Book Title: Tiloypannatti Part 1
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 5
________________ ६ ग्रंथ के संपादक श्री चेतनप्रकाशजी पाटनी, दिवंगत पूज्य मुनिराज श्री १०८ समतासागरजी के सुपुत्र हैं तथा उन्हें पैतृक सम्पत्ति के रूप में अपार समता तथा श्रुताराधना की अपूर्व अभिरुचि ( लगन ) प्राप्त हुई है। टीकाकर्त्री माताजी प्रारम्भ में भले ही मेरी शिष्या रही हों पर अब तो मैं उनमें अपने आपको पढ़ा देने की क्षमता देख रहा हूं। टीकाकर्त्री माताजी और संपादक श्री चेतन प्रकाशजी पाटनी के स्वस्थ दीर्घजीवन की कामना करता हुआ अपना पुरोवाक् समाप्त करता हूं | विनीत : पन्नालाल साहित्याचार्य सागर

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