयणस्स दत्ति पडिगाहेइ, एक्केक्कं पाणयस्स जाव अट्ठमे अट्ठए अट्ठट्ठ भोयणस्स पडिगाहेइ, अट्ठट्ठ पाणयस्स । एवं खलु एयं अट्ठट्ठमियं भिक्खुपडिमं चउसट्ठीए राइदिएहिं दोहि य अट्ठासीएहिं भिक्खासएहिं अहासुत्तं जाव आराहित्ता णवणवमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ पढमे णवए एक्केक्कं भोयणस्स दत्तिं पडिगाहेइ, एक्केक्कं पाणयस्स जाव णवमे णवम णवणव दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेइ, णव णव पाणयस्स । एवं खलु एयं णवणवमियं भिक्खुपडिमं एक्कासीतिए राइदिएहिं चउहि य पंचुत्तरेहिं भिक्खासएहिं, अहासुत्तं जाव आराहेत्ता दसदसमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ता णं विहरइपढमे दस एक्केक्कं भोयणस्स दत्तिं पडिगाहेइ, एक्केक्कं पाणयस्स जाव दसमे दस दसदस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेइ, दस-दस पाणयस्स । एवं खलु एयं दसदसमियं भिक्खुपडिमं एक्केणं राइंदियसएणं अद्धछट्ठेहि य भिक्खासएहिं अहासुत्तं जाव आराहेइ, आराहेत्ता बहूहिं चउत्थ-छट्ठट्ठम-दसम-दुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं विविहेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणी विहरइ । तणं सा सुकण्हा अज्जा तेणं ओरालेणं तवोकम्मेणं जाव सिद्धा । क्खेिओ । ॥ पंचमं अज्झयणं समत्तं ॥ Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अट्ठमो वग्गो छठें अज्झयणं महाकण्हा १ एवं महाकण्हा वि, णवरं-खुड्डागं सव्वओभदं पडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, तं जहा करेइ, चउत्थं छ8 अट्ठमं दसमं दुवालसमं अट्ठमं दसम दुवालसमं चउत्थं करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेड़, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, करेइ, छटुं दुवालसमं चउत्थं छटुं करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ । अट्ठमं दसमं छद्रं करेइ, अट्ठमं दसमं करेइ, दुवालसमं चउत्थं करेइ, करेइ, करेइ, दसमं दुवालसमं चउत्थं करेइ, करेइ, करेइ, छटुं अहम करेड़, एवं खलु एयं खुड्डागसव्वओभद्दस्स तवोकम्मस्स पढमं परिवाडि तिहिं मासेहिं दसहि य दिवसेहिं अहासुत्तं जाव आराहेत्ता दोच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेइ, करेत्ता विगइवज्जं पारेइ, Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पारेत्ता जहा रयणावलीए तहा एत्थ वि चत्तारि परिवाडीओ | पारणा तहेव । चउण्हं कालो संवच्छरो मासो दस य दिवसा | सेसं तहेव जाव सिद्धा | णिक्खेवओ | || छट्ठ अज्झयणं समत्तं ॥ अट्ठमो वग्गो सत्तमं अज्झयणं वीरकण्हा १ एवं वीरकण्हा वि णवरं-महालयं सव्वओभदं तवोकम्म उवसंपज्जित्ता णं विहरइ, तं जहा दसम चउत्थं करेइ, छटुं करेइ, अट्ठमं करेइ, दसमं करेइ, दुवालसमं करेइ, चोद्दसमं करेइ, सोलसमं करेइ, करेड़, द्वालसमं करेइ, चोद्दसमं करेड़, सोलसमं करेइ, चउत्थं करेइ, छटुं करेइ, अट्ठमं करेइ, सोलसमं करेइ, चउत्थं करेइ, छटुं करेइ, अट्ठमं करेड़, दसमं करेइ, दुवालसमं करेइ, चोद्दसमं करेइ, अट्ठमं करेइ, दसमं करेइ, द्वालसमं करेड़, चोद्दसमं करेड, 98 करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता ||पढमा लया || पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता || बीया लया || पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता || तइया लया || पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सोलसमं करेइ, कत्ता चउत्थं करेइ, कत्ता छटुं करेइ, करेत्ता चोद्दसमं करेइ, करेत्ता सोलसमं करेइ, करेत्ता चउत्थ करेइ, कत्ता छटुं करेइ, अट्ठमं करेड़, दसमं करेइ, कत्ता कत्ता दुवालसमं करेइ, छटुं करेइ, कत्ता अट्ठमं करेइ, करेत्ता दसमं करेइ, करेत्ता दुवालसमं करेइ, कत्ता चोद्दसमं करेइ, कत्ता सोलसमं करेइ, कत्ता चउत्थं करेइ, कत्ता दुवालसमं करेइ, कत्ता चोद्दसमं करेइ, कत्ता सोलसमं करेइ, कत्ता चउत्थं करेइ, कत्ता छटुं करेइ, करेत्ता अमं करेइ, दसमं [] कत्ता करेत्ता कत्ता करेइ, कत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुण पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुण पारेइ पारेत्ता || चउत्थी लया ॥ पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुण सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता || पंचमीलय ॥ सव्वकामगुण पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणयं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता ॥ छट्ठी लया ॥ सव्वकामगुण सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं एक्काए कालो अट्ठ मासा पंच य दिवसा । चउण्हं दो वासा अट्ठ मासा वीस दिवसा । सेसं तहेव जाव सिद्धा । णिक्खेवओ । | सत्तमं अज्झयणं समत्तं ॥ अमो वग्गो अट्ठमं अज्झयणं पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ रामकण्हा ॥ सत्तमी लया॥ एवं रामकण्हा वि, णवरं भद्दोत्तर पडिमं उवसंपज्जित्ता णं विहरड़, तं जहा Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता द्वालसमं करेड, चोद्दसमं करेड, सोलसमं करेइ, अट्ठारसमं करेइ, वीसइमं करेइ, सोलसमं करेइ, अट्ठारसमं करेइ, वीसइमं करेइ, दुवालसमं करेइ, चोद्दसमं करेड, वीसइमं करेइ, द्वालसमं करेड़, चोद्दसमं करेइ, सोलसमं करेइ, अट्ठारसमं करेइ, चोद्दसमं करेइ, सोलसमं करेइ, अट्ठारसमं करेइ, वीसइमं करेइ, दुवालसमं करेइ, अट्ठारसमं करेइ, वीसइमं करेइ, दुवालसमं करेइ, चोद्दसमं करेइ, सोलसमं करेइ, 怪岸餐餐餐燈燈燈燈燈燈燈燈管 करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता || पढमा लया || पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेड़ पारेत्ता || बीया लया | पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता ||तइया लया॥ पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ | चउत्थी लया | पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेड़ पारेत्ता || पंचमी लया || एक्काए कालो छम्मासा वीस य दिवसा | चउण्हं कालो दो वरिसा दो मासा वीस य दिवसा | सेसं तहेव जहा काली जाव सिद्धा | णिक्खेवओ । ॥ अट्ठमं अज्झयणं समत्तं ॥ अट्ठमो वग्गो णवमं अज्झयणं पिउसेणकण्हा १ एवं पिउसेणकण्हा वि, णवरं- मुत्तावलिं तवोकम्म उवसंपज्जित्ता णं विहरइ, तं जहा Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ करेइ, करेइ, करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता चउत्थं करेइ, छटुं चउत्थं अट्ठमं करेइ, चउत्थं करेइ, दसमं करेइ, चउत्थं करेइ, द्वालसमं करेड़, चउत्थं करेइ, चोद्दसमं करेइ, चउत्थं करेइ, सोलसमं करेइ, चउत्थं करेइ, अट्ठारसमं करेइ, चउत्थं करेइ, वीसइमं करेइ, चउत्थं करेइ, बावीसइमं