Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 152
________________ न० सिहारे वीसो० से० श्रेण कम० मगधदेशनो ०ईम ते०डफनई ५० रुक जाता भवनड ठाकुर राजा कतिन म ध 5 हे० थान लानाथमा जो०नोगनु०लोग दिसं०मि०मित्रना० नताशालीनी हेसाती नातिदूरी नोकरदार ततोसो पद सिन 'राजा सेलिन मगदा दिए। एवंतेइ ढिमंतरस कहेना दोन विद्धति | २० | दो मिला दोन टयंता जोगेनुका दिया। मित्रनाईए १० सहि मामनुन तस्कु०जैनली अतिक व अ० से०देवेलकम० मगध्दे | ००३०मनाथ कन्नोनामा अनन्त मनु को अती ल. ० ९ एप्रन तूतेः शनाठाकुर 'थाइ से कथक इन०राजा तू रिबुडो माएस्सखुस गोदालाहो सिसिलिया मगदाहिए। अप्पाच्या दो सेतो करसना दोन रिस्सी एवं चीन सो० नं०] तिच्या साकुल रित्तक २०९६३ नासा सा०कोई यती नरं तू कहते हो न यतीक है। अगर सु० २० दिन यर्यः पुमा दिदिमायापुरा जाय निघतो किंमटोल सम० मनुष्यतेती से कोमा मे० मदरश् रिंदोसो सुसंतोसदि म्हिन दास पुढेच साजला शिवस लिन १३. दिवराजा नु० जोग जोहो आमोद रिकर्ड दुश्मेश्क | ९०९ हि० (सबसर्वमेन कि०किंम० नाथ ०२ बाद सुनी कदै उन मनुष्य सवै०न सहितमारीच्या सामान दरेश् as चास्सादेची मएफस्सा मित्र तेजस्व में लता जाइना शु सबको मे सम्म दिएका नवंति मानते मुददे । एत्रमेकाले सु० साल मे० मुक् काममा दानदिन जमिनाथ क १०] देवा दाराना करिमानल (अखिलेए चेटा सा । ऊहापो जीवन इमारत मदमादाराजा नाब शिवद मंत्र महारा लोमेि आ० वीडईन्द्र०बैरी ॐ० एल्टनी मे रमुना मा कोणाक नदबई मे दनादन २० लुडा मिमा एक सेतीए / आलाईस रिये में २४ १४ एरिसे से मि रानो छा० ० उ त्यति ज०जिम छा० ना०स० मा नन्दे राजा ६ राजा ३५ एमए नगरी प्राट्स्स अयोन् सिंग डाहा गादोदइ ( सपा दोवानरा दिया। १६। रूले दिमे मदारा जजिम मे०म5०० कौ० को सहीनामा बु० १०छ्लाकुलिनानी बना जी न० सिद्धा श्र० १० १०५० मनसेच्या नगर ने दलीय विलोममाहरु एनामवतानू कामे व प्रिय । १७ को बीना मेरी पुस्तेयसी तामीदीयामपत्तूण नाम न दि० दिस्ती सक्सस री ने दि२.९०६ सत्र ज० जिम ए० अतिवि०स०रिनादि० दिबरमा नीलेला दान्दार तिल कान जाहारी राजन य वटाणां दोखा अडतो दादो सङ्घगते सचिव सजदा मतिरका सरीरविदरंतरे वी लिड रिनो कुरो । एवं मे वेदा २० किन‍ बन् | उ०प्रस्तकविलवी० २०६६ नाव ना दा रसभरी बेदनात्यंतस उ०प्र०/३० विद्याकर मे० मंत्रा घोद्रवी जान इलयाद नाट्रोजीपर वैच साना कुर नियंमेयतेरि३॥ उत्तमगच निंदति । इंदासलीसमाछोरा देखला रमदारुणा २ उदधियामोच्याय रिया रिकामैततिमिला। सवित मानव न: । वेदना माता

Loading...

Page Navigation
1 ... 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248