Book Title: Tibba Ratnakar
Author(s): Kanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
Publisher: Kanhaiyalal Munshi

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Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - - - me - - ...आष्य फ़सलनी वरूद के भेदों में से। फ़सल दसवीं वखूरात आथीत् धूनियों में । फ़सलग्यारहवीं पाशीया के नुसखों में। फसलवारहवीं तिण्या अथीत ज़हर मुहरों के नुसखों में। फ़सलत्तेरहवीं तिज़ावके नुसखों में ॥ फ़सलचौदहवीं जवारों में ॥ फ्रसलपंद्रहवीं मस्तक ओर दरदों के रोगों की गोलियों में। . फ़सल सोलहवीं नव के रोगों के दूर करने की हवूवात भार्यातणे७/२४ लियों में ॥ .. फसलसत्रहवीं . मुहकैरोगों के दूर करने की गोलियों में। फसलमठारवीं क्षुधा लगाने वाली और अन्नादिक कोपचाने, वाली तथा वादी और शूलदूरकरनेवाली गो लियों में। फ़सल उन्नीसवीं - - - । - - - - - For Private and Personal Use Only

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