Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Girdharlal
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 162
________________ |Ramesनिकमाता। वक्षमावंतदन्छानोमण/२०१मिनज्यो तिवारपना | शायणी यात्मानोवथाप०५ । स०सर्वेन दिक स्वजनबंधवनें हारकियारंभरदिगारपलोषनाथाजारात्मानोवियनाथ नान्हामोरा उत्तराध्ययन मायापछितालाब्यवास्स्तादतनिरारंभीपञ्चश्एयणारियं adअदेनाहोजायणायपरस्सय॥ सचे। जीवनोधसखियादिकजीव हिनेटणीकराजाश्तेसापदेवाको अन्यात्मामेमाहरो अण्यापलीवात्मानकानमवनिता अध्यापर नाथ यायावरण्यादिकली प्रमात्मानध्यापणानधनदविण्वेत सामजीक्षns वस्तापायाचनीदेवहारीका सोयात्मा ज ननोहमाघसरलीना ममीकरलीनीकरणहार नोपजायतारवगायनामषनोपजावणार नसेमाहरे सिंचवनूयाणातसाटावराण्याश्यामानश्वेयरलीडापाशमसामजी अप्पाकामदासू॥ अणाम जगंदनवननीवापरण्यात्माजक/505बनीउपरानलनोकराहा ग्रावोगात्माजमाचारेचिपोस्यो दिवेश्रेणिकराजाश्ते आनंदकारीकर्मनोकरलदारविक पनेमुमनीपराजशनोक मि०मिमअनेने सरुवाचरेथिसोरह्योa वीनोमनाथपलोय ३६ मनोटानाहार वितरणहाराणायामानविणा आपलोधात्मान -संजतीनोयनाथीक नंदणवण ३६॥अप्याकताविक्तायादालयसहाय मामितममितंवाऽप्यध्यिमुपदिनमाजशपाए। नीकदे०एजनिश्चेततेनेएकक्तिनिक निनियनो५० सीसीदासियनअनु/ जो अनेरो जीनोविजयवस्थिर विजयने धर्मलप्पोमीनेवि शंनकरवावेजाएएकेकब जेपर अनायपणोनिण्हेराजा सुम्सोनल जाजिम 5 घणाकान्कायरन०मनुष्य विशवाइटानिका तमेगरितोनिजसणेदिनिबंधाजहीयाणवीजहा सीयोविएगेबजाकायरानराजाजा लेझनेम०महा स सम्पयकारेनोन्नसे अवसथलकोयामानानोतेषजधादिीनसकैबंगराग तपशिवजी वेमामाची करादिकस्वादनेनिवगिरा बसझीयाबंधनतथाकर्मरुपीयाधनसेफलेकायर पतालमच्चयाशसम्मनोपासश्यप्यमाणालिग्गप्पायरसेकशिनमलमबिदबंधणसे भागनतनपरगोजपने कामविवेनानाया। आन्यादानपगरणजेता बनण्श्रीमहावीसदिकसलवंत विधाकान हनेननधीको कार विवेततिमजएका निगरलनुकतीson तजेलमार्गसेगोलेले म नोविणासन्ते जिगारमावपिण समितनेविबे Jोआदिपरन्तां बिजीनसकै ४० Boमस्तक आसयाजस्मयनलिकोरिशाएमासाएतदसणारायाणनिरकेवगाहानवीरजापुंजामगाधचिरबिसे

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