Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 209
________________ मा०ती कर ad साटन ६ बजे जे साइत कामइति तिड क्र अकाले रामइसे तेजी ६० माहिर १०१४ स०सन दिइ मेर नीरज्ञान संतोषी | नमकमा दोसस हे नाममा सदेसको निद्विमुदेति तिहूं। कालिदास रोगारेर म एस ०००कोई दो पावावा साली / ने० ते मरने विष से० ते जो ०ईर्व बकरी समा० एका सा नि० वि लड़की जे० जीव सुनीती से०जीवन जेजी० एम०डरकः॥ रामु सि a दिदी समुदेतिति किं । नदीमे एस ए जेल किंचिस भए [स०सन ६०० एसरी पुत्री को इनुमो सरक्क सर्वश्री दाम ननलीयन राइले तेले बसवर स०डान समन न से तेज कर हवा ०६ बनाव ज्ञानी करीमु● सा विरागरति अ०रुडासनीसाबीर जीउन जो सेसेनदोस खानजमुदे तिवाले नजिती जेमी दिदी सफा दिन्दलई प्रकार नानास्त्र करीले० ते २० जी ने दीपावा० प्राणायामानुज बजे म० मनोस सदने र मेकरी १० मनोज्ञ कर्जदान दिवशी काकुम तेजोवाई सेयर जी इनई पीडा वा ० रागादिकन इवारा रविला दिए करवानी २०रादीरावाने जतेका दाइ तथा सहा एकदा एरिए नुष्टार स्कूणस कु दो०दोबइकी दिमति गरु । चसे हिंद। परिता तदेतिवाला वीजति सह गुरु कि लिडे 180 सरकाश दिवमनोज्ञमनो दिनाकवि० सं०मी सोनाकाल १ समनोदय मंतोषी मद्रास ती संतो बनर बोलममनीझनयोग स्थकइके तोती०मनोज्ञादिकरी नियो में दिये दिखी गाढ़ा कदिाहंसे। संतोष काजेय अतितलाने सतिज्ञेय (रिदै मिं 50 तेजी बी रकी लो० लोनकर लमजुऽष्टतिक त०लोन रिसिव नासोली प्रा०जि० दिदिकारको तीनइम० चोरीनाक हारन केन्द्र दो० दोबारा स परि मेला 15 सोमो एउदेइ तुि हि बी० मा मामत मु०टा असतो नो दोशन व दुष्का नई विष अ दोसेलीवर जो नादाता रियो तर पहिला लो० लोन नादो०दोष की ती माया पक्षात कर इमनी पीता दिन समजा ए को कम क श्री चोरी कर इलैको इनका से०ले बिबइजी जोमाजीश्रखय० दिनु दिनाकरीता तो जाए इसे नली बीजे माझा महषा दो लड़ः॥ भूलीविषा कि मदोलन कक्षोढोले दो म लदोसा तरकालदमुश्त सेमोसरसचा पुरस्ना कादिद रतो ॥551555) ए०एल० २३० प्रदक्ष सन्मनोज्ञान २०६० तो ० ०नी जेगीतादिकनोरब ककिलकीस०क० न० सिा मनोज्ञसद उनी गा ॐ अन्यायमा ९६नो को उपर न कर६७४ न० ने मनुष्यता ए० एल कार कलिको मुई विधान दि १६५० सम एवं तालिममा ईयतो मद्दे का तिलोऽदिशिसोदा तस्सनर एवं तदाइ हिंतोनोगे दिकिले समथक 2011

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