Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Jaysundar
Publisher: Sanchor

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Page 16
________________ चाउमिनाश्रध्ययनरखामला राजीवतव्यामंस्कृितसंसकाररहितमणीपमादकरसिा उरायसिनझारणदागीयकोमधी। जीवाश्मनाईनमादीले विवरंगियंत्रण खोजीदिमायमायया काराणीयस्मनिता गरियाणा दिनकहिंसामाकरणहारान गलीतानाजान्डेटमनेक मनुष्ययायकर्मकरीधनायाEिTAHRAनुपनबोदानतरकिजाई तेमनुष्पसमा एणयमासाकविहिंसाग्रसयांगना शाळयावंकरमहिंधणमाणसासमाययंतीशमगवायापदार्थ ररूपी आपासनई विषयवत्यविध वातावरमहिनरगिझयम सिमनेनरचारपात्रमाधिकालि आयणप्रकमिकरीनरंकपाश्वेदात तयासंघयहिएकरावाणुबहावरयंचविनाश ताणासंधिसागहीयासकमाणाकिच्चयाका) मजावयापकराहला किकीधाकामिबाई तदा तेकीयोकर्मसाग के व्यापापईमाझावी ३. २जीव संसारमविष प्राशयरधानेरानचा एवंययापचश्शालाए।कागकामारणा मुश्कालिासंसारमावनयरस्मश्राहामाहा साधारणकर्मकरसेकर्मसोगवधानरंकालितधमिवबांधवार दकबांधवपणयनांमजीवमरग यसमादीमानधनलक्ष्नाकमाईनवाण नारकाका लत्तागवश्व रक्षणीकाअदिलानश्यरला किम् । राणांचकारकामाकामस्मातरमहावयकाले नबंधवाबंधवयंचवितिगाविणतानलालपमाना साजिमघरमोहिदायुनाधुरंबधधकारिमूंजीपतिमजावयानंतश्मोहिकरीमावरमादीjाणदातुकर करतेमादशानिराधारिस स्माकमा गसमाचरनहाय मंमिालागायचा दावणवणशामायालयाचदहुमदुद्यामशायामाससुयाधीयरिबुजा झानपणशंकरशीधक्रियाकलापन विषयमादमारगासमधारूवमनमाविमचीतवई घोम्याकश्यकरई। राजसघपगमार्थिकाववाला। वाराण्डकारणेवनारूपेषीनीयरियषहमप्रमादरहिनचाल, बानीमासडियामुयान्न घारामशताबमरीसारख्यकीवरेवाला वाचारयाईएरिसंकमा जमनयन

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