Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Girdharlal
Publisher: ZZZ Unknown
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संताप श्री
सदस
अवाज काय ना जीव मोडिन्नवस्थितिकाय स्थिति २२ नितीन स० चाण्वरमन ०३ कृष्टी कायनाजीक अनादिकान (अंतपिनथी सदाइस्से तिथपानीस्थिति रेयंदिन स्थितिभन् उत्तराध्ययनट संतद्वेषप्पण ईया नावे अपज्जवसिया दिया हि मुच्च्माईया सपज्जवसियाविय २२ तिलेवसदस्साई वसाकोसिया नी अंतर्मुर्तज० | २३ संध्याताका अॅांतर्गत तंतिकायनीका जघन्यस्थिति जनी पुण्यत्कष्टी जिन्जयम स्थिति
२३५)
स्थिति
काण्काय स्थि तिवाचका यनी
कायनी
आंतरी
काया कतोथ को
भाउजु तो मुतंजलिया २३ असंखकाल को २४ श्रण्डानं ताकाननोमु०
श्रेण्यंज जघन्य प्रांत
तो रोज दलियं कायइवान संकायच दिलांचे केस वा वा उका यनाजी चने अं० वाउका ए०९ वाचकायनाने गंगंध्यकीरण्रस्थ पोतानी काया यपलोयां मया नोएलो यांत रोप२प दवण्वर्णथकी कीफाफयिकी २४ गतकालमुकोसं तो मुजसंनदन्निया विनटेनिस एकाए वानजीक अंतर २५| एए सिंवलनचे वा गंध सफास || २६ मोराबसजीव चण्यास्पकारते बेचेंडीत तें चण्डी पं० बेंद्रियादिकजे
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|सं०संस्थानना 500 नेदय की पिता | संधारणादेदादिविहाणा सदस्यसो | २६ | राजा तसाजेन | वनविहातेपतिया बेइंदियतेइंदिय | चचरोपंचिंदियादेव २१ ने बेइदीजे० ०पकारते पक १० वर्षाताने ते बेनानेनेसु०सान किοकृमियानिष्टामादिसो० ० जसीया मा०जेट्ने एाको टे ह्यातीर्थकरे मण्डपसा लो मे०सुफनेक दूते केशव सोमंगजानां मे बेरिंडी टाएका करीनें भुंगली सरी बोधरनीपे २७ बेदिया तेजी वा विहाते पहित्तिया पज्जत्तम पक्तता ते सिने एसुणे हमे २८ किमिलो सोमंगलादेव | अल सामाश्वादया तमांदेरदे वा०वासलाना सरी बेजेट्ना संदीप नाज्ञा संपनाथ २९७ १०१लोड एफए तेनोकम तेवासी मुद्दा सि०सीय मोकरी
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त०] तिमजवण कवमा
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[वासीपनी जातीत तिम समुदायसिपिया। संखासंर एागात दा २७/१ यापुल्लयाचे वात देवयवगा | जलू गजालगाचे व ३०) इल्लेश्कारे दे० बेंदी हो० ऐश्कारे ए०एक लोचनदेशज लोकनेए नन्नचीस०सगजे संताप श्री० प्र०द्या जीवकाते माया दिईनें एकदेशाने विभागे बेते ससर्व विष्कद्यातीर्थ करे अनादिकाजना
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चंदरणीय
ज०जलोकजा० નેકીનીનાની
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