Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Girdharlal
Publisher: ZZZ Unknown
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दिवोछोरसीने विवेजती निन्दाधीकी सस्वाध्याय स०सर्वनामावजीचानीवादिक पी०पोरसीनाचा वादी नेता निजेकरकेतकदेवेवण्चोथी/नेमा०पानादि तपतिवारेस भावनेविण्श्काशनीकरणदा भागनेविवेपालीबेध करेपनी गुण्यु यो पोरसीमेविषेकजाजत बीऊष्कररीस्वाथाय१३मीयाकृतीक तिनारे।
नेका चारपोरसी शिरिक क्तिालभाय सकायतउक्तनासवभावविना पोरसीएचशाएवदिशागतगुरूवाहा स्वाध्यायना से०३का प्रय१० magalaaवहीनी १०१तिबेजायला । काकासागत स०सर्वमनोवि कालयकवतिले३० तभूमीकाने
करतोयकोनती वारेने करैकावणाकानस छमिताकालस्वासेनंउपमिलेहएतापासवगंधारभूमिव पमिलेदिलजयंजशंकानसम्गतला सबऽरकविमोर ग कासगनेविवेचितववोलेकदेवेदे०वि०चितकैयनान्जाननेविषेदंन्चारिसने विवेकपारी नेका चन्दादानेदारेशवर्त
दिवससबंधीयाअवताचारअकमेनिनेविषेतिमन० कामरूपवेदणादेनेत रकग वणदेवसियंक्यारेवितेप्तावसोनामिदसणेवेव चरित्रनितदेवयवस्टिाकासम्मो वदिनार शिवारपनी दे०दिनससंबंधीयाआलोवेजिमातीचारला पापक्षकीनिवशिनिमाया) 40शिवनिरूपवंदला काण्याजोगसनोकास रे। गुरूने अण्अतीचार गोजवैलमतमेवर दिकसम्परहितसतकदीने देईनेतालिवारेपबीयरुगतयतिवारेपची करे तमगुरु देवसियंअश्यारं यालोएजजदछम विनिवमिनाएनिसल्लो वंदिशागतगुरुाकानसम्गतकता सम्म०७यनोवि०२पायपारीनेका) चंकारेशावनिरादेवंदण शु०स्ततिमंगलनमोलुगसि का स्वाभायनोकाला। पदिलीपो० कावलदरकाठसग काउसमा दक्नेत तिवारजी०रुले सिबनेकाप करी१७ति३ । पोपोरिसर सरकविमोरकणाधारियकाउसम्गो वंदिताणतनगुरू शुभमंगवकामकासंपमिलेहावापदनयोरिसी सस्वामा विवीजीपोरसीरंकामांतीजीपोरसीवि०निशसस्वाध्यायकरै|181 पोपोरमीश्वञ्चो काण्स्वाध्यायनोकान वकरै नकिमावै मोकलीमकैनिकाकरे चोथीपोरसीद छीतेदनेवियपतिले साये बिझ्यंका क्रियायतश्यानिमारकंसकायंउचडीएनधागोरसील्वच्छीकापकिनदिया। सासजमायतिका धागजमाइतोकोपाबजीपोरसीनाचम्चन्याना बंपदा दिनेततिचा प०निवर्तनकावस्वाध्याय । कास्वाध्यायनोकान स्वी करै संजती रहस्यादिकनेष गोवियशमीशषपाकतीक रेपची गुरूने नाकरवाना कालयका पतिले सायंजतनऊज्ना अवोदंतोअसंजएराध्यापोरसील्चमशागवेदिताणतनगुरुयमिछमिताकालस्साकालंपमिलेहरू

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