Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Girdharlal
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 253
________________ सागरोपमछाने असंपातमोजागनवनयपदीका विश्वासा कटा स्थितिहोवाकवलहमले | एएनेन्नारकीले स्थानीहिनस्थिति पप्पल्पनी भनेपानी यांचमीक्षमपनाएथ्वीनीयापेक्षा सागरीषम स्थानीसातमीजीजीअपेक्षाधव सगजानीवकही सउदहीपलियामसरकनागंजहलियाहोईक्तिीसंसागराजकोसाहोड्कएहा एसानेरयाणं लेसाहिवाल हो | तिवारेक्वीवो० वि०तिर्यचनीम०मध्यदिग्दै | अंग अंतर्मुलत जलेस्पानीहिस्थितजाश्थ्वीका वितियधनेनसमुर्विमनेगर्मिन करिसवताना सानीस्थिधमकान यादिकविवेजानेकाननेस्पादिक मनष्पादिकनेकिनिसानीस्थि यादाड़ातणपरंवोच्लानितिरियमएस्साणदेवाणविश्वाअंतीमुजातालेसाणजिदिनहिनांनतरियाणराव तिजा 10/वण्वजनिक कवनीनेवली 490sarजव रू ष्टीही मानववरसेवरसेलीवास्विजीजारोदनेताnaiलनीस० कलेस्पाजवीनं नयन्यस्थिति पुर्वको नि काल केवलज्ञानकापनोकतनीश्वकालेस्पानी किंवत्रज्ञाननंतनी वजिनाकवले संयमानजहन्ना नकोसादोपुचकोमानानदिवरसहिला स्थिविनायचास शुक्ललेस्पानी निस्तावअने जस्थानी स्थिति | तिनारेपनी जेस्पानीहिनस्थिति |13| दशसहस्ख। स्थितिबदनवमनुष्यानी कहीदोजाई नोपकाहिसं देवदेवतासगलाई वर्ष कंलेसाक्षएसाहिरियनराजेसाणहिरवलियाव्होलपरंवोच्छामि साहिदेवाला दसवाससहस्साझ कलमलेस्पानीहिलस्थितजन्जयन ५० पल्मनोम संपातमो/30लष्टीस्थितदोबजायजेककृशलेस्पानी 303मष्टीसाव्सएकसमय होजनातरमवनपतीनअपेक्षा नाग३०॥ कालालेस्मानी विस्थितरवनिश्चय अधिकएतरास्थिति किरदारहिईजहनियादोशवलियमसरवेतमोजक्छोसाव्होकिएदारावाजकिण्हालहिईवाक्कोसासा समयमा जवजयपनीनीन १०पल्पनोसन्सव्यातमीनागतेजयन्यस्थिति जायजेनी नीचस्पानी उपकासापतेस०एकसमय-जयनयन्यकाकापो लेस्पानी ऊपस्थिधिको जालोaanाष्टस्थिति निस्थितिवनिश्चय मण्यक्षिकाएतजीस्थिति-ततेस्पानीजाणवी दियाजदललनीलाएवलियमसंरक्कीसाधणाजानीजार विश्वविक्कोसासागसमयमज्ञदिया तहानेकानए। १०पमनोमा संध्यातमोजागतिवारखण्तेजोस्पाजपजिमरावदेवता 100वती जोपोलिविण्वैमानिकाधना नमानीक जयन्यस्थितिअपरिधिकोनी जीदिवेवी नागसरहनेतिमकहिशिनातालम तिनादेनतानीलेस्थानीस्थिति नीलेस्पाद गवीनगनकष्टीस्थित कदि व्पषतेरारूकहे तर आगलीक दिस्पेयर नीस्थिति पलियमसंरक्वनकोसायणाणपरंवोल्वामितेिनलेसाजदासुरगणाभवणवश्वाणमंतरानोश्सोमालियालेचारपलिम

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