करेइ, चउत्थं करेइ, चठवीसइमं करेइ, चउत्थं करेइ, छव्वीसइमं करेइ, चउत्थं करेइ, अट्ठावीसइमं करेइ, चउत्थं करेइ, तीसइमं करेइ, चउत्थं करेइ, बत्तीसइमं करेइ, चउत्थं करेइ, चोत्तीसइमं करेइ, चउत्थं करेइ, बतीसइमं करेइ, करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता करेत्ता सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारेइ पारेत्ता, पारे । एवं तहेव ओसारेइ जाव चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ । एक्काए कालो एक्कारस मासा पण्णरस य दिवसा | चउण्हं तिण्णि वरिसा दस य मासा | सेसं जाव सिद्धा | णिक्खेवओ | Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ || णवमं अज्झयणं समत्तं || अट्ठमो वग्गो दसमं अज्झयणं महासेणकण्हा [ -] एवं महासेणकण्हा वि, णवरं आयंबिलवडढमाणं तवोकम्मं उवसंपज्जित्ता णं विहरइ, तं जहाआयंबिलं करेइ, करेत्ता चउत्थं करेइ करेत्ता, बे आयंबिलाइं करेइ, करेत्ता चउत्थं करेइ करेत्ता, तिण्णि आयंबिलाइं करेइ, करेत्ता चउत्थं करेइ करेत्ता, चत्तारि आयंबिलाई करेइ, करेत्ता चउत्थं करेइ करेत्ता, पंच आयंबिलाई करेइ, करेत्ता चउत्थं करेइ करेत्ता, छ आयंबिलाई करेइ, करेत्ता चउत्थं करेइ करेत्ता, एक्कुत्तरियाइ वुड्ढीए आयंबिलाइं वुड्ढंति चउत्थंतरियाइं जाव आयंबिलसयं करेइ, करेत्ता चउत्थं करे । तए णं सा महासेणकण्हा अज्जा आयंबिलवड्ढमाणं तवोकम्मं चोद्दसहिं वासेहिं तिहि य मासेहिं वीसहि य अहोरत्तेहिं अहासुत्तं जाव आराहेत्ता जेणेव अज्जचंदणा अज्जा तेणेव उवागया, उवागच्छित्ता वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता बहूहिं चउत्थं जाव भावेमाणी विहरइ । तए णं सा महासेणकण्हा अज्जा तेणं ओरालेणं जाव तवेणं तेएणं तवतेय सिरीए अईव-अईव उवसोहेमाणी चिट्ठइ । तए णं तीसे महासेणकण्हाए अज्जाए अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकाले चिंता जहा खंदयस्स जाव अज्जचंदणं अज्जं आपुच्छइ जाव (संलेहणा) कालं अणवकंखमाणी विहरइ । तए णं सा महासेणकण्हा अज्जा अज्जचंदणाए अज्जाए अंतिए सामाइयमाइयाइं एक्कारस अंगाई अहिज्जित्ता, बहुपडिपुण्णाई सत्तरस वासाइं परियायं पालइत्ता, मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झसित्ता, सढि भत्ताई अणसणाए छेदित्ता जस्सहाए कीरइ णग्गभावे जाव तमटुं आराहेइ, आराहित्ता चरिमउस्सास णिस्सासेहिं सिद्धा। अट्ठ य वासा आई, एक्कोत्तरियाए जाव सत्तरस्स | एसो खलु परियाओ, सेणियभज्जाण णायव्वो ॥१॥ || दसमं अज्झयणं समत्तं || || अट्ठमो वग्गो समत्तो || Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिसेसो १ एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेण जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं अयमढे पण्णत्ते । अंतगडदसाणं अंगस्स एगो सुयखंधो | अट्ठ वग्गा | अट्ठसु चेव दिवसेसु उद्दिस्सिज्जंति । तत्थ पढमबिइयवग्गे दस-दस उद्देसगा | तइयवग्गे तेरस उद्देसगा। चउत्थ-पंचमवग्गे दस-दस उद्देसगा | छटुवग्गे सोलस उद्देसगा | सत्तमवग्गे तेरस उद्देसगा। अट्ठमवग्गे दस उद्देसगा | सेसं जहा णायाधम्मकहाणं । ॥अंतगडं सुत्तं समत्तं ॥ Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Published By: GLOBAL JAIN AAGAM MISSION Pawandham, Mahavir Nagar, Kandivali (W), Mumbai - 400 067