Book Title: Vimalprabha Tika Part 01
Author(s): Jagannath Upadhyay
Publisher: Kendriya Uccha Tibbati Shiksha Samsthan

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Page 8
________________ गयाशीर्ष बजासनसमोपे श्रीकालचक्राभिषेक-महामण्डले परमपावन-शासनधरसागराय दलाईलामामहाभागाय विमलप्रभा-समर्पणम् यत् सद्धर्मप्रवर्तनाय विहितं चक्रं पुरा तायिना पोताला-शिखरात् तदुद्गतमहो लामादलाईश्रितम् / हिंसामोहपरे परार्थविमुखे कोटिद्वयाधिष्ठिते .लोके साधयितुं हितं विजयते श्रीकालचक्रं हि तत् / / कालचक्राभिषेकेण प्राच्यपाश्चात्त्यदेशयोः / अपास्य विषमां चर्या पाविता लक्षशो जनाः // . ' तस्मै चक्रधराय शासनविदे संस्कृत्य या चाप्यते टीका सा विमलप्रभा विगलिता यत्नेन संयोजिता / प्रज्ञा या करुणान्विताऽतिसहजा तन्मुद्रयाऽलिङ्गिता लोकाः सन्तु परस्य दुःखहतये मञ्जुश्रिया दर्शिताः // कल्किना पुण्डरीकेण लोकनाथेन निर्मिता। बहोः कालाद् विलुप्सा सा जगन्नाथेन दीपिता // उपाध्यायो जगत्रायः बुद्धान्दे 2529 मिते मार्गशीर्ष पूर्णिमायाम

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