Book Title: Tidantarnavatarani
Author(s): Dhanvada Gopalkrishnacharya Somayaji
Publisher: E J Lazarus and Co

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Page 588
________________ विहन्तार्णवतरणि:-पकारामात्मनेपदानि । लिट् । सुषदे सषदाते सुदिरे सुदिषे सुषदाथे सुविध्ये सषदिवहे सषदिमहे संदिता सदितारी मूदितारः सदितासे सूदितासाथे मूदिताध्ये सूदिताहे सूदितास्वहे मूदितास्महे सदिष्ये सदता सदस्व 194494 सदावह सदवं मंदिष्यते मदिष्यसे • मंदिष्येते दियेथे मंदिष्यावहे मंदिष्यन्ते दिष्य मूदिष्यामहे लोद म. सदै .. सूदेतां सदेयां सूदन्तां सूदामहै . लड़ मा असूदत असूदथाः असूदेता असदेयां असदावहि असदन्त असदध्वं असदामहि विधिलिड म. ए.. सदेत सदेथाः सदेय. .. द्विः सदेयातां सूदेयाथां . सदेहि सूदेरन सदध्वं सदेमहि पाशीलिंड दिया.., मूदिपीटा.... .. . V ATM

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