Book Title: Tidantarnavatarani
Author(s): Dhanvada Gopalkrishnacharya Somayaji
Publisher: E J Lazarus and Co
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शरतिसावतरणि:-कादिपरस्मैपदानि । अस्मात्सन- लद प्र. ए. सिषिधिषति-सिषेधिषति-सिषिसति षि
यह लुक सेषीधीति-सेसद्धिपरज गती- सन्जति शेषशर्वधातुवतधन-प्रार्जने- लट् लिट् लुट् लट् लोट म. ए. सर्जति ससर्ज सर्जिता सजिष्यति सजेतु-तात
लङ, लिङ प्राशीलिङ, लुङ्लु ङ .. प्र. ए. असर्जत- सर्जत सात असर्जीत अर्जिण्यत षिट-अनादरे सेटति- शेषषिधधातुवत षट-अवयवे- सटति- शेषंशगाधातुवत् षप-समवाये- सति- शेषपूर्ववत पर्ज-गती- सर्जति- शेषंषस्जधातुवत टभ-हिंसार्थ:- सर्भात- शेषंषधातुबत् टभृ-हिंसार्थ:- संभति- शेषमृचधातुवत विभ-हिंसा:- सेति- शेषिटधातुवत् पिंभु-हिंमार्थ:- सिंभति- शेशिंधुधातुवत धन--शब्दे- स्तनति- शेषंगाध तुक्त षण-संभक्ती- सनति- शेषपधातुवत
ल-चलने- सेलति- शेषवेलधातुबत् पल-गती- सति- शेषंषणधातुवत ष्टिपु-निरसने- स्लेवत्ति- शेषषिधधातुवत पर्व-हिंसायां सर्वति- सर्वधातुबह ष्ट्रत-गती- स्तृततिटक-प्रतिघाते- स्तति षगे-संघरणे- सति ष्टग-संवरणे- स्तगत एमः-अवैकल्ये... स्तमति सम-अवैकल्ये समति टल-स्थाने- स्थलतिपह-पंधने- महति .,

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