Book Title: Vipak Sutram
Author(s): Gyanmuni, Shivmuni
Publisher: Aatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti

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Page 6
________________ प्रकाशकीय यह अतीव हर्ष का विषय है कि जैन धर्म दिवाकर आचार्य सम्राट् श्री शिवमुनि जी महाराज के दिशानिर्देशन में जैन धर्मदिवाकर जैनागम रत्नाकर आचार्य सम्राट् श्री आत्माराम जी महाराज द्वारा व्याख्यायित आगमों का पुनर्प्रकाशन महायज्ञ द्रुतगति से प्रगतिशील है। मात्र दो वर्ष की अल्पावधि में आगमों के ग्यारह संस्करणों का प्रकाशन कार्य पूर्ण हो चुका है। निश्चित ही यह एक दुरूह कार्य है और प्रशंसनीय भी। यह दुरूह कार्य आचार्य सम्राट् श्री आत्माराम जी महाराज की अदृष्ट कृपा और आचार्य सम्राट् श्री शिवमुनि जी महाराज की सृजनधर्मी कार्य शैली और उत्साहमयी प्रेरणा से ही निरन्तर सफलता पूर्वक प्रगतिमान है। हम इसमें निमित्त मात्र हैं। प्रस्तुत आगम श्री विपाक सूत्रम्एक विशालकाय ग्रन्थ है।इस आगम की व्याख्या की रचना अर्द्धशती पूर्व बहुश्रुत गुरुदेव श्री ज्ञान मुनि जी महाराज ने अपने श्रद्धेय गुरुदेव आचार्य सम्राट श्री आत्माराम जी महाराज के दिशानिर्देशन में की। विपाक सूत्र पर ऐसी सरल और सटीक व्याख्या आज तक अन्यत्र देखने में नहीं आई। श्रमण-श्रमणी वर्ग के अतिरिक्त मुमुक्षु श्रावक-श्राविका वर्ग भी इस आगम का बड़ी श्रद्धा से स्वाध्याय करते हैं तथा कर्मसिद्धान्त के गूढ़ रहस्यों से अत्यन्त सरलता से परिचित बनते हैं। गुरुदेव श्री ज्ञानमुनि जी महाराज का मुमुक्षु अध्येता वर्ग पर यह महान उपकार है जो सदैव अभिनन्दनीय रहेगा। प्रस्तुत आगम का प्रथम बार प्रकाशन पांच दशक पूर्व हुआ था।इस सुदीर्घ कालावधि में इस आगम के स्वाध्याय से लाखों भव्यों को कल्याण का राजमार्ग प्राप्त हुआ है। वर्तमान में यह आगम अनुपलब्ध प्रायः है। इसी हेतु आचार्य देव श्री शिवमुनि जी महाराज ने कठिन परिश्रम पूर्वक इस आगम का सम्पादन करके पुनर्प्रकाशनार्थ तैयार किया। आचार्य देव की इस महान् कृपा के हम हार्दिक आभारी हैं। __ आगम प्रकाशन समिति आगम प्रकाशन के अपने अभियान पर सतत गतिमान है। अनेक सहयोगी श्रावक-रत्न समिति के सदस्य बनकर श्रुत प्रभावना के इस महान् उपक्रम में अपना सहयोग अर्पित कर चुके हैं। जैन जगत के समस्त उदारमना महानुभावों से हम साग्रह निवेदन करते हैं कि इस पुण्य प्रसंग में अपना सहयोग प्रदान कर श्रुतप्रभावना के महापुण्य के संभागी बनें। - आत्म-ज्ञान-श्रमण-शिव आगम प्रकाशन समिति लुधियाना - भगवान महावीर मेडिटेशन एण्ड रिसर्च सेंटर ट्रस्ट दिल्ली प्रकाशकीय] श्री विपाक सूत्रम्

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