Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Girdharlal
Publisher: ZZZ Unknown
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नमेसन्संसा अन्नोगरहितास्तविक जीजोअनेसासको गोगोला दो०बिक्रविशयावयाफ जोण्जेगोजोनीलोमतोलोग्तेत स्मादि मश्कीकाम
बेनीया मादीना व्यायासकामाऊलीते तिदमीतेजपलागेविप्लग उतरायटनटवा
नाश्ससारेराअभोगीशियबशशजल्लोसकोदोबूटा गोनयामहियामया दोविआवमियाजी जोनलोसोजग
भशमा प्रकारेजविज जेनरजेकायकामविणकामचोगनिवजनिमसुम्सकोगो। वाणी परेसोपोजण्जययोषजती। अ० ( ६ (गे505दिवंत भोगनेविषेसंपटतिनपकनिबंधाई सोनीनलांगे
वि०विजयघोसनेसमीती शएवंलग्गविमव्हा जेमरकामजालसाविरज्ञानुनलग्गतिजहासकेनगोनाएसोविजयघोसे जयघोसस्सlan निवासेनिन्दादिस्पादिकधर्मसोग रखपावीने | संसजमने | जजयघोषध सिम्मोक्षपतिश्रीसभा साजीसी सांगली
सूजाकाकर्म-ततकरीवि०विजयधीष पाRO9ोन स्वामी जगारसमनिरकंतीचासोचाणशाखविज्ञावकामासंजणवेणया जयघोसविजयछोसा सिपायरेलिब तेकह्यादेवोनिममेश्रीमहावीरदेवसमावसानज्योकंतीतिमउकश्तेकबुध्यति साप सामनेजतीनेजयाच सासर्वबनी जेजेस छजियोपविजयशेषनामाश्रमेननार्थसमारपीसमा अनवियबाह्मनाक खतिसमानारी कलिस्पे। विश्काबलहा मावारीच ह्याजेशजतीनेजरंकानेजतीनेदसविधसमाचारधावस्वीतेनलीयावीसमाव-विवेद विवस सुधर्मास्वामीनाक्व री
शवरीने नितिजयघोसविजयशसःशयाणसम्मा२यानारी कही ये सामायारियवरकाशिसवधरकविमारक. गंवरिश
शिनिय । वियतवाससंसाररू०पहिलीसमाचारीया बि०बीजीनियरूपतेप्रवीन कार्यक चवथीपणजीजानतीनाकाकरि। सावीयोसान्समरआवस्पिकानामराधिकार खाकरेजाजी वाईतेकायकवावेलावनीयस्तश्ते लालनिग्गंधातिनासंसारसागरेशपदमाछावस्सियानावाविश्यायनिसीदिया आणायतश्या चमच्छीवनिवm२॥ पनि) पंपोवनीमायादारादिकलोश samरीचाजस्तो कार्यकरज्यो सम्मानमानियतीचारखागोतपरु नोववनसाहनी ने अ स्थायी parmanरिनिमवेतकांचनीमानामय मानेकोषकानतीनकोतवही हिनामिनाविकानोटेको मकरेतेश्रामीताननवमील भा२॥ पंचमाणानामाइछाकारोयनमसतमोमिचकारोमतदकारोयचाउमाकानव चरिपक्षा दण्दसमीसमानारी उपसिज्ञातनायीवानगीतयारसा ए०एण्क्षाका । सम्समादारी गएश्रादिकमारियकीनादिस्यमनकरेजा शिवारेटा पावनणानगीश्रीसंघमास्वामीनाविषयोतमनेसलीवर नीसा सामने तीर्थकरेक-दीव वस्पदीकदितोयकोलाहिरनाकले अवस्यमेवाटोकोऽत्येते मादसामानवसंपदा विसंपदाकण्यादसंगासाक्षणं समायारीपवेश्यागमयंशावस्सियंकज्जा भणीयावस्पीक

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